Property Documents : प्रोपर्टी खरीदने से पहले एक बार जरूर चेक कर लें ये 11 डॉक्यूमेंट, बाद में नहीं रहेगा कोर्ट-कचहरी का कोई चक्कर
Property Papers : प्रॉपर्टी का सौदा सबसे महंगे सौदों में से एक होता है। खासकर जब प्रोपर्टी खरीद (property purchasing rules) रहे हों तो सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। अगर आप किसी से कोई प्रोपर्टी खरीद रहे हैं तो पहले ही प्रोपर्टी से जुड़े 11 डॉक्यूमेंट (urgent property documents) जरूर चेक कर लें ताकि बाद में आपको पछताना न पड़े। इनकी अनदेखी आपको भारी पड़ सकती है और बाद में कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते रह जाएंगे।

HR Breaking News - (property knowledge)। प्रॉपर्टी खरीदने में अक्सर जीवनभर की पूरी कमाई लग जाती है। इसलिए प्रोपर्टी खरीदते (property buying rules) समय अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत होती है। एक जरा सी लापरपवाही आपकी पूरी कमाई को डुबो सकती है। इसके बाद आपके पास पछताने के सिवा कुछ नहीं रहेगा। इसलिए प्रोपर्टी (property news) खरीदने से पहले 11 जरूरी डॉक्यूमेंट्स पर अवश्य गौर कर लें, नहीं तो पूरी जिंदगी कोर्ट कचहरी के चक्करों में ही निकल जाएगी। आइये जानते हैं कौन से है ये 11 जरूरी डॉक्यूमेंट्स।
1. प्रोपर्टी टाइटल : जब भी आप प्रॉपर्टी खरीदें तो सबसे पहले प्रोपर्टी बेचने वाले के टाइटल यानी प्रोपर्टी टाइटल (property title) और मालिकाना हक का वेरिफिकेशन जरूर चेक कर लें।
2. चेनल डाक्यूमेंट जांचें : प्रोपर्टी के चेनल डाक्यूमेंट (property Channel Document) से पता चलता है कि प्रोपर्टी को पहले किसने किसको बेचा है। प्रोपर्टी डील में सबका विचारनामा बनता है। यह डॉक्यूमेंट प्रोपर्टी की हिस्ट्री होता है, इसलिए यह जरूर चेक कर लें कि यह प्रोपर्टी किसको कहां से मिली।
3. एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate) इसलिए जरूरी है क्योंकि इसी से पता चलता है कि प्रोपर्टी पर कोई लोन बकाया तो नहीं या कीं प्रोपर्टी को गिरवी तो नहीं रखा गया है। कोई पेनाल्टी या टैक्स (tax on property) बकाया है तो भी इस प्रमाणपत्र से पता चल जाएगा। इन सभी के बारे में और जानकारी चाहिए तो रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर फॉर्म भरकर संबंधित प्रोपर्टी की जानकारी ली जा सकती है।
4. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate) किसी भी बिल्डर से प्रोपर्टी लेते समय जरूर लेना चाहिए। कोई बिल्डर या डेवलपर इसे देने से मना करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
5. पजेशन लेटर : किसी भी प्रोपर्टी का यह सबसे अहम डॉक्यूमेंट होता है। डिवेलपर खरीददार को पजेशन लेटर (possession letter) जारी करता है। इसमें प्रॉपर्टी पर कब्जे की तारीख सहित अन्य डिटेल होती है। प्रोपर्टी पर होम लोन के लिए इस दस्तावेज की असली कॉपी की डिमांड बैंक करता है। यह भी ध्यान रखें कि ओसी (Occupancy Certificate) के बिना पजेशन लेटर अकेले प्रॉपर्टी पर कब्जे (property possession rules) के लिए काफी नहीं होता।
6. प्रोपर्टी मोर्गेज पेपर : प्रोपर्टी को कहीं पर गिरवी रखा गया है तो इसका मतलब यही होता है कि ऋण बकाया है। आप लोन (loan on property) क्लियर होने की स्थिति में प्रोपर्टी लें। इसके लिए आप प्रोपर्टी मोर्गेज पेपर (property mortgage papers) चेक कर सकते हैं।
7. टैक्स पेमेंट स्टेटस : किसी भी प्रॉपर्टी पर टैक्स (property tax rules) का बकाया होना खरीदार के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। टैक्स नहीं चुकाने से संपत्ति पर अलग से शुल्क भी लगता है। प्रोपर्टी खरीददार म्युनिसिपल अथॉरिटी में जाकर चेक कर सकता है कि प्रोपर्टी विक्रेता (property selling tips) ने प्रॉपर्टी टैक्स पूरा भरा है या नहीं।
8. कार अलॉटमेंट लेटर : प्रॉपर्टी खरीदते समय यूटिलिटी बिल (utility bill) चेक कर लें, यह कार पार्किंग का लेटर होता है, ताकि आगे चलकर आपको कार पार्क को लेकर समस्या न रहे।
9. रेजीडेंट वेलफेयर से NOC : अगर आप प्रॉपर्टी डीलर के माध्यम से प्रोपर्टी (property news) खरीद रहे हैं तो यह जरूर चेक कर लें कि प्रोपर्टी डीलर को रेसीडेंट वेलफेयर से NOC मिली है या नहीं।
10. RERA में रजिस्ट्रेशन: प्रोपर्टी खरीददार जिस प्रोजेक्ट में घर या प्रोपर्टी खरीद रहा है तो वह यह जरूर चेक कर ले कि वह RERA यानी Real Estate Regulatory Authority के तहत रजिस्टर्ड है या नहीं। RERA एक्ट, 2016 के अनुसार बिल्डर्स और डिवेलपर्स को अपना प्रोजेक्ट RERA में दर्ज व रजिस्टर्ड कराना होता है।
11. भूमि सीएलयू या रूपांतरण : अगर आप कृषि भूमि ले रहे हैं तो उसके रूपांतरण पर जरूर विचार करें। इस चेंच ऑफ लेंड यूज (land conversion) या सीएलयू भी कहा जाता है। गैर कृषि उपयोग के लिए तो संपत्ति का रूपांतरण बेहद जरूरी है, क्योंकि कई राज्यों में कानूनी व्यवस्था है कि वहां उन लोगों को खेती की भूमि नहीं दी जाती जो किसान नहीं हैं। इसलिए खरीददार सीएलयू (CLU) का ध्यान जरूर रखें। इसके अलावा जमीन खरीदने (property buying tips) वाले को वहां के मास्टर प्लान की भी जांच कर लेनी चाहिए।