Senior Citizen Scheme : बुढ़ापे में भी करनी है कमाई तो ये हैं 5 ऑप्शन

HR Breaking News, Digital Desk- जवानी में सभी लोग कमाकर किसी न किसी तरह अपना और अपने परिवार का पेट भर लेते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी बुढ़ापे में होती है. अगर आप सरकारी नौकरी कर रहे हैं, तो कोई बात नहीं है. आपको महीने की आखिरी तारीख को पेंशन मिल जाएगी, जिससे आपके घर का खर्च चल जाएगा. लेकिन जो लोग नौकरी नहीं कर रहे हैं, आखिर उनका बुढ़ापा कैसा बीतेगा. लेकिन अब ऐसे लोगों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. मार्केट अलग- अलग पेंशन योजनाएं चल रही हैं, जिसमें निवेश कर आप बुढ़ापे में रिटायर्ड कर्मचारी की तरह ही पेंशन का लाभ उठा पाएंगे, जोकि आपके लिए सहारा बनेगा. तो आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम-
यह स्कीम 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए शुरू की गई है. यह एक तरह की बचत योजना है. अगर इस योजना में निवेश करते हैं, तो ब्याज के साथ आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का सबसे बड़ा फायदा है कि .यह रिटायरमेंट के बाद मिलता है. अगर आप चाहें, तो अच्छा रिटर्न पाने के लिए एकमुश्त पैसा निवेश कर सकते हैं. जैसाकि, एफडी में किया जाता है. इस स्कीम के तहत न्यूनतम 1,000 रुपये जमा कर सकते हैं. इसके बाद आप रकम को 1,000 रुपये के मल्टीपल में बढ़ा सकते हैं. अगर आप चाहें तो एक वित्तीय वर्ष में 30 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं.
डाकघर मासिक आय योजना-
डाकघर मासिक आय योजना को पीओएमआईएस के नाम से भी जाना जाता है. यह एक छोटी बचत योजना है. इसकी खासियत यह है कि इसमें आप पांच साल तक ही निवेश कर सकते हैं. सिंगल अकाउंट में अधिकतम निवेश सीमा 9 लाख रुपये और ज्वाइंट अकाउंट में 15 लाख रुपये का है.
बैंक सावधि जमा-
बैंक सावधि जमा को एफडी भी कहा जाता है. बुजुर्गों के लिए बैंक में एफडी के रूप में निवेश करना भी अच्छा रहेगा. क्योंकि बहुत से बैंक सीनियर सिटीजन को एफडी पर दी जाने वाली सिंपल इंटरेस्ट रेट के अलावा भी अलग से 0.50 प्रतिशत ब्याज देते हैं. खास बात यह है कि निवेशकों को एफडी जमा पर ब्याज का भुगतान नियमित अंतराल पर किया जाता है. जैसे कि मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक और सलाना.
म्युचुअल फंड-
म्युचुअल फंड को एमएफ के नाम से भी हम लोग जानते हैं. अगर सीनियर सिटीजन म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो एक समय के बाद उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा. आम तौर देखा गया है कि सीनियर सिटीजन जोखिम से संबंधित निवेश योजनाओं में निवेश करने से डरते हैं, क्योंकि वह बाजार के जोखिम नहीं उठाना चाहते. ऐसे में सीनियर सिटीजन अपने निवेश पर महंगाई को मात देने वाले रिटर्न के लिए अपनी बचत का एक हिस्सा म्यूचुअल फंड में डाल सकते हैं.
आरबीआई फ्लोटिंग रेट बचत बॉन्ड-
आरबीआई बचत बॉन्ड पर ब्याज दर राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र से जुड़ी है, जो एक छोटी बचत योजना है. आरबीआई फ्लोटिंग रेट बचत बॉन्ड पर ब्याज दर एनएससी पर ब्याज दर से 0.35% अधिक है. एनएससी ब्याज दर में कोई भी बदलाव आरबीआई (rbi) बॉन्ड की ब्याज दर में दिखाई देगा. एनएससी के विपरीत, जिसकी समीक्षा हर तिमाही में की जाती है, आरबीआई बचत बॉन्ड पर ब्याज दर की समीक्षा अर्धवार्षिक रूप से की जाती है. इन बॉन्ड में न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये से शुरू होता है, अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है. बांड की निश्चित अवधि सात वर्ष होती है. ऐसे में 60 साल से अधिक उम्र वालों को इसमें निवेश करना फायदेमंद रहेगा.