RBI PSL Rule : पीएसएल लोन पर आरबीआई की बड़ी घोषणा, इन ग्राहकों की होगी मौज
HR Breaking News (RBI loan rule)। भारतीय रिजर्व बैंक देश में सभी बैंकों के लिए नियम (RBI new rule for Bank) बनाता है। आरबीआई समय-समय पर बैंक एवं ग्राहकों की जरुरतों के अनुसार नियमों में बदलाव करता रहता है। इस साल फरवरी महीने में आरबीआई ने ब्याज दरों (Interest rate decrease) को कम करने का ऐलान किया था।
आरबीआई की इस घोषणा से लोन धारकों को काफी फायदा पहुंचा था। हाल में आरबीआई ने प्राथमिक क्षेत्र ऋण (Priority sector lending) के नियमों में बदलाव करने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक इन नियमों को आगामी 1 अप्रैल से लागू करने जा रहा है। आरबीआई के इस फैसले से छोटे उद्योगों और एमएसएमई को काफी लाभ पहुंचेगा।
कमजोर वर्गों में ऋण प्रवाह को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में किसान, मजदूर और छोटे उद्योगों (Small Bussiness loan) को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending -PSL) के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। विशेषज्ञों के अनुसार ये बदलाव MSME, कृषि, रिन्यूएबल एनर्जी, किफायती आवास और कमजोर वर्गों जैसे क्षेत्रों में ऋण प्रवाह (Credit Flow) को बढ़ावा देंगे और समावेशी एवं सतत विकास के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
प्राथमिक क्षेत्र ऋण के नियमों (PSL Rule 2025) में बदलाव करने से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इन वर्गों को काफी फायदा होगा। आरबीआई ने 24 मार्च 2025 को प्राथमिक क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending – PSL) से संबंधित संशोधित गाइडलाइंस जारी किए हैं। नए गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे।
लोन सीमाओं में वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक ने प्राथमिक क्षेत्र ऋण (PSL) कवरेज को बढ़ाने के उद्देश्य से हाउसिंग लोन (Housing Loan) सहित कई लोन सीमाओं में वृद्धि करने का फैसला लिया है। इसके अलावा रिन्यूएबल’ श्रेणी के तहत लोन को वर्गीकृत किए जाने के आधारों का विस्तार।
शहरी सहकारी बैंकों से महिलाओं को दिए जाने वाले लोन की अधिकतम सीमा को बढ़ाना
आरबीआई ने हाल में आयोजित बैठक में शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए कुल PSL लक्ष्य को संशोधित कर उनके समायोजित शुद्ध बैंक क्रेडिट (ANBC) या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोज़र (CEOBSE) के क्रेडिट समतुल्य — जो भी अधिक हो — का 60% करने का अहम फैसला लिया है। ‘कमजोर वर्गों’ की श्रेणी के तहत पात्र उधारकर्ताओं की सूची का विस्तार, साथ ही UCBs द्वारा व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को दिए जाने वाले ऋण की अधिकतम (urban co-operative banks) सीमा को हटा दिया गया है। संशोधित गाइडलाइंस के बढ़े हुए दायरे से अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्रों में बैंक लोन के बेहतर लक्षित वितरण की संभावना है।
होम लोन की सीमा में वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 मार्च को आयोजित बैठक में हर व्यक्ति को घर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से होम लोन की सीमा में वृद्धि करने का फैसला किया है। आरबीआई ने संशोधित गाइडलाइंस में हाउसिंग लोन की सीमा (home loan limit increase) और अधिकतम मकान लागत को काफी हद तक बढ़ा दिया है। पहले जहां दो श्रेणियां होती थीं, अब RBI ने प्राथमिक क्षेत्र ऋण (PSL) के तहत हाउसिंग लोन के लिए तीन श्रेणियां तय की हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी की ऋण सीमा में बढ़ौतरी
आरबीआई (RBI) ने प्राकृतिक संसाधनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट (Renewable Energy Project) के लिए ऋण सीमा को ₹30 करोड़ से बढ़ाकर ₹35 करोड़ किया गया है। यह कदम भारत के 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल और 2070 तक नेट जीरो टारगेट को पूरा करने में मदद करेगा।
मरम्मत कार्यों के लिए लोन लिमिट में वृद्धि
RBI ने अब पुराने या टूटे-फूटे मकानों की मरम्मत (Home renovation Loan) के लिए मिलने वाले लोन की सीमा बढ़ा दी है। यह कदम बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं के लिए एक सुरक्षित और विशिष्ट क्षेत्र में ऋण वितरण के नए अवसर खोलता है। साथ ही, यह उन मकान मालिकों की वित्तीय परेशानी को भी कम करता है जो अपने मकानों की जरूरी मरम्मत के लिए नकद (liquidity) की तलाश में होते हैं। इससे ऋण वितरण के लिए एक बड़ा बाजार खुलने की संभावना बनती है।
