Income Tax Raid : इनकम टैक्स विभाग कब करता है रेड, कौन सा सामान नहीं हो सकता जब्त, जान लें अपने अधिकार
Income Tax : आयकर विभाग की रेड देश में कई जगह लगती ही रहती है। इस दौरान इनकम टैक्स (Income Tax Raid rules) के अफसर सामान आदि को भी जब्त करते हैं। छापे के दौरान विभाग की टीम हर सामान को जब्त नहीं कर सकती और इस दौरान उस व्यक्ति के भी कई अधिकार होते हैं, जिसके यहां छापा लगता है। खबर में जानिये विभाग (income tax department) की टीम कौन से सामान को हाथ नहीं लगा सकती और संबंधित व्यक्ति के क्या अधिकार होते हैं।

HR Breaking News - (IT Raid)। इनकम टैक्स विभाग पर देश में कर व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है। इसे लेकर विभाग ने कई तरह के नियम भी तय किए हुए हैं। इन नियमों (income tax rules) के उल्लंघन पर विभाग अलग अलग तरह से नोटिस आदि भेजकर कार्रवाई करता है।
लेकिन यह कार्रवाई नोटिस (IT notice) तक ही सीमित नहीं होती, विभाग रेड भी मारता है। इस रेड में अधिकारी कौन सा सामान जब्त कर सकते हैं और कौन सा नहीं, इसे लेकर कम ही लोग जानते हैं। इस दौरान आपके भी कई अधिकार होते हैं। आइये जानते हैं इनकम रेड (IT raid) से जुड़ी अहम जानकारी, जो आपको पता होनी जरूरी है।
आयकर रेड को लेकर जानिये यह नियम -
इनकम टैक्स रेड (income tax ki raid) के लिए भी कानून में प्रावधान किया गया है। इनकम टैक्स एक्ट (income tax act ki raid) की धारा-132 के अनुसार आयकर अधिकारी 24 घंटों में से किसी भी समय किसी भी व्यक्ति के बिजनस, प्रतिष्ठान या घर पर छापा मार सकते हैं। रेड दिन या रात के समय में भी की जा सकती है। आमतौर पर रेड (IT raid kab padti h) अलसुबह ही की जाती है ताकि संबंधित व्यक्ति को इधर उधर होने का मौका न मिले। यह कितनी भी देर चल सकती है।
टीम को यह होता है अधिकार -
छापे के दौरान पूरे परिसर में मौजूद किसी भी व्यक्ति को वहां से इधर उधर आने जाने की अनुमति नहीं होती। केवल आयकर (income tax) अधिकारी से आज्ञा लेकर ही वह कुछ कर सकता है। वहां पर मौजूद हर व्यक्ति और महिला की तलाशी आयकर की टीम (rules for IT Team) ले सकती है। रेड के दौरान पुलिस भी बुलाई जा सकती है और शोरूम या दुकान आदि के ताले भी तोड़े जा सकते हैं।
इस स्थिति में मारा जाता है छापा -
छापा मारने वाली टीम घर या दुकान व शोरूम की तलाशी के लिए वारंट (IT search warrant) लेकर चलती है। इसे उस व्यक्ति को दिखाया जाता है, जिसके यहां छापा मारा जाता है।
छापे में जब्त सामान को उस व्यक्ति से सत्यापित भी कराया जाता है। सरकार के वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अधीन कार्यरत आयकर विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) जैसे विभागों व एजेंसियों को छापा मारने का अधिकार होता है। ये सब टैक्स चोरी (tax evasion), कालेधन या आय छिपाने आदि के मामलों में किसी के यहां छापा मार सकते हैं।
कौन सा सामान हो सकता है जब्त-
दुकान या शोरूम में मारे गए छापे के दौरान सामान जब्त (goods confiscated) किए जाने का भी नियम है। हालांकि यह इस पर भी निर्भर करता है कि आयकर ने छापा (income tax ki raid) कहां और किस मकसद से मारा है। सामान्य तौर पर प्रतिष्ठान में बेचने के लिए रखे सामान को जब्त नहीं किया जा सकता, उसकी डिटेल नोट की जा सकती है। उस सामान से जुड़े कागजात विभाग की टीम जब्त कर सकती है।
इस सामान को नहीं किया जा सकता जब्त-
किसी दुकान या घर में कैश और सोना (IT rules for cash and gold) अत्यधिक मात्रा में मिलता है और इसके सबूत व्यक्ति के पास हैं तथा आईटीआर (Income tax return) में भी इसे दर्शाया गया है तो उस सामान को आयकर विभाग की टीम इसे जब्त नहीं कर सकती। इसलिए अपनी आय का स्रोत ज्ञात रखें। सारे गहनों, कैश आदि कि अपने पास पुख्ता सबूत होने भी जरूरी हैं।
छापा लगने के दौरान व्यक्ति के अधिकार-
जब किसी के यहां पर छापा लगता है तो उस व्यक्ति के भी कुछ अधिकार (rights in IT raid) होते हैं। वह छापा मारने आई टीम के आयकर अधिकारियों से वारंट दिखाने और पहचान पत्र दिखाने का अधिकार रखता है। इसके बाद ही छापा (income tax raid) मारा जा सकता है। छापे के दौरान महिला की तलाशी टीम की महिला कर्मचारी ही ले सकती है।
बेशक महिला ने अपने कपड़ों में कोई सबूत भी छिपा रखे हों, लेकिन पुरुष कर्मचारी महिला की तलाशी नहीं ले सकता। आयकर अधिकारी (rule for IT Team) खाना खाने या बच्चों को स्कूल या ट्यूशन जाने से नहीं रोक सकते। उनका स्कूल बैग जरूर चेक कर सकते हैं।
छापा मारने से पहले किया जाता है सर्वे-
कई लोग इनकम टैक्स रेड और इनकम टैक्स सर्वे (income tax survey) को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। ये दोनों ही अलग अलग होते हैं, इनमें काफी अंतर भी होता है। इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की धारा 133ए के तहत सर्वे किया जाता है। आमतौर पर यह छापा मारने से पहले किसी के बिजनस के ठिकाने पर किया जाता है। घर पर तभी सर्वे (IT survey) हो सकता है जब कंपनी के दस्तावेज घर में रखे हों। इसमें न पुलिस की कोई भूमिका होती है, न कोई सामान जब्त किया जा सकता है।