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FD में निवेश करने से पहले जान लें ये बातें, वरना फायदे के चक्कर में हो जाएगा घाटा

FD Rates  : एफडी में इन्वेस्टमेंट शुरू से ही निवेशकों का सबसे पसंदीदा ऑप्शन रहा है। एफडी में निवेश से ग्राहकों को कई फायदे मिलते हैं, लेकिन आपको बता दें कि एफडी में सिर्फ फायदे ही नहीं होते हैं, बल्कि इसमे कुछ खामियां भी होती है, जिनके बारे में निवेशकों को पता होना चाहि। आज  इस खबर में हम आपको एफडी (bank FD ke nuksan) से जुड़ी खामियों के बारे में बताने वाले हैं।

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FD में निवेश करने से पहले जान लें ये बातें, वरना फायदे के चक्कर में हो जाएगा घाटा 

HR Breaking News - (bank FD)। एफडी में ज्यादातर वो लोग निवेश करना चाहते हैं जो अपने निवेश की गई रकम पर सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न पाना चाहते हैं। सिनियर सिटीजन के लिए तो एफडी एक बेहद उम्मदा ऑप्शन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एफडी (FD Investment risks Updates) में सब फायदे ही नहीं होते हैं। इसमे कुछ खामियां भी होती है। आइए जानते हैं एफडी की खामियों के बारे में।


मिलती है निश्चित ब्याज दरें-


एफडी में निश्चित ब्याज दरें (Fixed interest rates in FD) ऑफर की जाती है। निश्चित ब्याज दरें यानी की बैंक की ओर से जो ब्याज दरें निर्धारित की गई है, वह फिक्स रहती है। इनकी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं आता है। यह इसकी खामियों में से एक है। इसके अलावा स्टॉक या म्यूचुअल फंड जैसे अन्य निवेश विकल्पों में एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है।


प्रीमैच्योर विड्रॉल पर पेनाल्टी चार्जेज-


एफडी  (FD ka risk kaise hataye) की एक ओर सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आप तय अवधि से पहले एफडी से पैसा   विड्रॉल करते हैं तो इसके लिए  आपको प्री-विड्रॉल चार्जेज का भुगतान (Payment of pre-withdrawal charges)करना होगा।


मार्केट की तेजी के नहीं मिलते फायदे-

एफडी में ब्याज दरें निश्चित होती है, इस वजह से आपको शुरू से अंत तक उस दर पर ब्याज मिलता रहता है। बाजार में तेजी आने के बाद भी आपका रिटर्न (Disadvantage of FD) निश्चित रहता है और आपको निश्चित ब्याज दर पर ही रिटर्न मिलता है, जिसमे ज्यादातर नुकसान होने की संभावना रहती है।

निवेश की रकम हो जाती है लॉक-


एफडी में निवेश करने पर  निर्धारित अवधि तक आपका पैसा लॉक (Lock in period) हो जाता है। लॉक इन पीरियड का मतलब है कि आपको आपका पैसा एफडी की  अवधि समाप्त होने तक नहीं मिलेगा। अगर आपको इमरजेंसी में  भी पैसों की जरूरत पड़ती है तो भी आप पैसा नहीं निकाल सकते हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर सावधि जमा (Fixed deposit penalty charges) ऐसी होती हैं, जिन्हें तोड़ने पर आपको बहुत की त गड़ी पेनल्टी देनी पड़ सकती है।

ब्याज पर लगता है टैक्स-


ये  तो आप जानते ही होंगे कि एफडी में  निवेश की रकम पर जो ब्याज एफडी पर आपको जो भी ब्याज मिलता है, उस पर टैक्स (Tax deduction in FD) देना पड़ता है। एफडी में निेवेश की गई रकम पर आपको जो भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स चुकाना होगा।

इन्फ्लेशन रेट से ज्यादा होना चाहिए ब्याज -


अगर आप एफडी में निवेश करते हैं तो इस पर मिलने वाला रिटर्न इन्फ्लेशन रेट (inflation rate) से ज्यादा होना चाहिए, तभी एफडी में निवेश से फायदा है। वैसे तो आमतौर पर बैंक की सावधि जमाएं इन्फ्लेशन रेट से ज्यादा नहीं होती है तो ऐसे में एफडी (Invest in long term FD) से महंगाई को मात देने वाला रिटर्न नहीं मिलता है तो फिर इसमे निवेश का कोई फायदा नहीं है।

नहीं मिलता कैपिटल गेन्स का लाभ-


इसके  साथ ही आप एफडी निवेश से कोई कैपिटल गेन्स का फायदा (benefit of capital gains) नहीं उठा पाते हैं। आपको बता दें कि दीर्घकालिक अवधि में इसके नुकसान (disadvantages in long term FD) होता है। वैसे तो निवेश के मामले में एफडी में निवेश सिक्योर है, लेकिन इसमें बैंक के दिवालिया होने का खतरा बना रहता है। बैंक डूबने  पर आपकी एफडी बचने की कोई गारंटी नहीं मिलती है।