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Income Tax Rule 2025 : घर में गोल्ड ज्वैलरी रखने की लिमिट, जानिए इनकम टैक्स के नियम

Income Tax Rule 2025 : इनकम टैक्स के छापों में गोल्ड ज्वेलरी या दूसरे रूप में सोना मिलता रहा है। इसकी वजह है कि देश में घरों में सोना रखने की पुरानी परंपरा रही है। लेकिन आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताने जा रहे है कि आखिर घर में ज्वैलरी रखने की क्या सीमा है... ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है इससे जुड़ा इनकम टैक्स का नियम-
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Income Tax Rule 2025 : घर में गोल्ड ज्वैलरी रखने की लिमिट, जानिए इनकम टैक्स के नियम

HR Breaking News, Digital Desk- (Income Tax Rule 2025) भारत में सोने की खरीदारी मुख्य रूप से पहनने और भविष्य की सुरक्षा के लिए होती है, निवेश के लिए कम। शादियों और घरेलू उपयोग के लिए सोने के आभूषणों की मांग अधिक है। हालांकि, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) जैसे निवेश विकल्प मौजूद हैं, लेकिन भौतिक सोने का महत्व अभी भी बना हुआ है, जिसे लोग आभूषणों के रूप में घर में रखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं?

CBDT के क्या निर्देश हैं?

इनकम टैक्स के छापों में गोल्ड ज्वेलरी या दूसरे रूप में सोना मिलता रहा है। इसकी वजह है कि देश में घरों में सोना रखने की पुरानी परंपरा रही है। इसलिए सोने की ज्वैलरी या दूसरे रूप को लेकर संदेह करना ठीक नहीं होता है। इसी बात को ध्यान में रख सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 1994 में एक निर्देश जारी किया था।

CBDT का यह निर्देश इनकम टैक्स (income tax) अधिकारियों के लिए था। इसमें कहा गया था कि छापों के दौरान एक खास मात्रा तक गोल्ड ज्लैवरी या दूसरे रूप में सोने को जब्त नहीं किया जाए। इसके लिए परिवार के सदस्यों के लिए मात्रा की अलग-अलग लिमिट तय की गई थी।

सीबीडीटी के निर्देश में कितनी है लिमिट?

अगर किसी विवाहित महिला के पास 500 ग्राम तक की गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त नहीं करेंगे। अगर किसी अविवाहित महिला (unmarried women) के पास 250 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे जब्त नहीं किया जाएगा। किसी विवाहित या अविवाहित पुरुष सदस्य का 100 ग्राम तक के गोल्ड ज्वेलरी को जब्त नहीं किया जाएगा।

ध्यान देने वाली बात यह है कि मात्रा की यह सीमा परिवार के एक सदस्य के लिए है। इसका मतलब है कि अगर परिवार में दो विवाहित महिला सदस्य हैं तो कुल सीमा 500 ग्राम से बढ़कर एक किलोग्राम हो जाएगी। सीबीडीटी (CBDT) के इस निर्देश का मकसद हर गोल्ड ज्वेलरी की बरामदगी (recovery of gold jewellery) को जब्ती की प्रकिया से बाहर रखना था। हर गोल्ड ज्वेलरी की जब्ती से विवाद की संख्या बढ़ जाती है।

यह समझना जरूरी है कि सीबीडीटी का यह निर्देश गोल्ड ज्वेलरी रखने के लिए (CBDT's instruction for keeping gold jewellery) किसी तरह का कानूनी अधिकार नहीं देता है। यह कानूनी सीमा भी तय नहीं करता है। इसका मकसद छापों के दौरान टैक्सपेयर्स (taxpayer) को सिर्फ गोल्ड ज्वेलरी की जब्ती से राहत देना है। यह भी समझना जरूरी है कि यह निर्देश सिर्फ परिवार के ज्वेलरी या दूसरे गहनों पर लागू होते हैं। अगर परिवार से बाहर के किसी सदस्य के पास गोल्ड ज्वेलरी (gold jewellery) मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त कर सकते हैं।

गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1968 क्या है?

इंडिया में पहले गोल्ड कंट्रोल एक्ट (gold control act), 1968 लागू था। इसके तहत लोगों को एक सीमा से ज्यादा सोना रखने की इजाजत नहीं थी। लेकिन, इस एक्ट को जून 1990 में खत्म कर दिया गया। फिर, सरकार ने ऐसा कोई कानून पेश नहीं किया, जो सोना रखने की सीमा तय करता है। अभी कोई व्यक्ति या परिवार अपने पास कितना सोना रख सकता है, इसकी कोई कानूनी सीमा (legal limit) तय नहीं है।