FD में निवेश करने वालों को झटका, RBI ने कर दिया बड़ा ऐलान
Fixed Deposit : आज बढ़ती महंगाई के इस दौर में हर कोई सुरक्षित भविष्य के लिए निवेश करता है। जब बात निवेश की होती है तो ज्यादातर एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं। क्योंकि यह सुरक्षित विकल्प है और गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। अगर आपने भी एफडी (FD) में पैसा लगाया है तो एक बड़ी खबर सामने आई है हाल ही में आरबीआई ने एक बड़ी घोषणा की है। चलिए जानते हैं इसका निवेशकों पर कितना असर पड़ेगा।

HR Breaking News - (FD Rates)। रिजर्व बैंक यानी आरबीआई महंगाई को कंट्रौल करने के लिए रेपो रेट पर फैसला लेता रहता है। बता दें कि पिछले कई सालों से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। अब बीते कुछ समय पहले ही आरबीआई ने रेपो रेट (repo rate) में कटौती की थी। इसके बाद आज 6 जून को आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की घोषणा की है। बता दें कि यह कटौती अनुमान से भी ज्यादा है। रेपो रेट में 25 बीपीएस की कमी का अनुमान था।
आरबीआई (RBI) के इस फैसले के बाद से होम लोन ग्राहकों में खुशी का माहौल है। रेपो रेट में कमी आने से होम लोन के नए और पुराने दोनों ग्राहकों को फायदा होगा। लेकिन, जहां होम लोन ग्राहकों को फायदा मिला है वहीं, एफडी (FD) में निवेश करने वालों को बड़ा झटका भी लगा है।
एफडी की ब्याज दरों में कटौती?
इस बात में कोई दौराय नहीं है कि देश के सरकारी और प्राइवेट बैंकों को सबसे अधिक कमाई ग्राहकों को लोने देने से होती है। वे ग्राहकों को जितना ज्यादा इंटरेस्ट रेट्स पर होम और कार लोन (Car Loan) देते हैं, उन्हें उतनी ज्यादा कमाई होती है।
लेकिन, अब RBI के रेपो रेट घटाने के बाद उन्हें नहीं चाहते हुए भी होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज (Personal Loan Interest Rate) दरों में कटौती करनी पड़ेगी। ऐसे में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दरों को भी घटा देंगे। इस साल में दो बार रेपो रेट दर को कम किया जा चुका है और पिछले बार रेपो रेट घटने से बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी।
FD पर कितना कम होगा ब्याज?
एक्सपर्ट्स ने बताया है कि रेपो रेट (repo rate) में उम्मीद से ज्यादा कटौती हो चुकी है और अब जल्द ही देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक अपनी एफडी की ब्याज दरों को कम कर देंगे। हालांकि, बैंक FD के इंटरेस्ट रेट्स (FD Interest Rate) में 50 बीपीएस की कमी करेंगे, इससे अधिक करेंगे या इससे कम करेंगे, यह अभी कंफर्म नहीं हुआ है।
यह फैसला बैंक फंड की अपनी जरूरत के हिसाब से लेंगे। जिस बैंक को फंड की ज्यादा जरूरत होगी, वह ब्याज दरों को कम कर सकता है। जिस बैंक को फंड की कम जरूरत होगी, वह एफडी की ब्याज दरों में अधिक कटौती कर सकता है।
एफडी में निवेश करने वाले जान लें क्या करना चाहिए?
यदि आपने पहले से बैंक में एफडी (FD) करवा रखी है तो आपको मैच्योरिटी तक परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, बैंक में जिस ब्याज दर पर आपने एफडी करवाई है उसपर मैच्योरिटी पर पहले फिक्स हो चुका ब्याज मिलता रहेगा। कहना का मतलब है कि मैजूदा समय में अगर बैंक ब्याज दरों को कम करते हैं तो आपको नुकसान नहीं होगा।
अगर आपकी एफडी (FD rate) जल्द मैच्योर होने जा रही है तो आपको फिर इसके बारे में सोचना होगा। बैंक आपको एफडी को रिन्यू कराने के लिए बोल सकते हैं। लेकिन, बैंक उस एफडी पर पहले के मुकाबले बेहद कम ब्याज दर प्रदान करेंगे। ऐसे में आपके लिए उस एफडी को रिन्यू नहीं कराना ही फायदेमंद होगा। आपको अपने एफडी के पैसे निकाल लेने चाहिए। एफडी पर अच्छा इंटरेस्ट पाने के लिए कई बैंकों की एफडी ब्याज दरों की तुलना करें और जो बैंक अधिक ब्याज दर ऑफर कर रहा है उसे में अपना पैसा निवेश करें।