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Home Loan लेने का आ गया सही समय, इतनी कम ब्याज दर पर मिल जाएगा पैसा

Home Loan EMI : अगर  आप भी हाल फिलहाल में घर बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो अभी आपके पास सुनहरा मौका हो सकता है, क्योंकि आरबीआई की ओर से होम लोन लेने वालों को जल्द ही एक तोहफा मिलने वाला है, जिससे उन्हें कम ब्याज दरों (Home Loan Interest rate)पर होम लोन मिल जाएगा। आरबीआई के  इस तोहफे के बाद  होम लोन धारकों पर ईएमाअई का बोझ नहीं पड़ेगा ।
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Home Loan लेने का आ गया सही समय, इतनी कम ब्याज दर पर मिल जाएगा पैसा

HR Breaking News - (Home Loan )। आज  की इस बढ़ती महंगाई में खुद का घर बनाना आसान काम नहीं है। इस बढ़ती महंगाई में व्यक्ति घर बनवाने के लिए होल लोन का ही सहारा लेता है।  अगर आप भी खुद  का घर बनाने के लिए बैंक से होम लोन (Home Loan  Rules Updates)लेने के बारे में सोच रहे हैं तो अभी होम लोन लेने का सही समय आ गया है और अभी के समय में बेहद कम ब्याज दरों पर लोनधारकों लोन दिया जा रहा है।

कितना घट सकता है रेपो रेट-


बता दें कि बीते माह फरवरी की एमीपीसी बैठक (February MPC meeting) में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कमी करने का ऐलान किया था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि नए फाइनेंशियल ईयर से रेपो रेट में और भी कटौती हो सकती है। जानकारी के अनुसार 2025-26 के फाइनेंशियल ईयर (Financial year 2025-2026) के दौरान बेंचमार्क दरों में 50-75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हो सकती है, ताकि खपत को समर्थन मिलने के साथ-साथ उधार लेने की लागत में कमी आ सकें।

जानकारी के अनुसार अगर कम ब्याज दरें होंगी तो इससे खपत को थोड़ी मदद मिल सकती है, क्योंकि होम लोन के कम ब्याज दरों (home loan interest rates) से ये धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में अन्य ब्याज दरों (how to reduced home loan emi) पर भी इनका प्रभाव पड़ेगा। ऐसा होने से  उधार लेने की लागत कम हो जाएगी।


फरवरी में किया गया था ऐलान-


केंद्रीय बैंक की ओर से बीते माह में रेपो रेट में कटौती (Repo rate cut) लगभग पांच वर्षों बाद की गई है। अब वर्तमान में रेपो रेट की दरें (Repo Rate Rates) 6.25 है। आरीबाई की ओर से यह कदम 11 लगातार नीतियों के दौरान रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर बनाए रखने के बाद काफी लंबे समय बाद लिया गया था। हालांकि इससे पहले मई 2022 से फरवरी 2023 तक आरबीआई ने रेपो दर (RBI reduced the repo rate) को 2.50 प्रतिशत तक बढ़ाया था, लेकिन अप्रैल 2023 से महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर टिका हुआ था ऐसा इसलिए किया गया था ताकि मध्यम अवधि के लक्ष्य 4 प्रतिशत के भीतर लाया जा सके।


भारतीय अर्थव्यवस्था में आई वृद्धि -


सुत्रों का कहना है कि आरबीआई (Reserve bank of india) के इस फैसले से विकास दर में भी तेजी आएगी। अगले वित्तीय वर्ष में विकास स्थिर रहेगी, जबकि सरकार वित्तीय घाटे को जीडीपी (GDP to fiscal deficit) के 4.8 प्रतिशत के संशोधित अनुमान से घटाकर 4.4 प्रतिशत करने की कोशिश कर सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जुलाई-सितंबर अवधि में सात तिमाही के निचले स्तर 5.6 प्रतिशत पर थी उसके बाद भारतीय (RBI may cut repo rate) अर्थव्यवस्था ने दिसंबर तिमाही में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की।

जानकारी के अनुसार जो अतिरिक्त वृद्धि दर थी वो कृषि और सेवा क्षेत्र से प्राप्त की गई थी। निजी और सरकारी खपत दोनों में खर्च के मामले में वृद्धि देखी गई, लेकिन उसके बाद भी पूंजी निर्माण 5.7 प्रतिशत पर स्थिर रहा, जबकि पिछली तिमाही में पूंजी निर्माण 5.8 फीसदी था।