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RBI ने की बड़ी घोषणा, होम लोन पर होगी 8.5 लाख की बचत

Loan EMI : आज के समय में बढ़ रही महंगाई की वजह से अक्सर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। हाल ही में आरबीआई ने होम लोन से जुड़ा एक बड़ा अपडेट जारी किया है। अब होम लोन पर 8.5 लाख रुपये तक की बचत की जा सकती है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से होम लोन से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल। 

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RBI ने की बड़ी घोषणा, होम लोन पर होगी 8.5 लाख की बचत

HR Breaking News (RBI Latest Update)। अगर आप भी होम लोन (Home Loan News) लेने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है। अब होम लोन पर 8.5 लाख तक की बचत की जा सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि जिन लोगों ने फ्लोटिंग दर (बदलती हुई ब्याज दर) पर होम लोन लिया है, उनके लिए ये खास खबर है। उनकी EMI भी घट सकती है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।


आरबीआई (RBI) की कटौती फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन धारकों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है। खासतौर पर ईबीएलआर वालों के लिए। एमसीएलआर (MCLR) वालों को थोड़ी मेहनत करके स्विच करना होगा। इस मेहनत के बदले आपको लाखों रुपये की बचत की जा सकती है। 

RBI ने हाल ही में रेपो रेट (जिस दर पर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं) में आधे प्रतिशत तक की कटौती कर दी है। अब ये 5.50 प्रतिशत तक हो गया है। ये इस साल की तीसरी कटौती है। इसका मतलब है कि पिछले कुछ महीनों में कुल 1 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है। इसका सीधा अर्थ है कर्ज सस्ता हुआ है। चाहे वो घर खरीदने का लोन हो, गाड़ी खरीदने का या कोई और।


फ्लोटिंग रेट वालों को मिला शानदार मौका-


जिन लोगों ने फ्लोटिंग दर (बदलती हुई ब्याज दर) पर होम लोन (home Loan) को लिया है, तो उनके लिए ये खास खबर है। उनकी ईएमआई में भी कटौती देखी जा सकती है। ये राहत सिर्फ तब ही मिलेगी जब आपका लोन ईबीएलआर (EBLR) नाम के मानक से जुड़ा हुआ है। अगर आपका लोन एमसीएलआर (MCLR) से जुड़ा हुआ है तो आपको ये लाभ ऑटोमैटिक नहीं मिलने वाला है। आपको ये कदम खुद ही उठाना होगा।


जानिये क्या है फर्क-


1. एमसीएलआर (MCLR - 2016 से चलन में): MCLR इसलिए लाया गया था ताकि रेपो रेट कम करने का फायदा आप तक पहुंचाया जा सके। इसमें बैंकों के पास कुछ 'हाथ' रहता है। वे अपनी परिचालन लागत (बैंक चलाने का खर्चा) का हवाला देकर किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं दे सकते हैं। इसका नतीजा ये हैं कि रेपो घटने के बाद भी, आपकी ईएमआई (EMI) में कटौती धीमी हो सकती है या पूरी नहीं हो सकती। पिछली दो कटौतियों में भी कई बैंकों ने ऐसा ही किया था।

2. ईबीएलआर (EBLR - 2019 से चलन में): आरबीआई ने इसे एमसीएलआर की कमियों को दूर करने के लिए पेश किया था। ये सीधे-सीधे रेपो रेट से जुड़ा हुआ होता है। बैंकों की परिचालन लागत का इसमें किसी तरह का कोई रोल नहीं है।

सबसे बड़ा लाभ : रेपो रेट (repo rate) के कम होते ही बैंक को तुरंत आपकी ब्याज दर को कम करना पड़ जाता है। आपकी ईएमआई फटाफट कम हो जाती है।

लोन एमसीएलआर से जुड़ा न होने पर करें ये काम-


1. ईबीएलआर में स्विच करने पर विचार करें: इसके लिए आपको अपने बैंक में जाकर या ऑनलाइन, ईबीएलआर में ट्रांसफर करने के लिए आवेदन करना चाहिए और वहां पर जाकर आपको अपने होम लोन (Home Loan) एमसीएलआर से ईबीएलआर में शिफ्ट करने की मांग रखनी चाहिए।

2. कुछ शुल्क लग सकते हैं: बैंक इसके लिए थोड़ा चार्ज कर सकता है - जैसे ट्रांसफर फीस (लगभग 25,000-35,000 रुपये), प्रोसेसिंग फीस, या कानूनी शुल्क, इस बारे में आपको बैंक से पहले ही जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।

3. बैंक बदलने का विकल्प: अगर आपका बैंक ज्यादा शुल्क मांगे या सहयोग न करे, तो दूसरे बैंक में अपना लोन ट्रांसफर करवाने (बैलेंस ट्रांसफर) पर भी गौर करें क्योंकि ऐसा हो सकता है कि दूसरा बैंक बेहतर ईबीएलआर रेट दे।


कर सकते हैं इतनी बचत-


उदाहरण के तौर पर राजू ने 2022 में 60 लाख रुपये का लोन लिया था तब ब्याज दर = 8.5 प्रतिशत जिसकी किस्त = 52,069 रुपये (20 साल के लिए)

अब (अगर वो कुछ न करे और लोन एमसीएलआर पर रहे): उसकी ईएमआई लगभग वही रहेगी। पूरे 20 साल में वो करीब 64.96 लाख रुपये सिर्फ ब्याज चुकाएगा। इसपर कुल भुगतान लगभग 1 करोड़ 25 लाख रुपये होगा।

अब (अगर वो ईबीएलआर में स्विच करता है): ब्याज दर घटकर 7.5 प्रतिशत हो जाएगी। ईएमआई घटकर 48,336 रुपये रह जाएगी। बाकी बचे सालों में वो सिर्फ 55.87 लाख रुपये ब्याज चुकाने होंगे। कुल भुगतान होगा लगभग 1 करोड़ 16 लाख रुपये।

राजू की टोटल बचत: पूरे लोन पर लगभग 8.96 लाख रुपये। अगर बैंक ने ट्रांसफर पर 35,000 रुपये भी लिए, तो भी करीब 8.5 लाख रुपये उसकी जेब में बचेंगे। इन पैसों से बच्चों की पढ़ाई, घर के रेनोवेशन या बढ़िया छुट्टी पर खर्च हो सकता है।

स्विच करते समय रखें इन बातों का ध्यान-


हिसाब लगाएं: अपने बचे हुए लोन की अवधि और बैंक के शुल्क को ध्यान में रखकर पता करें कि स्विच करना लाभकारी है या नहीं। जितनी ज्यादा अवधि बची हो, उतना ही लाभ।

जल्दी करें: अगर लोन अभी नया है या अवधि लंबी बची है, तो तुरंत स्विच के बारे में सोचें।

कुछ ज्यादा चुकाएं: अगर पैसे बचे रहते हैं तो कम ब्याज दर का लाभ उठाकर कभी-कभी ज्यादा ईएमआई या लंबपट्टी (लम्पसम अमाउंट) चुकाकर लोन जल्दी खत्म करने की कोशिश करें।

नया लोन ले रहे हैं? तो सीधे ईबीएलआर (EBLR) वाला ऑप्शन ही चुनें। भविष्य में ऐसी कटौतियों का फायदा झट से मिलेगा।