FD में पैसा लगाएं या SIP में करें निवेश, इनवेस्टमेंट करने से पहले जान लें ये जरूरी बात

HR Breaking News - ( SIP or FD)। आज की इस बढ़ती महंगाई को देखते ही दोनों लोग अक्सर इस सोच में रहते हैं कि कहां इन्वेस्टमेंट से उनको गारंटीड और बंपर रिटर्न मिलेगा। वैसे तो FD और SIP दोनों ही इन्वेस्टमेंट के बेहद उम्मदा ऑप्शन (Best investment option) है। इन दोनों ऑप्शन के ही अपनी-अपनी विशेषताएं है, लेकिन आज हम आपको इस खबर के माध्यम से ये बताने वाले हैं कि निवेश के लिहाज से FD और SIP में ज्यादा बेहतर कौन सा ऑप्शन है।
जानिए क्या है एफडी -
एफडी शुरू से ही लोगों का इन्वेस्टमेंट के तौर पर काफी पसंदीदा ऑप्शन रहा है। एफडी बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFCs) के साथ एकमुश्त निवेश होता है। एफडी (FD me nivesh ke fayde) में आप 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के टाइम पीरियड के लिए एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। अकाउंट ओपनंग पर ही बैंक या एनबीएफसी की ओर से आपको तय ब्याज दर का भुगतान किया जाता है।
एफडी में निवेश के फायदे-
एफडी में जो ब्याज दरों (FD Interest rate) मिलती है, वो ओपनिंग के समय ही निर्धारित कर दी जाती है। यह ब्याज दर गारंटीड है, इसलिए बाजार के उतार-चढ़ाव से इनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अगर आप बंपर रिटर्न कमाने के लिए कम से कम 5 साल के लिए टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax-Saving Fixed Deposits) में इन्वेस्ट करते हैं, तो ऐसे में आपको टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। एफडी का मुख्य फायदा पूंजी को सुरक्षित रखने के साथ ही उसपर पर गारंटीड रिटर्न मिलता है।
एसआईपी के लाभ-
म्यूचुअल फंड की बेस्ट स्कीम में से एक हैं एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan)। यह सुविधा आपको डेट या इक्विटी म्यूचुअल फंड में नियमित, निश्चित निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है। जो भी निवेशक शेयर बाजाार में नए हैं और एक साथ एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहते हैं, उन लोगों के लिए SIP एकदम परफेक्ट है। आपको बता दें कि एसआईपी टारगेट ओरिएंटेड निवेश (SIP Target Oriented Investing) हैं। निवेशकों को अनुशासित बनाए रखने के लिए और बचत की आदत को डेवलप करने में एसआईपी मददगार हो सकता है। अगर आप एसआईपी में हर महीने एक साल या उससे अधिक समय के लिए पैसे लगाते हैं तो आप इसमे निवेश से टैक्स बेनिफिट का लाभ (advantage of tax benefits) भी उठा सकते हैं।
जानिए कौन सा ऑप्शन रहेगा फायदेमंद-
निवेश से पहले आपको दोनों के बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए। सबसे पहले तो आपको बता दें कि एफडी इन्वेस्टमेंट के साधन हैं जबकि एसआईपी एक निवेश का पूरा प्रोसेस है। एसआईपी (SIP kya hai) एक ऐसा निवेश है, जो बराबर भागों में और नियमित अंतराल पर किया जाता है। सुत्रों के अनुसार इन दोनों की तुलना करना थोड़ा अनुचित हो सकता है, क्योंकि दोनों ऑप्शन (Fixed Deposit vs SIP)ही अपने-आप में खास महत्व रखते हैं, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि लोग अक्सर एसआईपी को म्यूचुअल फंड से जोड़ते हैं । इन दोनों में निवेश के अपने अलग फायदे हैं और आप अपनी निवेश कर जरूरत के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं।
जानिए दोनों के बीच का डिफरेंस-
-अगर आप अपनी रकम पर रिस्क लेना नहीं चाहते हैं, तो आपको एफडी (Fixed Deposit vs SIP)का ऑप्शन चुनना चाहिए, लेकिन इसके विपरित अगर आप हाई रिटर्न चाहते हैं और अपने निवेश पर जोखिम उठाने को तैयार है तो आप एसआईपी का ऑप्शन चुन सकते हैं।
-अगर आप अपनी मेहनत की कमाई का एकमुश्त पैसे निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए एफडी बेस्ट रहेगा। इसके अलावा अगर आप नियमित अंतराल पर छोटी-छोटी रकम निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए एसआईपी (Are SIPs better than FD)में निवेश कर सकते हैं।
-अगर आप अपने निवेश की रकम को सुरक्षित रखना चाहते हैं और उसपर कोई हाई रिटर्न की उम्मीद नहीं करते हैं, तो इसके लिए निवेश के लिहाज से एफडी बेस्ट है। इसके अलावा अगर आप टारगेट ओरिएंटेड निवेश कर हाई रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके लिए एसआईपी (Fixed Deposit vs Systematic investment plan) एक बेहतर निवेश विकल्प है।
-अपने निवेश को लेकर आपके मन में कोई निश्चित समयसीमा है, तो फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit rules) में पैसा लगा सकते हैं। अगर आप निवेश की अवधि के बारे में कोई निश्चित नहीं हैं और आपका निवेश उचित रिटर्न दे रहा हो, और आप अपने निवेश को रकम को इमरजेंसी में निकाल सकें, इसके लिए आप एसआईपी में निवेश कर सकते हैं।