ऑनलाइन पेमेंट को लेकर RBI करने जा रहा ये बदलाव, आप भी जान लें
HR Breaking News, Digital Desk - भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने डिजिटल लेनदेन के लिए ऑथेंटिकेशन प्रोसेस और वन-टाइम पासवर्ड (OTP) सिस्टम में बदलाव लाने की खबर शेयर की है। मौद्रिक नीति (monetary policy) समिति यानी एमपीसी के निर्णयों के साथ की गई इस घोषणा के साथ डिजिटल भुगतान की सुरक्षा (security of digital payments) को मजबूत करने की दिशा में केंद्रीय बैंक द्वारा यह सक्रिय कदम उठाया गया है।
आपको बता दें कि एसएमएस आधारित ओटीपी को हाल ही के वर्षों में व्यापक रूप से अपनाया गया है। इस तरह, आरबीआई वैकल्पिक प्रमाणीकरण विधियों को समायोजित करने के लिए एक सिद्धांत-आधारित प्रणाली शुरू करना चाहता है, जिसका लक्ष्य डिजिटल भुगतान की सुरक्षा को मजबूत करना है।
क्या है ओटीपी बेस्ड सिस्टम? (What is OTP based system?)
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (online transaction) करते टाइम आपके पास एसएमएस द्वारा ओटीपी आता है। प्राप्तकर्ता को यह ओटीपी तय समय के अंदर डालना होगा। यह एसएमएस आधारित प्रमाणीकरण पद्धति सालों से वित्तीय संस्थानों द्वारा अपनाई जाती है। देश में डिजिटल लेनदेन का ट्रेंड(digital transaction trend) बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों को अत्याधुनिक प्रमाणीकरण समाधान अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है, ताकि ग्राहकों के लिए सुरक्षा और सुविधा दोनों बढ़े।
95,000 से ज्यादा यूपीआई लेनदेन में धोखाधड़ी!
बता दें कि केंद्रीय बैंक ने मार्च 2023 में 2022 और 2023 के बीच 95,000 से ज्यादा धोखाधड़ी वाले यूपीआई लेनदेन के केस दर्ज किए। इन चुनौतियों के जवाब में, आरबीआई द्वारा प्रस्तावित सिद्धांत विनियमित संस्थाओं को प्रमाणीकरण के वैकल्पिक तरीकों का लाभ उठाने के लिए सशक्त बनाएंगे। जिसमें ऐप-आधारित अनुमोदन और बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण शामिल है।