home page

RBI Rules : बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस को लेकर RBI के नए नियम, जानिये क्या माइनस में जा सकता है खाता

Minimum balance rules : अपने बैंक खाते में कितना बैलेंस है, यह आपको संभालते रहना चाहिए, ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अब आरबीआई ने बैंक खाते में कम से कम बैलेंस को लेकर नए नियम (RBI rules on Minimum balance) बनाए हैं। इस बारे में बैंकों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। कई लोगों को यह कंफ्यूजन होती है कि खाते में मिनिमम बैलेंस (Minimum balance new rules ) नहीं है तो खाता माइनस में जा सकता है या नहीं, इस सवाल का जवाब भी आप आरबीआई के इस संबंध में बनाए गए नए नियमों सहित खबर में जान सकते हैं। 

 | 
बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस को लेकर RBI के नए नियम, जानिये क्या माइनस में जा सकता है खाता

HR Breaking News - (Minimum balance rules)। हर बैंक खाताधारक के लिए अपने खाते में कम से कम बैलेंस जरूर रखना होता है। इसके न होने पर बैंक चार्ज लगा देते हैं। ये चार्ज हर महीने के हिसाब से लगाए जाते हैं। अगर एक माह में ग्राहक यह राशि मेंटेन कर लेता है तो अधिक चार्ज लगने से बच सकता है।

कई लोगों का सवाल यह भी होता है कि बार-बार चार्ज (charges on no minimum balance) लगने से उनका खाता माइनस में तो नहीं चला जाएगा? RBI की ओर से इस बारे में कई नियम (RBI Minimum Balance Rules) बनाए गए हैं, जिनका पालन बैंकों व बैंक उपभोक्ताओं, दोनों को करना होता है। आइये जानते हैं इन नियमों के बारे में।


जानिये कैसे लगते हैं चार्ज-


मिनिमम बैलेंस (minimum balance ke niyam) किसी खाताधारक के खाते में नहीं है तो पहले यह देखा जाता है कि खाता ग्रामीण एरिया में है या शहरी एरिया में। इसके बाद जुर्माना राशि तय की जाती है। मिनिमम बैलेंस (minimum balance new rules) कितना हो, यह हर बैंक का अपना नियम है। इस राशि से कम रुपये खाते में होने पर  चार्ज लगाए जाते हैं। शहरी एरिया के खाते में मिनिमम बैलेंस कम है तो इस पर अधिक चार्ज लगता है और ग्रामीण एरिया के खाते (new rules for bank account) पर कम चार्ज लगता है। 

ग्राहक को बैंक देंगे यह सूचना -


कई ग्राहकों के खाते मिनिमम बैलेंस की लिमिट पूरी नहीं करते। ऐसे में बैंकों (bank news) की  जिम्मेदारी तय की गई है कि इसकी सूचना खाताधारक को दी जाए। यह SMS-ईमेल आदि के जरिये दी जा सकती है। RBI ने इस बारे में नियम तय किया है कि 1 माह में खाताधारक खाते में मिनिमम बैलेंस को मेंटेन (how to maintain minimum balance) नहीं करता है तो बैंकों जुर्माना लगा सकते हैं। बिना सूचना दिए जुर्माना लगाना नियम का उल्लंघन माना जाता है।


बैंक तय करते हैं अपनी ओर से स्लैब-


खाते में मिनिमम बैलेंस न होने की स्थिति में चार्ज लगाने के लिए बैंकों की ओर से स्लैब बनाए जाते हैं। इसके अनुसार देखा जाता है कि किस खाते में कितना बैलेंस है और कितना चार्ज (charges on not maintaining minimum balance) लगाया जाना है।

ये चार्ज स्लैब तय करने के बाद लगाए जाते हैं। इससे बैंकों को आसानी रहती है कि कोई खाता माइनस में न चला जाए और नियम का उल्लंघन न हो।  मिनिमम बैलेंस मेंटेन रखने में जितनी राशि कम होगी, जुर्माना राशि स्लैब (bank slabs for minimum balance) अनुसार उसी अनुपात में लगाई जाती है। 


यह कहना है एक्सपर्ट्स का -


एक्सपर्ट्स के अनुसार बैंकों की ओर से यह भी ध्यान रखा जाता है कि यह जुर्माना किसी खाताधारक के खाते में मिनिमम बैलेंस (minimum balance new rules) न होने पर उसे माइनस में न कर दे। मिनिमम बैलेंस न होने की सूरत में बैंक खाते में राशि जीरो तो हो सकती है पर इसे माइनस (minus account) में नहीं किया जा सकता। आरबीआई के नियमों के अनुसार इस राशि को बैंक खाता बंद कराते समय भी बैंक नहीं मांग सकते।