Income Tax Rules : अब कैश में इस लिमिट से ज्यादा किया लेनदेन तो लगेगा 100 फिसदी जुर्माना, जानिये इनकम टैक्स के नियम

HR Breaking News - (cash transaction rules)। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लोगों की डिजिटल ट्रांजेक्शन ही नहीं, हर छोटी-बड़ी कैश ट्रांजैक्शन (cash transaction limit) पर भी बाज जैसी नजर रखता है। कैश में लेनदेन को रोकने व डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कई नियम बनाए गए हैं।
अधिकतर लोग इन नियमों से अनजान होते हैं और बाद में उन्हें काफी परेशानी होती है। उल्लंघन पर 100 प्रतिशत जुर्माना (cash transaction krne par fine) भुगतने के साथ अन्य कार्रवाई का सामना भी ऐसे लोगों को करना पड़ सकता है। नकद में लेनदेन करने वाले इन नियमों को जरूर जान लें, ताकि इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई से बच सकें।
आयकर विभाग ने की सख्ती-
लिमिट से ज्यादा कैश में लेन देन (cash transaction new rules) करने पर जुर्माना तय किया गया है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में इसे लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। कैश ट्रांजैक्शन (Cash Transaction) करना सरकार के डिजिटल को बढ़ावा देने मकसद को प्रभावित करता है। इसलिए कैश में अधिक लेन देन पर रोक लगाई गई है और नियम भी बनाए गए हैं।
इस एक्ट के अनुसार भत्तों व अन्य खर्चों का भुगतान भी एक तय सीमा से अधिक नहीं किया जा सकता। इनकम टैक्स विभाग (income tax department) ने साफ तौर पर कहा है कि तय लिमिट से ऊपर नकद लेन देन करने पर उसी रकम के बराबर जुर्माना वसूला जाएगा यानी वह पूरी की पूरी 100 प्रतिशत राशि जुर्माने में ले ली जाएगी।
इसी साल जारी किया था ब्राउसर-
आयकर विभाग ने इसी साल जनवरी माह में एक ब्रोशर (IT brochure) जारी करते हुए कहा है कि नकद में लेन देन बंद करें। यह ब्रोशर 'कैश ट्रांजैक्शन को 'ना' कहें नाम से ही जारी किया गया है। इस ब्रोशर में नकद लेन देन से संबंधित कई जानकारी भी साझा की गई हैं। ब्रोशर में इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की अलग-अलग धाराओं के अनुसार नकद लेन देन से जुड़े कई नियम बताए हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. सेक्शन 269SS : नकद राशि लेने व देने पर कार्रवाई-
आयकर अधिनियम की इस धारा के अनुसार लोन, किसी जमा या अचल संपत्ति के ट्रांसफर (property transfer rules) के लिए 20,000 रुपये या उससे ज्यादा नकद में नहीं लिए जा सकते। ऐसा पाए जाने पर बराबर रकम का जुर्माना लिया जाएगा।
इन पर लागू नहीं यह नियम-
सरकार बैंकिंग कंपनी, पोस्ट ऑफिस, सेविंग बैंक या कुछ चुनिंदा को-ऑपरेटिव बैंकों पर यह नियम लागू नहीं है। केंद्रीय, राज्य अधिनियम के तहत स्थापित निगम भी इस इस नियम के दायरे से बाहर है। एक अधिसूचित संस्था, संघ या निकाय पर भी ये नियम लागू नहीं होते।
खेती की आय से जुड़ा नियम-
इस बात का ध्यान रखें कि अगर कैश देने वाला और लेने वाला दोनों खेती से आय (tax on agriculture income) ले रहे हैं तो उनमें से किसी की कमाई इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल नहीं होनी चाहिए। इस नियम का उल्लंघन किया तो धारा 271D के तहत कैश में ली गई रकम जितना ही जुर्माना लगता है।।
2. सेक्शन 269 ST : नकद पैसे प्राप्त करना-
आयकर अधिनियम की धारा 269ST में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति किसी से एक दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद लेता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। टैक्सपेयर्स (taxpayers news) भी इस दायरे में आते हैं। इस नियम के अनुसार 2 लाख रुपये से अधिक की रकम नकद में शादी, जन्मदिन आदि के लिए भी नहीं ले सकता। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) के अनुसार इस नियम के उल्लंघन पर सेक्शन 271DA के तहत कैश में ली गई रकम के बराबर ही संबंधित पर जुर्माना लगाया जाएगा।
3. सेक्शन 269T: नकद भुगतान की सीमा-
- एक दिन में कोई 20,000 रुपये या उससे ज्यादा राशि का नकद भुगतान (cash payment rules) करता है तो कार्रवाई की जाएगी। किसी लोन या एफडी आदि जैसे निवेश के लिए भी कैश में रकम का लेनदेन नहीं किया जा सकता। केवल सरकार, बैंक, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक (post office news) को इसके तहत छूट है।
- सेक्शन 271E इस नियम के उल्लंघन पर जुर्माने के प्रावधान को दर्शाती है। इसके अनुसार जितनी रकम का लेनदेन कैश में किया गया है, उतना ही जुर्माना लगेगा।
- सेक्शन 269SU के अनुसार प्रावधान है कि जो हर साल 50 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर रखते हैं, वे निर्धारित किए गए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों (online transactions) से ही पैसों को भुगतान करें।
नियमों के उल्लंघन पर हर दिन का जुर्माना-
सरकार की ओर से जारी इस ब्रोशर में कैश ट्रांजेक्शन (cash transaction rules) से जुड़े प्रावधानों को एक ही जगह बताया गया है। इसके माध्यम से सरकार कैश ट्रांजैक्शन पर लगने वाले जुर्माने को लेकर जनता को जागरूक करना चाहती है। डिजिटल ट्रांजैक्शन (digital transaction ) को बढ़ावा देने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने पर सेक्शन 271DB के तहत हर दिन के हिसाब से 5 हजार रुपये जुर्माना (Penalty on transaction rules violation) भी तय किया गया है।