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property documents : प्रोपर्टी की रजिस्ट्री असली है या नकली, जमीन खरीदने से पहले ऐसे लगा सकते हैं पता

Property Registry Rules :इस समय रियल एस्टेट तेजी से ग्रोथ कर रहा है और ज्यादातर लोग जमीन, मकान और प्लॉट में ही निवेश कर रहे हैं। आपको बता दें कि सबसे अधिक घपलेबाजी भी इसी में होती है। इसका कारण यह है कि कई लोगों को प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात के बारे में सही जानकारी नहीं होती है और वह धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। अगर आपने भी नया मकान या जमीन खरीदी है और रजिस्ट्री कराने वाले हैं तो ये खबर आपके लिए अहम है। हम आपको बताएंगे कि आप कैसे असली और नकली प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की पहचान कर सकते हैं। 

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property documents  : प्रोपर्टी की रजिस्ट्री असली है या नकली, जमीन खरीदने से पहले ऐसे लगा सकते हैं पता

HR Breaking News - (ब्यूरो)। यूं तो बाजार में निवेश के अनेकों ऑप्शन मौजूद हैं। लेकिन प्रॉपर्टी में निवेश (property investment) बेहतरीन विकल्पों में से एक है। अगर आप जमीन या नया मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में पता होना चाहिए। जब आप कोई नई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसपर मालिकाना हक साबित करने के लिए रजिस्ट्री करवानी होती है। कुछ लोगों को रजिस्ट्री से जुड़े नियमों के बारे में पता नहीं होता और वह ठगी का शिकार हो जाते हैं। 


देशभर में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री (property registry) से जुड़े धोखाधड़ी के मामले सामने आए दिन सामने आते रहते हैं। धोखाधड़ी करने वाले लोग जमीन की दोहरी रजिस्ट्री करवा लेते हैं और लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। अगर आपक इस विवाद में नहीं फंसना चाहते हैं तो यह जरूर जान लें कि असली और नकली प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की पहचान कैसे कर सकते हैं। चलिए नीचे खबर में समझते हैं विस्तार से -

 

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ऐसे होगी असली और नकली रजिस्ट्री की पहचान

 

 

जब कोई नई जमीन या मकान खरीदते हैं तो कुछ लोग खतौनी या रजिस्ट्री के डॉक्यूमेंट (registry documents) मिलते ही बेफिकर हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वह उस प्रॉपर्टी के मालिक बन गए और उनके साथ कुछ गलत नहीं हुआ। लेकिन असल में सारा खेल तो यहीं से होता है। प्रॉपर्टी के खतौनी और रजिस्ट्री की इंपोर्टेंट कागजात (Property Important Documents) नहीं होते हैं इसके अलावा भी कुछ जरूरी दस्तावेज होते हैं जिनकी जांच पड़ताल करना जरूरी होता है। क्योंकि इन दोनों से आप यह पता नहीं लगा सकते हैं कि इस प्रॉपर्टी का मालिक कौन और कितने हैं। 


ऐसे में ठगी से बचने के लिए आपको नई रजिस्ट्री के साथ पुरानी रजिस्ट्री (old land registry) पर भी गौर करना होगा। जिस किसी से भी आप जमीन खरीद रहे हैं उससे यह जरूर पता करें कि उसने वह जमीन किसी ओर से ली है तो उसके पास मालिकाना हक कैसे आया। और वह प्रॉपर्टी एक व्यक्ति के नाम है या नहीं। 

 

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जमीन की कैटेगरी ?

 

नई जमीन खरीदने से पहले ये पता कर लेना बहुत जरूरी है कि कहीं वह जमीन सरकारी तो नहीं है। इसके लिए जमीन का राजस्व रिकॉर्ड  (Revenue record of land) चेक कर सकते हैं जहां साफ लिखा होता है वह जमीन सरकारी है या निजी। इसके अलावा आप जमीन के खतौनी और खसरा नंबर से भी प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी मिल जाएगी। क्योंकि अक्सर खबरों में पढ़ने और सुनने को मिलता है कि कई लोगों ने रेलवे, वन विभाग की जमीन को अपनी बताकर किसी को बेच दिया। 

 

 

जमीन पर कोई केस तो नहीं 

 

 

 

जमीन खरीदने से पहले उसकी जांच-पड़ताल करना बहुत जरूरी है। आपको पता होना चाहिए जिस जमीन को आप खरीद रहे हैं उसपर कोई केस (Property Case) तो नहीं चल रहा है। अगर आप  डिस्प्यूटेड प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं तो आगे चलकर आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। इन सबसे लफड़ों से बचने के लिए आप जजमेंट सर्च पोर्टल पर जाकर, केस नंबर, साल, याचिकाकर्ता/प्रतिवादी का नाम, जज का नाम, एक्ट, खंड, निर्णय की तारीख़ आदि इंपोर्टेंट जानकारी हासिल कर सकते हैं।

बता दें कि प्रॉपर्टी ट्रांसफ़र एक्ट 1882 के सेक्शन 52 और रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 18 के तहत, खरीदारों को प्रॉपर्टी (Rights of property buyers) पर चल रहे कोर्ट केस या कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार है।