SBI समेत इन दो बैंकों पर RBI ने लगाया जुर्माना, ग्राहकों पर पड़ेगा ये प्रभाव
RBI Update : भारतीय स्टेट बैंक द्वारा देशभर के बैंकों के लिए कुछ नियम और कानून को बनाया गया है। ऐसे में अगर कोई भी बैंक इन नियमों का उलंघन्न करता है तो आरबीआई द्वारा उस बैंक (Latest bank update) पर जुर्माना लगाया जाता है। हाल ही में भी आरबीआई ने एसबीआई समेत इन दो बैंकों में जुर्माना लगाया है। इसकी वजह से ग्राहकों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।

HR Breakinmg News - (RBI latest update)। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पर नियमों का उलंघन्न करने की वजह से जुर्माना लगाया है। इसके अलावा दो बैंकों पर भी जुर्माना लगाया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई द्वारा बैंक (latest bank news) पर करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया। इसका प्रभाव ग्राहकों पर भी देखा जाने वाला है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से आरबीआई के इस फैसले के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल।
बैंकों पर जुर्माना लगाने की वजह-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार यानी 9 मई 2025 को देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पर जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही एक और बैंक जन स्माल फाइनेंस बैंक (Jan Small Finance Bank) पर जुर्माने को लगाया है। जुर्माना लगाते वक्त आरबीआई ने बताया कि मानदंडों के अनुपालन में कुछ कमियां देखी गई है।
SBI पर लगाया इतना जुर्माना-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पर हाल ही में जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने एसबीआई पर 1,72,80,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना (RBI Fine on SBI Bank) आरबीआई के विभिन्न निर्देशों के उल्लंघन करने की वजह से लगाया है। जिन निर्देशों का उल्लंघन किया गया उनमें शामिल हैं:-
जन स्माल फाइनेंस बैंक पर भी लगाया जुर्माना-
आरबीआई ने एक अन्य बयान में बताया कि जन स्माल फाइनेंस बैंक (Jan Small Finance Bank) लिमिटेड पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम (banking rule), 1949 के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन की वजह से की गई है।
जुर्माने लगाने का उद्देश्य-
RBI ने बयान में स्पष्ट करते हुए बताया कि इन जुर्मानों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेन-देन (transaction rules) या समझौतों की वैधता को प्रभावित करना नहीं है, बल्कि ये सिर्फ नियामकीय अनुपालन में कमियों को संबोधित करने के लिए है।