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Property Tips : प्रोपर्टी खरीदने और बेचने से पहले इन 10 बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं होगा बड़ा नुकसान

Property Tips - पिछले कुछ सालों में रियल एस्टेट तेजी से ग्रोथ कर रहा है ऐसे में शहरों में प्रॉपर्टी के रेट (property rate) सातवें आसमान पर जा पहुंचे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी लोग शहरों में प्रॉपर्टी की खरीद बेच कर रहे हैं। यदि आप भी अपनी पुराने मकान या फ्लैट को बेचकर नया घर लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। बता दें कि प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त करना एक बड़ा काम होता है। इसलिए इसे बड़े ही सावधानी पूर्वक करना बहेद जरूरी होता है एक छोटी सी गलती मोटा नुकसान करवा सकती है। यदि आप भी प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो ये 10 बातें जरूर जान लें - 

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Property Tips : प्रोपर्टी खरीदने और बेचने से पहले इन 10 बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं होगा बड़ा नुकसान

HR Breaking News - आज के समय में हर कोई अपने पैसे को बढ़ाना चाहता है ऐसे में लोग निवेश  (investment) पर खूब जोर दे रहे हैं बाजार में अनेकों इन्वेस्टमेंट ऑप्शन मौजूद होने के बावजूद लोग प्रॉपर्टी में जमकर निवेश कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पिछले कुछ सालों  तेजी से बढ़ रही प्रॉपर्टी की कीमतें हैं। चाहे मेट्रो सिटीज हो या फिर छोटे शहर, प्रॉपर्टी की कीमतें (property rate) सातवें आसमान पर जा पहुंची है।


 लेकिन इसके बाद भी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त जारी है। लोग पुराने घर को बेचकर आधुनिक सुविधाओं वाला एक बड़ा, नया और मॉडर्न घर खरीद रहे हैं। बता दें कि प्रॉपर्टी खरीदना और बेचना एक बड़ा सौदा होता है जिसमें छेटी सी लापरवाही की वजह से लाखों-करोंड़ों का नुकसान हो जाता है। इन परेशानियों की वजह से कई बार लोगों को मेंटल और फाइनेंशल स्ट्रेस का भी सामना करना पड़ता है। अगर आप ऐसी मुसीबत में नहीं फंसना चाहते हैं तो प्रॉपर्टी (Property Tips) की खरीद-बेच करने से पहले ये 10 बातें जरूर जान लें- 

1- प्रॉपर्टी मालिक खुद या किसी एजेंट के जरिए प्रॉपर्टी (Property News) बेच सकता है। प्रॉपर्टी को जल्द और अच्छे दामों पर बिकवाने में एजेंट काफी मददगार साबित हो सकते हैं। प्रॉपर्टी की एड करना, ग्राहक को ढूंढना, उसे प्रॉपर्टी दिखाना, फिर उससे बातचीत करना, लेन-देन करना आदि में काफी समय लगता है।

2. आज के समय में रियल एस्टेट (Real Estate) की कई वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, जहां से प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त करना बेहद आसान है प्रॉपर्टी वेबसाइट्स के जरिए से संभावित ग्राहक तक पहुंचना अब आसान हो चला है। उन्हें इसकी तलाश करने की जरूरत नहीं है। हां, ये जरूर है कि बेची जाने वाली प्रॉपर्टी पर सेलर की ओनरशिप होनी चाहिए।

3. प्रॉपर्टी सेलर (Property Seller) के पास इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बेची जाने वाली प्रॉपर्टी कब से सेलर के कब्जे में है, जिसके पास पहले उसका ओनरशिप होना बेहद जरूरी है। यदि आप कोई प्रॉपर्टी (Property News) खरीद रही हैं तो इससे जुड़ी जानकारी सबरजिस्ट्रार के ऑफिस से प्राप्त कर सकते हैं। संबंधित प्रॉपर्टी पर कोई अन्य अधिकार या दावा नहीं होना चाहिए।

4. सेल वैल्यू और प्रॉपर्टी का पीरियड तय किया जाना जरूरी होता है। सेल के लेन-देन में सेलर को प्रॉपर्टी के राइट्स खरीदार को ट्रांसफर करने होते हैं। उसके लिए, एक सेल डीड (Sale Deed) बनानी होती है और डीड को रजिस्टर भी करना होता है। यह रजिस्ट्रेशन भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होता है।

5. प्रॉपर्टी से जुड़ा एक एग्रीमेंट (Property Agreement) मूल रूप से एक खरीदार और एक प्राइवेट सेलर के बीच होता है। इस एग्रीमेंट में इस बात का जिक्र होता है कि जब तक खरीदार पूरी राशि का पेमेंट नहीं करता, तब तक प्रॉपर्टी का कब्जा (Possession of property)  सेलर के पास रहेगा।

6. सेल डीड (Sale Deed) में ओनरशिप ट्रांसफर,पेमेंट के तरीके, पैसे के आदान-प्रदान, स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty), मिडलमैन आदि चीजों के बारे में विस्तार से लिखा होना चाहिए। इन सब बातों पर गौर करने के बाद यह भी जानना बेहद जरूरी है कि प्रॉपर्टी पर क्या कोई लैंड एग्रीमेंट (Land Agreement) है या नहीं।

7. प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की डील होने के बाद यह जरूर स्पष्ट कर लें कि पेमेंट प्रति माह के आधार पर किया जाना है या एकमुश्त। साथ ही, किसी भी तरह के एग्रीमेंट में दोनों पक्षों की सहमति लिखित तौर पर आवश्क है। ऐसे में प्रॉपर्टी की खरीदारी के दौरान आप इस बात पर विशेष ध्यान दें।

8. प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त तय होने के बाद लेन-देन की एक समय सीमा तय करें और उस समय सीमा के अंदर ही प्रॉपर्टी से जुड़ा लेनदेन का काम निपटा लें। प्रॉपर्टी बेचने के लिए हाउसिंग सोसाइटी (Housing Society) से परमिशन या नो-ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट (No-Objection Certificate) लेने में ही समझदारी है। इनकम टैक्स विभाग(Income Tax Department) , सिटी लैंड सीलिंग ट्रीब्यूनल या नगरपालिका से अनुमति ले लें।

9. प्रॉपर्टी खरीदने से पहले खरीदार को सबरजिस्ट्रार (Sub-Registrar) के ऑफिस से एक सर्टिफिकेट (कम से कम 15 दिन पहले) लेना चाहिए। कि प्रॉपर्टी किसी भी तरीके के लोन या लोन के सभी मामलों से मुक्त है। इससे इस बात की जानकारी मिलती है कि प्रॉपर्टी पर कर्ज है या नहीं और अगर है तो वह कितना है। इस सर्टिफिकेट के लिए चार्ज देना होगा। यह सर्टिफिकेट सेलर (Certificate Seller) के लिए भी अच्छा है।

10. प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह जरूर जान लें कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन तो नहीं है इस मुद्दे को पहले ही सुलझा लें और एग्रीमेंट (Property Agreement) में भी इसका जरूर उल्लेख करें। प्रॉपर्टी एक्सपर्ट का भी यह मानना है कि ये सभी काम लेन-देन पूरा होने से पहले ही कर लेने चाहिए, क्योंकि यह छोटी-छोटी बातें कानूनी विवाद बन सकती है। जिसके चलते आपको कोर्ट (Court News) कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। प्रॉपर्टी की डील करते समय एग्रीमेंट पर साइन जरूर करें। इसके साथ ही प्रॉपर्टी के लेन-देन का रजिस्टर भी करवा लें। प्रॉपर्टी की खरीद बेच करते समय सावधानी बरतना समझदारी है। ऐसा करने से आप नुकसान से बच सकते हैं।