Bank Cheque को हिंदी में क्या कहते हैं, अधिकतर लोगों को नहीं पता जवाब

HR Breaking News, Digital Desk - बैंक खाता तो आज लगभग हर आदमी के पास है। लेनदेन के लिए ज्यादातर लोग पासबुक, एटीएम का ही इस्तेमाल करते हैं। बैंक की ओर से इन दोनों सुविधाओं के साथ चेकबुक से लेनदेन की सुविधा भी दी जाती है। बड़े अमाउंट का लेनदेन या रिकॉर्ड रखे जाने वाले लेनदेन को अक्सर लोग चेक के जरिये ही पूरा करते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि चेक को हिंदी में क्या कहते (What is cheque called in Hindi?) हैं। कभी जानने की कोशिश भी नहीं की होगी, तो चलो आज हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।
दरअसल, चेक बैंकिंग सिस्टम का एक ऐसा साधन है जिसके जरिए व्यक्ति बैंक को किसी व्यक्ति विशेष को भुगतान करने के लिए जारी करता है। जिस व्यक्ति को पैसे दिए जाने हैं चेक में उसका नाम लिखना होता है। हालांकि वह किसी व्यक्ति का नाम हो सकता है या फिर किसी कंपनी या संस्था का। चेक में राशि भी लिखनी होती है, साथ ही चेक के ऊपर हस्ताक्षर भी करना जरूरी है।
चेक को हिंदी में क्या कहते हैं
चेक इतना कॉमन इस्तेमाल होने वाली चीज है लेकिन आपने कभी सोचा है कि चेक को हिंदी में क्या कहते हैं। अक्सर ऐसे सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। लेकिन कुछ जानकारियों ऐसी होती हैं जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी होती है। इसलिए इनके बारे में पता होना बेहद जरूरी है। बता दें कि चेक को हिंदी में धनादेश (cheque hindi name) कहते हैं। चेक बैंक द्वारा खाताधारक को जारी किया गया सिर्फ एक पेपर होता है। जिसमें धन के भुगतान का आदेश होता है।
चेक पर रकम के बाद क्यों लिखा जाता है Only
आपने देखा होगा कि अमाउंट के साथ हमेशा ऑनली लिखा जाता है। कोई बड़ी संस्था या व्यापारी चेक जारी करते हैं तो रकम के बाद में ऑनली जरूर लिखते (write only after the amount on cheque) हैं। दरअसल चेक पर अमाउंट के आखिरी में ऑनली लिखने का मकसद संभावित धोखाधड़ी को रोकना होता है। इसलिए रकम को शब्दों में लिखने के बाद अंत में ऑनली लिखते हैं। मान लीजिए आप चेक जारी करते हुए उस पर 25,000 की राशि शब्दों लिखते हैं और आखिरी में ऑनली नहीं लिखते हैं तो इस स्थिति में दूसरा व्यक्ति आगे कुछ और राशि दर्ज कर अमाउंट को बढ़ा सकता है।
चेक पर लेफ्ट कोने में क्यों लगाई जाती हैं 2 लाइनें?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के सेक्शन 123 के मुताबिक, चेक के लेफ्ट कॉर्नर पर खींची गईं 2 लाइनों के जरिए चेक जारी करने वाला शख्स बैंक को ये बताता है कि यह क्रॉस चेक (cross on cheque) है। इस चेक की खास बात कि इससे आप किसी बैंक जाकर कैश नहीं निकाल सकते हैं।
सिर्फ अकाउंट में होता है पेमेंट
किसी चेक को क्रॉस कर दिए जाने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि उससे पेमेंट सिर्फ बैंक अकाउंट (bank account) में ही होगा। यह पेमेंट उस व्यक्ति को हो सकता है, जिसका नाम चेक पर लिखा है। इसके अलावा वह शख्स चेक को किसी को एंडोर्स भी कर सकता है, लेकिन इसके लिए उसे चेक के पीछे साइन करना जरूरी हो जाता है।
जनरल क्रॉसिंग
क्रॉस चेक भी कई तरह के होते हैं। पहला है जनरल क्रॉसिंग, जिसमें चेक के किनारे पर दो लाइनें खींच दी जाती हैं।
स्पेशल क्रॉसिंग
स्पेशल क्रॉसिंग तब की जाती है, जब चेक जारी करने वाला चाहता है कि जिस शख्स को पैसे देने हैं, वह उसके किसी खास बैंक के अकाउंट में ही जाएं।
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अकाउंट पेयी क्रॉसिंग
अगर चेक में क्रॉसिंग लाइन्स के बीच अकाउंट पेयी (A/C Payee) लिख दिया जाता है तो इसका मतलब है कि उससे सिर्फ वही शख्स पैसा अपने अकाउंट में ले सकता है, जिसका नाम चेक पर लिखा है। अकाउंट पेयी चेक को कोई अन्य व्यक्ति कैश नहीं करवा सकता।
कौनसे चेक के पीछे किया जाता है साइन?
ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि चेक के पीछे साइन (sign on back of check) कब किया जाता है। बता दें कि सभी तरह के चेक के पीछे साइन नहीं किया जाता है। पीछे की तरफ साइन सिर्फ़ बियरर्स चेक के लिए ही जरूरी होता है। जबकि ऑर्डर चेक के पीछे साइन करने की कोई जरूरत नहीं होती है। बियरर्स चेक वह होता है जिसे आपको बैंक में जाकर जमा कराना होता है। इसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं होता है इसलिए इसके पीछे साइन करना जरूरी है।