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होम लोन वालों को RBI का बड़ा तोहफा, करोड़ों लोगों को होगा फायदा

Reserve Bank of India :भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से होम लोन पर ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया जा रहा है। आरबीआई (Reserve Bank of India) ने कारोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाया है। इससे होम लोन पर ग्राहकों की बड़ी बचत होगी। घर खरीदने वालों को होम लोन लेने के लिए सही समय है। ग्राहकों को मोटी बचत होने वाली है। 

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होम लोन वालों को RBI का बड़ा तोहफा, करोड़ों लोगों को होगा फायदा

HR Breaking News (reserve Bank of India) : घर खरीदने वालों के लिए सही समय है। रिजर्व बैंक की ओर होम लोन पर ब्‍याज दरों को घटाया जाने वाला है। होम लोन पर कम ब्याज दरों की शुरुआत हो चुकी है। इसकी शुरुआत फरवरी से हो चुकी है। साल में 1 फीसदी तक की बचत होगी और ईएमआई (EMI) में हजारों रुपये बचेंगे। आरबीआई (RBI) ने ग्राहकों को होम लोन में बड़ी छूट दी है। 

 


लोन हो जाएंगे सस्ते
 

ग्राहकों के लिए सस्‍ते लोन का समय आ गया है। आरबीआई (Reserve Bank of India) की ओर से इसकी शुरुआत फरवरी में एमीपीसी बैठक में की गई थी। अप्रैल में शुरू हो रहे नए वित्‍तवर्ष में रेपो रेट और घटाई जा सकती है। इसका लाभ होम लोन (Home Loan EMI) और ऑटो लोन पर पड़ेगा। ऐसे में अब घर खरीदने वालों के लिए सही वक्त है। होम लोन पर 0.75 फीसदी तक ब्‍याज दरें घट सकती हैं। इससे आम लोगों पर ईएमआई का बोझ घटेगा। 

 

2025-26 में होगी बड़ी बचत
 

लोन को लेकर आरबीआई (Reserve Bank of India) के कदम पर क्रिसिल इंडिया आउटलुक के अनुसार 2025-26 में बेंचमार्क दरों में 50-75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की जा सकती है। इसे बाजार में खपत बढ़ेगी। इससे कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा। कम ब्याज दरें होंगी तो लोग लोन भी ज्यादा लेंगे। इससे अर्थव्यवस्था में अन्य ब्याज दरों पर भी असर पड़ेगा। जिससे अर्थव्यवस्था भी सही होगी।

 


फरवरी से शुरू हो गई कटौती
 

होम लोन को लेकर आरबीआई ने मौद्रिक नीति के दौरान रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट्स कम कर दिया। यानी आरबीआई (Reserve Bank of India) ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत कम कर दिया है। यह पांच साल में पहली बार कटौती हुई है। पिछले लंबे समय से 6.50 फीसदी पर रेपो रेट बनी हुई थी। वहीं, मई 2022 से फरवरी 2023 तक आरबीआई ने रेपो रेट को 2.50 प्रतिशत बढ़ा दिया था। 2023 से रेपो दर 6.50 फीसदी पर स्थिर थी।

 

देश की विकास दर होगी तेज
 

रिपोर्ट के अनुसार अगले वित्त वर्ष में विकास दर बढ़ेगी। सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत के संशोधित अनुमान से घटाकर 4.4 प्रतिशत करने की कोशिश है। आरबीआई (Reserve Bank of India) के कदम से बाजार में पैसा बढ़ने से खपत बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे देश की विकास दरें भी बढ़ सकती हैं।