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Income Tax की रेड में जब्त पैसे का क्या होता है, जानिये इनकम टैक्स विभाग किस आधार पर करता है छापेमारी

Income tax raid : इनकम टैक्स नोटिस से ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बात जब इनकम टैक्स रेड की हो तो पसीने आना स्वाभाविक है। इनकम टैक्स विभाग (income tax department) की छापामार कार्रवाई के अपने नियम हैं। इस सारी गतिविधि एक प्लांड तरीके से की जाती है। इसमें अधिकारियों का अपना अलग ही रोल होता है। रेड मारने के दौरान टीम (income tax raid ke niyam) पैसे भी जब्त करती है। कई बार तो नोटों के ढेर-ढेर छापे में मिलते हैं। ऐसे में मन में सवाल उठता है कि रेड में जब्त यह पैसा कहां जाता है और विभाग किस आधार पर छापेमारी (income tax ki raid) करता है। आइये जानते हैं इस बारे में इस खबर में।

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Income Tax की रेड में जब्त पैसे का क्या होता है, जानिये इनकम टैक्स विभाग किस आधार पर करता है छापेमारी

HR Breaking News : (income tax raid rules)आपने इनकम टैक्स विभाग के छापों की खबरें तो खूब देखी सुनी होंगी। इस दौरान गुपचुप तरीके से सब कुछ ऐसे होता कि पत्ता भी नहीं हिलता। इसके बाद इनकम टैक्स (income tax) वाले गाड़ियों में छापे में जब्त किए गए सामान और रुपयों को लादकर स्पीड से निकल जाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे यह सब कैसे होता है और ये पैसा कहां जाता है।

यह सवाल कई लोगों के मन में होता है। बता दें कि इनकम टैक्स विभाग की छापामार (income tax raid) कार्रवाई के अपने तय नियम और कानून हैं। आम लोगों को तो क्या अधिकतर टैक्सपेयर्स को भी इस बारे में जानकारी नहीं होती। आइये आपको बताते हैं कैसे चलती है इनकम टैक्स (IT raid rules) की कार्रवाई, कैसे तय किया जाता है छापा मारना  और कहां जाता है इसमें जब्त किया गया माल। 

 

 


छापा मारने का क्या होता है आधार -


आयकर विभाग (Income Tax Raid News) की ओर से जब छापा मारा जाता है तो इसका आधार भी तय होता है।  विभाग सबसे पहले तो यह तय करता है कि संदिग्ध शख्स है कौन। उसके सभी संबंधित ठिकानों पर नजर दौड़ाई जाती है और तय किया जाता है कि कहां-कहां छापा (IT raid news) मारना है।

इस पूरे सर्च ऑपरेशन को वरिष्ठ अधिकारी संभालता है। सर्च वारंट जारी करते हुए सर्च टीम बनाई जाती है। इस बारे में इनकम टैक्स विभाग से सेवानिवृत्त एक अधिकारी ने अपने अनुभव के आधार पर कई जानकारी साझा की हैं। हालांकि इनके बताए अनुसार और भी कई स्थितियां होती हैं जो मामले पर व अधिकारियों पर निर्भर करती हैं।


नहीं की जाती कोई सूचना लीक-


जब इनकम टैक्स की टीम (income tax team) छापा मारती है तो हर सूचना टीम के सदस्यों से भी गुप्त रखी जाती है। जो सदस्य जांच टीम में होते हैं उनको यह तक नहीं पता होता कि किसके यहां पर छापा मारना है। जगह के बारे में भी उनको नहीं बताया जाता। इस दौरान सारी जिम्मेदारी आयकर अधिकारी की होती है। किसी तरह की कोई सूचना (income tax notice) लीक  न हो, इसके लिए तमाम प्रबंध पुख्ता किए जाते हैं। 


सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई व गतिविधि-


जांच करने वाली टीम में कर्मचारियों की संख्या भिन्न होती है। जहां रेड (IT Raid kab lagti h) करनी होती है उस ठिकाने पर टीम आती है और संबंधित व्यक्ति को सर्च वारंट (search warrant) देती है। इसके बाद सारी कार्रवाई शुरू होती है। किसी को अंदर आने या बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती। जांच को सही तरीके से चलाने के लिए बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है और उससे फोन आदि पर कोई बातचीत भी नहीं कर सकता।

लगाए जाते हैं ये प्रतिबंध -


सर्च ऑपरेशन (IT search operation)  के दौरान टीम की ओर से किसी के फोन प्रयोग करने या न करने का फैसला विभाग के अफसर करते हैं। यह मौके की स्थिति पर निर्भर करता है। अधिकारी इस बारे में निर्णय लेते हैं, वे यह भी देखते हैं किसके यहां छापा मारा जा रहा है और क्या स्थिति है। रेड के दौरान लगभग हर बात के लिए आयकर अधिकारी (Income Tax Raid) की अनुमति लेनी होती है। किस बात की अनुमति देनी है और किस बात की नहीं, यह अफसर ही तय करते हैं। हालांकि वे बच्चों को स्कूल जाने व उन्हें खाना खाने से नहीं रोक सकते। कई बार अफसर लंबी कार्रवाई चलती है तो घर, स्नानघर व रसोई तक का इस्तेमाल भी करते हैं। 

सामान जब्त करने का नियम -


इनकम टैक्स विभाग (IT department) की टीम के लिए सामान जब्त करने का भी नियम (IT rules) और आधार होता है। जहां पर दबिश दी जाती है, वहां से सामान जब्त करने के लिए पहले कंप्यूटर की जांच करने के लिए हार्ड डिस्क को कब्जे में लिया जाता है। इसके बाद नकदी और जेवर टीम द्वारा जब्त किए जाते हैं। इनकम टैक्स रेड (IT raid rules) के दौरान जो सामान जब्त किया जाता है उसकी सूची बनाकर उसे दी जाती है, जिसके प्रतिष्ठान पर रेड की है। इस सामान की सूची को प्रतिष्ठान मालिक से सत्यापित भी करवाया जाता है। इसके साथ ही संबंधित क बयान भी दर्ज किए जाते हैं। 


कौन सा सामान नहीं कर सकते जब्त -


इनकम टैक्स विभाग (income tax department) के अफसर ऐसा नहीं है कि कुछ भी जब्त कर लेंगे। किसी व्यापारी के प्रतिष्ठान पर अगर इनकम टैक्स का छापा पड़ता है तो वहां पर बेचने के लिए रखे गए सामान को विभाग की टीम जब्त नहीं कर सकती। लेकिन उन्हें कई अधिकार (IT officer's rights) होते हैं,  यह सब मामले पर ही निर्भर करता है। 

जब्त राशि का क्या होता है-


इनकम टैक्स विभाग जब छापे में राशि या कोई संपत्ति जब्त करता है तो नियम (Income Tax Rules) के अनुसार इस जब्त की गई राशि को बैंक में जमा करवाता है। इसमें इनकम टैक्स विभाग के कमिश्नर से जुड़े खातों को भी शामिल किया जाता है। विभाग जब्त की गई संपत्ति और आय की जांच करता है। इसके बाद जो आय होती है उस पर टैक्स निर्धारित किया जाता है। उस टैक्स पर आय (income tax) छिपाने व टैक्स चोरी का जुर्माना (penalty for tax evasion) राशि भी तय की जाती है। इसके बाद जो टैक्स देय बनता है उसकी कैलकुलेशन की जाती है। पूरी राशि का भुगतान लेने के बची हुई राशि लौटा दी जाती है।

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