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इन बैंकों में नहीं डूबेगा FD का एक भी रुपया, आरबीआई को भी है इनपर विश्वास

RBI Update : हर व्यक्ति अपने जीवन की कमाई से भविष्य के लिए बचत का पैसा बैंकों में जमा करवाते हैं। इसके के साथ कुछ लोग एफडी भी करवाते हैं। लेकिन कईं बार हमें बैंकों के डूबने की खबर भी सुनने को मिलती हैं, जिसके कारण लोगों में अपने जीवन पूंजी की सुरक्षा को लेकर (India's Safest Banks) संदेह पैदा होता है कि उनका पैसा बैंक में सुरक्षित हैं भी या नहीं? इसी के चलते भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने उन तीन बैंकों के नाम बताएं हैं, जहां ग्राहकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। 
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इन बैंकों में नहीं डूबेगा FD का एक भी रुपया, आरबीआई को भी है इनपर विश्वास  

HR Breaking News - (RBI New Rules)। कई बार ग्राहक भी सोचते हैं कि किस बैंक में उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। यह एक स्वाभाविक चिंता है, क्योंकि हर कोई चाहता है कि उसकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे। यहां तक की कुछ लोग अपने पैसा को सेफ रखने के लिए निवेश करते हैं। निवेश के मामले में एफडी (FD) सबसे लोकप्रिय विकल्प है। लेकिन पैसा डूबने (India Safe Bank) का खतरा तो यहां भी रहता है। तो ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि किन बैंकों में पैसा सेफ रहेगा। 

 बता दें कि आरबीआई (RBI) ने देश के सबसे सुरक्षित बैंकों की लिस्ट जारी की है। आरबीआई द्वारा जारी कि गई लिस्ट में जिन बैंकों का नाम आता है इन बैंकों के ग्राहकों (RBI Updates on CIBIL score) को अपने पैसों को लेकर कभी भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैं। दरअसल, इन बैंकों के बारे में आरबीआई ने कहा है कि ये बैंक देश की अर्थव्यवस्था का आधार हैं। इन बैंकों का डूब जाना देश के लिए सबसे बडा नुक्सान होगा। इसी के चलते इन बैंकों की निगरानी स्वयं आरबीआई बैंक करता हैं -

RBI को इन बैंकों पर सबसे ज्यादा भरोसा -

बता दें कि भारत के वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता और विश्वसनीयता के प्रतीक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक और ICICI बैंक को एक बार फिर देश के सबसे सुरक्षित बैंकों की सूची में शामिल किया गया है। 


SBI, भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक हैं, यह बैंक शुरूआत से ही देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। वहीं, HDFC बैंक और ICICI बैंक, निजी क्षेत्र के दो प्रमुख बैंक, अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सबसे अव्वल दर्जे पर हैं। 

इन बैंकों में जिन ग्राहकों का खाता हैं उन्हें अपनी सेविंग्स को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैं। अगर इन बैंकों पर कोई वित्तीय संकट आता है तो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारत सरकार इन बैंकों को बचाने के लिए तत्पर रहती है। 
इसी के चलते RBI ने इन बैंकों को "डोमेस्टिक सिस्टमिकली इम्पोर्टेन्ट बैंक" (D-SIB) का दर्जा दिया है, पिछले साल भी RBI ने इन बैंकों पर अपना भरोसा व्यक्त किया था, और इस साल फिर से इन बैंकों को सबसे सुरक्षित बैंकों की सूची में शामिल किया गया है, जो इन बैंकों की मजबूती और विश्वसनीयता का प्रमाण है।

आरबीआई ने निर्धारित किए बैंकों के वित्तीय लक्ष्य तय-

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI Update) ने विभिन्न बैंकों के लिए वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसे "बकेट" प्रणाली कहा जाता है। इस प्रणाली के तहत, बैंकों को वित्तीय स्थिरता के आधार पर कईं भागों में विभाजित किया गया है।
 उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बकेट-4 में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि उन्हें अपने पास जोखिमों से निपटने के लिए अतिरिक्त पुंजी बनाए रखनी होगी। दूसरी ओर HDFC बैंक को बकेट-2 में रखा गया है। ICICI बैंक को बकेट 1 में रखा गया है। 

डी-एसएबी में शामिल बैंकों को रखना पडता ज्यादा पैसा -

डी-एसएबी (D-SAB Bank) की सूची में शामिल बैंकों को अन्य बैंकों की तुलना में ज्यादा पूंजी रखनी पड़ती है ताकि वे किसी भी तरह के आर्थिक जोखिम से निपटने में सक्षम हों। इन बैंकों को अपनी बकेट के हिसाब से कॉमन इक्विटी टियर 1 बनाए रखना होता है। 


यह एक तरह का सुरक्षा उपाय है जो सुनिश्चित करता है कि इन बैंकों के पास पर्याप्त धनराशि है ताकि वे ग्राहकों के पैसे सुरक्षित रख सकें और किसी भी वित्तीय संकट का सामना कर सकें। यह नियम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि डी-एसएबी की सूची में शामिल बैंक आम तौर पर बड़े और मजबूत बैंक होते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मार्च 2024 तक मिले आंकड़ों के आधार पर इन-पर्सो बैंकों की सूची जारी की थी। 

बैंक डूबने पर कितना पैसा वापस मिलेगा-


भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI new rules) ने बैंकों के डूबने की स्थिति में ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों के अनुसार अगर कोई बैंक डूब जाता है, तो उसके ग्राहक को बीमा राशि के तौर पर 5 लाख रुपये वापस मिलते हैं। 


इसका मतलब है कि अगर किसी ग्राहक के खाते में 5 लाख रुपये से कम पैसे जमा हैं, तो उसे पूरी रकम वापस मिल जाएगी। लेकिन अगर ग्राहक के खाते में 5 लाख रुपये से ज़्यादा पैसे जमा हैं, तो बैंक के डूबने पर उसे सिर्फ़ 5 लाख रुपये ही वापस मिलेंगे। ये नियम बैंकों के डूबने की स्थिति में ग्राहकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए बनाए गए हैं।