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Income Tax Rule : भारत में इन लोगों को नहीं देना पड़ता टैक्स, चाहे करोड़ों अरबों में हो कमाई

Income Tax Rule : भारत में रहने वाले हर नागरिक को इनकम टैक्स भरना अनिवार्य है। इनकम टैक्स रिटर्न के दायरे में आने वाले हर व्यक्ति के टैकस अदा करना होता है। इसको लेकर आयकर विभाग ने कई तरह के नियम भी बनाए हैं। इस बार बजट में सरकार ने इनकम टैक्स में छूट दी है, लेकिन इसके बावजूद टैक्यपेयर्स के मन में यह सवाल आता है कि क्या देश में कोई ऐसी जगह नहीं, जहां एक रुपया भी कर ना देना पड़े। बता दें कि भारत में एक राज्य है जहां, के निवासियों को टैक्स नहीं भरना पड़ता। 

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Income Tax Rule : भारत में इन लोगों को नहीं देना पड़ता टैक्स, चाहे करोड़ों अरबों में हो कमाई

HR Breaking News - (Income Tax Rule)। केंद्र सरकार ने बजट 2025 में टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा दिया है। बजट में सरकार ने 7 लाख रुपये सालाना कमाई पर लगने वाले टैक्स (Income Tax filling 2025) की छूट को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब 12 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वाले को एक रुपया भी टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अब इससे ज्यादा कमाने वालों का क्या होगा।

 उन्हें अपनी कमाई पर टैक्स अदा करना पड़ेगा। ऐसे में टैक्सपेयर्स के मन में यह ख्याल आता है कि देश में कोई ऐसा राज्य या शहर नहीं है, जहां कोई टैक्स नहीं भरना पड़ता हो। बता दें कि भारत में एक ऐसा राज्य है जहां के मूल निवासियों को लाखों - करोड़ों रुपये कमाने के बाद भी एक रुपया टैक्स नहीं भरना पड़ता। 

 इस राज्य में रहने वालों को नहीं पड़ता टैक्स - 

कोई भी अपनी कमाई में से एक छोटा सा हिस्सा भी टैक्स के रूप में सरकार को नहीं देना चाहता। इससे बचाने के लिए कुछ लोग तो कई तरीके भी ढूंते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी राज्य है, जहां पर कमाई पर जीरो टैक्स लगता है। जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं कि सिक्किम एक ऐसा राज्या है जहां रहने वाले व्यक्ति को अपनी कमाई पर कोई टैक्स  (tax free state) नहीं देना पड़ता। 

भारत का सिक्किम (tax exemption sikkim) एकमात्र राज्य है, जहां संविधान के अनुच्छेद 371(F) और इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(26AAA) के तहत मूल निवासियों को लाखों- करोड़ों रुपये सालाना कमाने पर भी टैक्स नहीं देना पड़ता। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि इस राज्य को यह खास सुविधा कैसे मिली है। 


बता दें कि जब 1975 में सिक्किम (sikkim income tax rules) को भारत में विलय किया गया, तब उसके अपने प्रशासनिक और कर नियम थे। सिक्किम को जब भारत के साथ मर्ज किया जा रहा था तो वहां के प्रशासन ने भारत सरकार के सामने प्रस्ताव रखा कि उन्हें कुछ खास शर्ते व नियम हैं जिन्हें सिक्किम को भारत के साथ जोड़ने के बाद भी बनाए रखना होगा। जिसके लिए संविधान में अनुच्छेद 371(F) जोड़ा गया। 

इन इनकम पर मिलती है छूट -

इस अनुच्छेद के कारण सिक्किम (why sikkim is exempt from tax) के मूल निवासियों को आयकर में छूट मिली, जो आज भी लागू है। धारा 10(26AAA) के मुताबिक, सिक्किम के मूल निवासियों की आय जैसे वेतन, व्यवसाय, शेयरों से लाभ, ब्याज या निवेश पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। 


यह विशेष प्रावधान सिक्किम की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को संरक्षित करने के लिए बनाया गया है, जो इसे भारत के अन्य राज्यों से अलग बनाता है। टैक्स छूट (income tax ) की खास सुविधा को लेकर यह राज्य ITR फाइल के दिनों में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय भी रहता है। 

इन लोगों को नहीं मिलती टैक्स फ्री की सुविधा - 

सिक्किम में रहने वालों को कमाई पर कोई टैक्स (income tax) नहीं देना होता, लेकिन इसके भी कुछ नियम व शर्ते हैं। कहने का मतलब यह है कि वहां पर रहने वाले सभी लोगों को टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलता है। जो साल 1961 के सिक्किम सब्जेक्ट रेगुलेशन में दर्ज हैं और उस समय दर्ज लोगों के वंशज हैं। सिर्फ उनको ही टैक्स में छूट मिलती है। नए लोग या अभी सिक्किम में जाकर बसने वाले लोगों को टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है। 


 

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