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Tax Rules : इतनी कमाई पर देना होता इनकम टैक्स, कुंवारों और शादीशुदा के लिए है अलग टैक्स सिस्टम

Tax Rules In India : भारत सरकार द्वारा इनकम टैक्स का भुगतान करने के लिए अलग-अलग लिमिट को बनाया गया है। ऐसे में क्या आप जानते हैं की कुवारों के लिए अलग टैक्स सिस्टम बनाया गया है। इसके साथ ही में इनकम टैक्स सलैब के मुताबिक टैक्स पे करने की लिमिट को भी तय किया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कितनी लिमिट पर टैक्स (income tax slabs) का भुगतान नहीं करना होता है।

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Tax Rules : इतनी कमाई पर देना होता इनकम टैक्स, कुंवारों और शादीशुदा के लिए है अलग टैक्स सिस्टम

HR Breaking News - (Budget 2025 history)। इनकम टैक्स विभाग ने करदाताओं के लिए अलग-अलग टैक्स सिस्टम को बनाया है। इसके तहत टैक्स पे (update for Taxpayers) करने की लिमिट को भी तय किया गया है। सभी लोगों के लिए कुछ विशेष कारणों की वजह से टैक्स में छूट भी दी जाती है। ऐसे में अलग टैक्स वयवस्था के तहत कुवारों और शादीशुदा लड़कों के लिए भी अलग टैक्स व्यव्स्था बनाई गई है। खबर में जानिये कितना आय होने पर कितना टैक्स देना पड़ता है। 

कितना बदला भारत का इनकम टैक्स सिस्टम  

भारत में नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी का अधिकार हिस्सा टैक्स का भुगतान (Payment of Tax) करने में लग जाता है। सरकार द्वारा आपकी कमाई पर के ऊपर टैक्स लगाया जजाता है। अगर आयकर के सफर पर नजर डाले तो 1947 में जब पहली बार बजट (First budget of india) को पेश किया गया था तो  उस समय जिन भी लोगों की आय 1500 रुपये थी तो इस कमाई पर उनको कोई भी टैक्स नहीं देना होता था। 

साल दर साल इनकम टैक्स में आया बदलाव-


आजादी के समय से ही देश भर में कमाई कर रहे लोगों को टैक्स (Update for taxpayer) देना पड़ता था। आजादी के समय में जिन भी लोगों की कमाई 1500 रुपये तक थी, उन्हें इसपर कोई टैक्स नहीं देना होता था। साल दर साल इनकम टैक्स में बदलाव (Changes in income tax) देखने को मिला। वहीं एक ऐसा भी समय था जिसमें लोगों के बच्चों के आधार पर भी उनको टैक्स में छूट दी जाती थी।   

 


कुंवारों के लिए अलग टैक्स सिस्टम-


भारत सरकार द्वारा साल 1955 में पहली बार देश के शादीशुदा और कुंवारों लड़कों के लिए अलग-अलग टैक्स सिस्टम (old tax system) को बनाया गया था। इसके साथ ही कपल के लिए 2000 रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री किया गया था। वहीं अगर  कुंवारों (Tax rule for unmarried boys) की बात करें तो इनके लिए 1000 रुपये तक की इनकम पर कोर्ट टैक्स नहीं देना पड़ता है।   


बच्चों की वजह से दी जाती थी टैक्स में छूट-


केंद्र सरकार द्वारा साल 1958 में बच्चों की संख्या के आधार पर भी टैक्स (income tax history) में छूट दी जाती थी। वहीं एक बच्चे वाले लोगों को 3300 की कमाई पर टैक्स पर छूट मिलती थी तो वहीं दो बच्चों पर टैक्स में ज्यादा छूट दी जाती थी। 2 बच्चों पर टैक्स फ्री इनकम 3600 रुपये थी। इसके साथ ही में जिन कपल (Income tax relief on child) का कोई बच्चा नहीं था, उन्हें 3000 रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। 


इन लोगों को देना पड़ता था सबसे ज्यादा टैक्स-


भारत सरकार द्वारा साल 1973-74 में भारत में इनकम टैक्स (Income tax latest update) की राशि को बढ़ा दिया था। इसके साथ ही में आयकर विभाग की ओर से अधिकतम सीमा 85 फीसदी तक कर दी गई थी।  इसमें सरचार्ज मिलाने पर ये टैक्स 97.75 फीसदी तक पहुंच जाती थी। इसके साथ ही इस दौर में 100 रुपये की कमाई 97.75 रुपये तक का टैक्स देना पड़ता थ्ता था।


 हालांकि 2 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स को फ्री रखा गया था यानी 2 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर हर सौ रुपये पर 97.75 रुपये सरकार रख लेती थी। उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) थीं और वित्त मंत्री यशवंतराव बी. चव्हाण थे। उस बजट को सरकार ने ब्लैक बजट का नाम दिया गया था।