ग्राहकों के हित में सिबिल स्कोर को लेकर RBI ने बनाए 5 नए नियम, 26 तारीख से लागू
HR Breaking News - (cibil Score rules)। किसी भी बैंक ग्राहक का सिबिल स्कोर उसके द्वारा बैंक से किए गए लेन देन के रिकॉर्ड का सार होता है। सिबिल स्कोर (RBI Cibil score rules) बिगड़ जाता है तो ग्राहक को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आजकल तो बैंक में जॉब के लिए भी इसे तवज्जो दी जाने लगी है, लोन के लिए तो पहले से ही इसका महत्व रहा है। अच्छा सिबिल स्कोर (new rules on cibil score) कम ब्याज दरों पर आसानी से लोन दिलाने में सहायक होता है।
इसी सिबिल स्कोर से जुड़ी कई शिकायतें मिलने पर अब आरबीआई ने नए नियम (RBI Rule) बनाए हैं, जो ग्राहकों के लिए हितकारी साबित होंगे। अगर आप इस समय कोई लोन या क्रेडिट आदि लेने के लिए प्लान कर रहे हैं तो सिबिल स्कोर से जुड़े आरबीआई (RBI update) के इन नियमों को जरूर जान लें।
शिकायतों का रखना होगा रिकॉर्ड -
अब जितनी भी शिकायत ग्राहकों की ओर से की जाती हैं, उन सभी का रिकॉर्ड रखना होगा और आरबीआई (reserve Bank of India) के नए नियमों के अनुसार क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर इन शिकायतों की संख्या दर्शानी होगी। इस नियम का पालन सख्ती से करने के लिए कहा गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने कुछ नियम और भी बनाए हैं जो 26 तारीख से लागू हो चुके हैं। इन नियमों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।
1. CIBIL Score नहीं जांच सकते गुपचुप तरीके से-
सिबिल स्कोर का आंकड़ा 300 से लेकर 900 (cibil score range) के बीच होता है। 750 व इससे ऊपर के अंकों वाला सिबिल स्कोर सही माना जाता है। इससे कम होने पर यह ग्राहक के लिए कठिनाइयां पैदा कर सकता है। कम सिबिल स्कोर (how to improve cibil score) पर लोन मिलना भी मुश्किल हो जाता है। अब बैंकों को किसी ग्राहक का सिबिल स्कोर जांचने की सूचना भी उपभोक्ताओं को देनी होगी।
आरबीआई (RBI latest rules) ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि अगर कोई बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (non financial banking companies) किसी उपभोक्ता का सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो ग्राहक को इसकी सूचना एसएमएस या ईमेल के माध्यम से जरूर दें। ये नियम आरबीआई (RBI rules on cibil score) ने क्रेडिट स्कोर को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के चलते लागू किया है।
2. रिक्वेस्ट रिजेक्ट होने पर यह है नियम-
अगर बैंक उपभोक्ता लोन या क्रेडिट कार्ड के बारे में कोई अर्जी लगाता है और बैंक उसे खारिज करता है तो इसकी वजह बैंकों को अपने ग्राहक को बतानी होगी। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने इन नियम व निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है। इससे ग्राहकों को यह फायदा होगा कि वे अपनी आगामी रणनीति तैयार कर सकेंगे। बैंकों को सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन (rules for cibil score) को रिक्वेस्ट रिजेक्ट करने के कारणों को सूची के माध्यम से बताना होगा।
3. फुल क्रेडिट रिपोर्ट देनी होगी फ्री में-
क्रेडिट संस्थानों को ग्राहकों की सुविधा के लिए साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट (credit report) दर्शाने की सुविधा देनी होगी। क्रेडिट कंपनी अपनी वेबसाइट पर इस सुविधा के लिए लिंक दे सकती है। इस लिंक के जरिये किसी भी ग्राहक को अपनी फुल क्रेडिट रिपोर्ट को जांचने में पूरी मदद मिलेगी। इसके बाद व विभिन्न कमियों व खामियों को दूर कर सकेगा।
4. सीधा नहीं कर सकेंगे लोन डिफॉल्टर घोषित-
अब बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक को सीधा डिफॉल्टर (loan default) घोषित नहीं कर सकेंगे। इसके लिए लोन डिफॉल्ट घोषित करने से पहले ग्राहक को इसकी जानकारी देनी होगी। आरबीआई (RBI new loan rules) के नए नियमों के अनुसार बैंक किसी उपभोक्ता को डिफॉल्ट रिपोर्ट करना चाहत है तो उपभोक्ता को पहले ही मेल या फोन आदि से जानकारी देगा। इसके अलावा आरबीआई ने क्रेडिट स्कोर (credit score ke niyam) से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए बैंकों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
5. 30 दिन में करनी होगी ग्राहक की शिकायत दूर-
आरबीआई ने ग्राहकों की सिबिल स्कोर (cibil score kaise thik kre) से जुड़ी शिकायत को तय समय में निपटाने के निर्देश दिए हैं। बैकों व क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को 30 दिन में उपभोक्ता की सिबिल (cibil score update rules) से जुड़ी शिकायत दूर करनी होगी। नहीं तो हर दिन के हिसाब से 100 रुपये का जुर्माना लगेगा। शिकायत निपटान में जितनी देरी होगी, उतना जुर्माना ज्यादा होता जाएगा।
इस तरह तय की समयसीमा-
लोन उपलब्ध कराने वाले बैंक, NBFC या वित्तीय संस्था को 21 दिन का समय दिया गया है। शिकायत मिलने के बाद क्रेडिट ब्यूरो के पास 9 दिन का समय रहेगा। अगर 21 दिन में लोन (Loan rules) देने वाली संस्था शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो जुर्माना लोन देने वाली संस्था पर लगेगा। इसके अलावा क्रेडिट ब्यूरो 9 दिन बाद भी शिकायत हल नहीं करता है तो क्रेडिट ब्यूरो को जुर्माना (panelity rule for credit bureau) देना पड़ेगा।
