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Income Tax Notice : इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब नहीं देने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स को पता होनी चाहिए ये जरूरी बात ​​​​​​​​​​​​​​

Income Tax : इनकम टैक्स विभाग टैक्स नियमों का उल्लंघन करने वालों पर समय समय पर कार्रवाई करता रहता है। इसके लिए वह नोटिस (Income Tax notice rules) भी भेजता है। विभाग के नोटिस का जवाब देना जरूरी होता है, नहीं तो और भी कड़ी कार्रवाई विभाग की ओर से की जा सकती है। हर करदाता (taxpayers news) को इस बारे में जरूर पता होना चाहिए कि विभाग के नोटिस का जवाब न देने पर विभाग क्या संज्ञान ले सकता है।

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Income Tax Notice : इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब नहीं देने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स को पता होनी चाहिए ये जरूरी बात

HR Breaking News - (income tax rules)। कई करदाता इस बात से पूरी तरह से अनजान होते हैं कि आयकर विभाग के नोटिस का जवाब  न देने पर विभाग क्या कार्रवाई कर सकता है। आप विभाग के किसी नोटिस का जवाब (how to reply IT notice) नहीं देंगे तो विभाग के रडार पर आने के कारण परेशानी में घिर सकते हैं।

आयकर नियमों के उल्लंघन करने वालों पर इनकम टैक्स विभाग (income tax department) तुरंत शिकंजा कस देता है। इसलिए आपको इस बारे में पहले ही जान लेना चाहिए कि नाटिस का जवाब न देने पर आप पर क्या कार्रवाई हो सकती है।

नोटिस में दिए गए सवालों को समझना भी जरूरी-


कई बार आयकर विभाग के नोटिस (IT notice rules) में पूछे गए सवालों को ही लोग सही से नहीं समझ पाते हैं और गलत जवाब दे बैठते हैं। यह उनके लिए आफत बन जाता है। इसलिए सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि नोटिस (IT notice) में पूछा क्या गया है। उसी अनुसार आपको सही जवाब देना चाहिए। इसके लिए आप कानूनी विशेषज्ञ की मदद भी ले सकते हैं। 

आईटीआर से संबंधित है नोटिस तो क्या करें-


आईटीआर भरने के बाद उसमें कुछ खामी रह जाती है तो विभाग (IT department notice) उसे पकड़ लेता है और नोटिस भेजकर करदाता से जवाब मांगता है। करदाता की ओर से आईटीआर (income tax rules) में कोई जरूरी जानकारी न देने पर भी नोटिस भेजा जाता है। ऐसे में आयकर विभाग आयकर अधिनियम की धारा 139(9) के तहत नोटिस भेजता है ताकि गलती को सुधारा जा सके। गलत आईटीआर (ITR filing rules) पता लगाते हुए आप नोटिस का इस तरह जवाब दे सकते हैं- 

टैक्स रिफंड के लिए जरूरी है यह काम करना-


गलत आईटीआर पर नोटिस मिलने का मतलब है कि आपकी आईटीआर (ITR) भरी ही नहीं गई है। यानी पहले वाली आईटीआर न भरने के बराबर है। आयकर विभाग (Income Tax department) की ओर से इनकम टैक्स का रिफंड भी इस तरह की स्थिति में नहीं दिया जाता । 

सही तरीके से दें नोटिस का जवाब -


जब भी आयकर विभाग की ओर से धारा 139(9) (Income Tax Notice rules) के तहत नोटिस मिलने का मतलब है कि आपकी ओर से भरी गई आईटीआर डिफेक्टिव रिटर्न (defective return) है। यह नोटिस आने के बाद 15 दिनों में आप आईटीआर में गलती को सुधार सकते हैं और जवाब दे सकते हैं।  

15 दिन के अंदर किसी जरूरी कार्य के चलते अगर आप विभाग के नोटिस का जवाब (notice reply rules) देने में असमर्थ हैं तो जवाब के लिए अवधि बढ़वा सकते हैं। आयकर विभाग के एसेसिंग ऑफिसर से आवेदन कर आप समय बढ़वाने की अनुमति ले सकते हैं।

यह जानकारी न मिलने पर रिटर्न होती है डिफेक्टिव-


आईटीआर में चुकाए गए टैक्स (income tax rules) की जानकारी न मिले तो उसे डिफेक्टिव आईटीआर माना जाता है। टीडीएस क्लेम करने और टैक्स के लिए इनकम को नहीं दिखाने पर भी आईटीआर को डिफेक्टिव (defective ITR) माना जा सकता है। विभाग को आईटीआर में भरे गए टैक्स (tax paying rules) व इनकम में अंतर मिलता है तो भी नोटिस भेजा जाता है। कुल मिलाकर अधूरी रिपोर्ट, अकाउंट की अधूरी जानकारी, अधूरी आईटीआर डिफेक्टिव आईटीआर (ITR) में गिनी जाती हैं। इन पर नोटिस मिलने पर उसी अनुसार जवाब दें।