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savings vs salary account : सेविंग अकाउंट में आती है सैलरी तो जान लें इसके नुकसान

Bank account details : नौकरीपेशा लोगों को अपने सैलरी अकाउंट के साथ फ्री चेकबुक और क्रेडिट कार्ड जैसी कई सुविधाएं मिलती है। सैलरी अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट दोनों के अपने अपने फायदे हैं। आप जरूरत के अनुसार कोई भी अकाउंट खुलवा सकते हैं। आइए खबर में जानते है की अगर आपकी सेविंग अकाउंट में आती है सैलरी तो इसके नुकसान क्या-क्या है।
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HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। सभी नौकरीपेशा लोगों के पास एक बैंक अकाउंट होता है जिसमें हर महीने उनकी सैलरी जमा होती है। सभी कंपनियों का किसी न किसी बैंक के साथ टाई-अप होता है जिसमें वे अपने कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट (Employees' salary accounts) खुलवाती है। हालांकि, कई लोग अपने सेविंग्स अकाउंट में भी सैलरी लेते हैं। ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि ये दोनों अकाउंट अलग कैसे हैं और क्या सेविंग्स अकाउंट में सैलरी लेने पर कोई नुकसान हो सकता है?
आपको बता दें कि सैलरी अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट (Salary Account and Savings Account) दोनों के अपने अपने फायदे होते हैं। इसे आप जरूरत के मुताबिक खुलवा सकते हैं। अगर आपकी सैलरी सेविंग्स अकाउंट में जमा होती है तो इसका कोई नुकसान नहीं है। हालांकि, इससे आपको सैलरीड एम्प्लॉई होने के बावजूद सैलरी अकाउंट के बेनिफिट्स (Salary Account and Savings Account) नहीं मिल पाते हैं।


दोनों अकाउंट में क्या होता है अंतर?


सैलरी अकाउंट कंपनियों के कहने पर खोला जाता है। किसी भी संस्था के सभी कर्मचारियों को अपना सैलरी अकांउट मिलता है जिसमें हर महीने उनकी सैलरी आती है। जबकि सेविंग्स अकाउंट कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है। आम तौर पर जो लोग नौकरीपेशा या सैलरीड नहीं होते हैं, वे अपने फाइनेंस को मैनेज करने के लिए सेविंग्स अकाउंट खोलते हैं। उन्हें इससे ब्याज कमाने वाला डिपॉजिट अकाउंट मिल जाता है।


सैलरी खाते खुलवाने के फायदे (Benefits of salary account)


अगर आपके पास सैलरी अकाउंट है तो आपको इसमें मिनिमम बैलेंस मैंटेन रखने कोई जरूरत नहीं होती है। सैलरी अकाउंट के साथ आपको एक निजी चेक-बुक भी मिलती है। अगर आपका अकाउंट कम से कम दो वर्ष या इससे ज्‍यादा पुराना है तो आपको इसमें ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी मिलती है। ओवरड्राफ्ट रकम की लिमिट दो महीने के बेसिक सैलरी जितनी होती है। ओवरड्राफ्ट की सुविधा के तहत अगर आपके बैंक आकउंट में कोई बैलेंस नहीं है, तो भी आप एक तय लिमिट तक पैसे निकाल सकते हैं। वहीं सैलरी अकाउंट धारक की मृत्‍यु होने पर बीस लाख रुपये तक का पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस भी मिलता है। अगर किसी के सैलरी अकाउंट में लगातार तीन महीने तक कोई सैलरी नही आती है तो बैंक उसे जनरल अकाउंट में बदल देता है।


सेविंग्स अकाउंट खुलवाने के फायदे (Benefits of opening a savings account)


आप अलग अलग बैंकों में कई सेविंग्स अकाउंट खुलवा सकते हैं। सभी सरकारी और निजी बैंक अपने सेविंग्स अकाउंट पर एयर एक्सीडेंट समेत लाइफ इंश्योरेंस कवर ऑफर कर रहे हैं। कुछ बैंक इसके लिए बहुत कम शुल्क लेते हैं जबकि कुछ बैंक इसे बिलकुल मुफ्त में देते हैं। आपके सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक की पूंजी पर रिजर्व बैंक कवर देता है। आमतौर पर सामान्य सेविंग्स अकाउंट कस्टमर्स दूसरे बैंकों के एटीएम से 10,000 रुपये और अपने बैंक से अधिकतम 25,000 रुपये ही निकाल सकते हैं। लेकिन, प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स को एक दिन में 1 लाख रुपये तक की निकासी की इजाजत मिलती है। कई बैंक अपने प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स को फ्री एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस देते हैं।