Property division act : प्रोपर्टी में बराबर का हिस्सा नहीं मिलने पर वसीयत रद्द करवा सकते हैं या नहीं, जानिये कानून

HR Breaking News - (property will rights) । प्रोपर्टी को लेकर भविष्य के संभावित विवादों को खत्म करने के लिए अक्सर प्रोपर्टी की वसीयत की जाती है। इससे वसीयतकर्ता की इच्छा अनुसार प्रोपर्टी (property knowledge) संबंधित व्यक्ति को चली जाती है। ऐसे में कई बार दूसरे प्रोपर्टी दावेदार को लगता है कि उसका हिस्सा उसे नहीं मिला। ऐसे में उसके मन में यही सवाल आता है कि क्या वह वसीयत को रद्द (will Cancellation rules) करवा सकता है। इस बारे में क्या हैं कानूनी प्रावधान, जानिये इस खबर में।
कानून में यह है प्रावधान -
वसीयत की वैधता (validity of will) को चुनौती दिए जाने का प्रावधान कानून में किया गया है। कानूनी तौर पर परिवार का कोई सदस्य अपने नाम पर वसीयत स्थानांतरित करने के लिए केस दर्ज करता है तो आपको अपनी बात रखने का हक होता है और वसीयत (property will rights) को चुनौती भी दे सकते हैं। हालांकि वसीयत अनुसार भी प्रोपर्टी का बंटवारा होता है लेकिन बिना वसीयत किए माता या पिता की की मृत्यु के बाद संपत्ति का बंटवारा उत्तराधिकार कानूनों (Property Succession Laws) के अनुसार किया जाता है।
कैसे दी जा सकती है वसीयत को चुनौती-
वसीयत को चुनौती देने के लिए आप न्यायालय में केस (property cases) दर्ज करवा सकते हैं। अगर तीन चार भाइयों में से कोई मां या पिता की मौत के बाद वसीयत के दस्तावेजों (will documents) पर फर्जी हस्ताक्षर करवा लेता है तो उस वसीयत को कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कानूनी विशेषज्ञ की मदद जरूर लें।
रिजस्टर्ड व अनरजिस्टर्ड वसीयत में फर्क-
रजिस्टर्ड वसीयत को भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। कानून के अनुसार जरूरी नहीं है कि रजिस्टर्ड वसीयत (registered will) मृतक का अंतिम वसीयतनामा कहलाएगा। वैध वसीयत के लिए कई नियम लागू होते हैं। वसीयतकर्ता का दिमागी रूप से स्वस्थ होना, गवाह व अन्य प्रमाण (Testament proves) जरूरी होते हैं। वसीयतकर्ता चाहे तो फिर से इसे बदल सकता है। हालांकि अपंजीकृत वसीयत भी मान्य हो सकती है। पंजीकृत वसीयत को चुनौती देना आसान नहीं है, जबकि अपंजीकृत वसीयत (Unregistered Will) को आसानी से कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
कोर्ट में पेश करने होंगे सबूत-
अगर आपको लगता है कि वसीयत (property will rules) को धमकी देकर या जालसाजी करते हुए बनवाया गया है तो आप इसे चैलेंज कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको सुबूत पेश करने होंगे। बेशक वसीयत रजिस्टर्ड हो, आप उसे चैलेंज कर सकते हैं। अगर आप वसीयत को कोर्ट में चुनौती देना चाहते हैं तो भारतीय उत्तराधिकारी कानून, 1925 (Indian Succession Act, 1925) के प्रावधानों का पालन करना होगा, इनके अनुसार आपका दावा सही है तो वसीयत को चुनौती दे सकते हैं।
कोर्ट रद्द कर सकती है वसीयत-
वसीयत बनाने के लिए किसी को धोखा नहीं दिया जा सकता। ऐसा होने पर उस वसीयत को कोर्ट में चुनौती (Challenging the will in court) दी जा सकती है। ऐसी वसीयत वसीयतकर्ता की स्वतंत्र सहमति से बनाई हुई नहीं माना जाता। इस कारण से कोर्ट इसे रद्द करने का फैसला ले सकती है। धमकी देकर व डराकर बनाई गई वसीयत अवैध करार दे दी जाती है। वसीयत (rules for making a will) बनाने के लिए बालिग होना जरूरी है।