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Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले चेक कर लें ये 12 डॉक्यूमेंट, नहीं तो बाद में लगाते रहेंगे कोर्ट-कचहरी के चक्कर

How can I get property papers : रियल एस्टेट बाजार तेजी से ग्रोथ कर रहा है। ऐसे में प्रोपर्टी में निवेश करने से पहले आपको उससे जुड़ी सभी बातों और दस्तावेजों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप भी हाल फिलहाल में प्रोपर्टी (property documents list) खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको 12 डॉक्यूमेंट को चेक कर लेना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।

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Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले चेक कर लें ये 12 डॉक्यूमेंट, नहीं तो बाद में लगाते रहेंगे कोर्ट-कचहरी के चक्कर

HR Breaking News - (property documents checklist)। किसी भी जमीन या घर को खरीदते समय कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है, क्योंकि घर या जमीन खरीदने के लिए व्यक्ति अपनी जीवन भर की पूंजी लगा देता है। 
अगर आप कोई भी डील कर रहे हैं तो डील करने से पहले आपको कई सारी चीजों की जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताने वाले हैं कि प्रोपर्टी (how to buy a property) खरीदते समय आपको किन डॉक्यूमेंटपर पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए।

टाइटल और ओनरशिप का वेरिफिकेशन -

आप जब भी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो प्रोपर्टी खरीदने से पहले विक्रेता के टाइटल और ओनरशिप का वेरिफिकेशन (Verification of title and ownership) कर लें।प्रोपर्टी में निवेश के लिए ये बेहद जरूरी है। 

क्या है चेनल डाक्यूमेंट -


इसके साथ ही आपको प्रोपर्टी (property Deal kaise kre) की डील करते समय चेनल डाक्यूमेंट को भी चेक करना चाहिए। चैनल डाक्यूमेंट का अर्थ है कि यह प्रोपर्टी किसको कहां से मिली और किसने किसको बेची ऐसे में प्रोपर्टी खरीदने और बेचने के दौरान जो भी डील बनती है उसमें सबका विचारनाम बनता है। 

 जानिए क्या है एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट-


प्रोपर्टी की डील करते समय एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate) जरूर जांच लेना चाहिए। इस डॉक्यूमेंट से यह पता चलता है कि खरीदी जा रही प्रोपर्टी  पर कोई मोर्टगेज, बैंक लोन या कोई टैक्स बकाया नहीं है। एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट के माध्यम से यह भी पता चलता है कि इस प्रोपर्टी पर कोई पेनाल्टी तो नहीं है। इन सबके  अलावा आप प्रोपर्टी (Property News) की अधिक जानकारी रजिस्ट्रार के ऑफिस जाकर फॉर्म नंबर 22 भरकर जुटा सकते हैं।

ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट-

अऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate) को बिल्डर से जरूर लेना चाहिए। प्रोपर्टी की सही डिलिंग के लिए यह एक बेहद ही अहम डॉक्यूमेंट है। अगर बिल्डर इस डॉक्यूमेंट को खरीददार को नहीं दिखाते हैं तो बॉयर को डिवेलपर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार है।

पजेशन लेटर क्यों है जरूरी-

खरीददार के हक में डेवलपर द्वारा एक पजेशन लेटर जारी जारी किया जाता है, इस पजेशन लेटर (possession letter) में प्रॉपर्टी पर कब्जे की तारीख लिखी होती है। होम लोन के लिए भी यह डॉक्यूमेंट बेहद जरूरी है। होम लोन के लिए इस दस्तावेज की असली कॉपी को पेश करना अनिवार्य होता है। बता दें कि ओसी हासिल नहीं करने तक पोजेशन लेटर अकेले प्रॉपर्टी पर कब्जे के लिए काफी नहीं है।

 मॉर्गेज क्या है-


मॉर्गेज (morgage) एक तरह का लोन कर सकते हैं जिसका यूज  उधारकर्ता किसी मकान की खरीद या रखरखाव करने के लिए करता है या  फिर उधारकर्ता का यूज रियल एस्टेट के अन्य रूपों में भी कर सकता है। मॉर्गेज (morgage) लेते समय उधारकर्ता समय से  इसके भुगतान पर सहमति भी जताता है। बता दें कि यह प्रॉपर्टी, लोन सिक्योर करने में कोलैटरल के तौर पर कार्य करती है।

चेक करें टैक्स पेमेंट का स्टेटस -


अगर आप अपनी प्रॉपर्टी पर टैक्स का भुगतान (Payment of tax on property) नहीं करते हैं तो इसे नहीं चुकाने से संपत्ति पर शुल्क लगता है, इसका असर संपत्ति की मार्केट वैल्यू पर पड़ता है। ऐसे में जब भी आप प्रोपर्टी खरीद रहे हैं तो स्थानीय म्युनिसिपल अथॉरिटी (local municipal authority) में जाकर विक्रेता ने प्रॉपर्टी टैक्स में कोई डिफॉल्ट किया है या नहीं, इस बात की जानकारी ले लें।

 यूटिलिटी बिल  और कार अलॉटमेंट लेटर कर रखें ध्यान-

जब भी प्रोपर्टी (flat lene se pahle kya dekhe) खरीदे तो टाइम यूटिलिटी बिल  (Time Utility Bill) को चेक कर लें। इसके साथ ही कार अलॉटमेंट लेटर भी जरूर चेक कर लें, क्योंकि यह कार पार्किंग का लेटर होता है। प्रोपर्टी खरीदते समय यह जरूर जांच लें कि प्रॉपर्टी डीलर को रेसीडेंट वेलफेयर से NOC मिली है या फिर नहीं मिली है।

रेरा के कानून-

रेरा भारतीय संसद से पारित रियल एस्टेट (Real Estate) का एक कानून है।  RERA के आदेश के तहत  डिवेलपर्स को अपना प्रोजेक्ट (plot lene se pahle kya dekhe) अथॉरिटी में दर्ज कराना होगा। आप जब भी प्रोपर्टी खरीद रहे हैं तो यह ध्यान दें कि यह प्रोपर्टी RERA में रजिस्टर्ड है या नहीं। 


इसके साथ ही आज के समय में बढ़ते शहरीकरण और राजस्व भूमि में विलय के साथ, गैर कृषि उपयोग के लिए संपत्ति का रूपांतरण होना आम   बात हो गई है, क्योंकि कई राज्यों के कानून (Rera ke kanoon) ऐसे होते हैं, जिसमे जो किसान नहीं है, उन लोगों को कृषि की भूमि नहीं देते। इसके साथ ही प्रापर्टी खरीददार को मास्टर प्लान को भी जांच लेना चाहिए।