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IAS Success Story:3 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, सरकारी नौकरी छोड़ 7 साल बनी IAS

IAS Kanika Rathi इंसान की लगन और मेहनत पूरी होनी चाहिए मंजिल खुद से इंसान के पास चलकर आती है। ये कहानी है आईएएस कनिका राठी की। जिन्होंने यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने को लेकर सरकारी नौकरी छोड़ दी। उसके बाद लगातार तीन प्रयासों में भी पास न होने पर उन्होंने हार नहीं मानी। सात साल बाद जाकर कनिका ने आईएएस का एग्जाम क्लियर किया।
 
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IAS Success Story:3 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, सरकारी नौकरी छोड़ 7 साल बनी IAS

 HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, UPSC IAS : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 64वीं रैंक हासिल करने वाली कनिका राठी की कहानी इस चुनौतीपूर्ण एग्जाम की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं को सीख देने वाली है। कनिका की कहानी से पता लगता है कि इस परीक्षा में सफलता के लिए धैर्य कितना जरूरी है।

हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली कनिका राठी ने वर्ष 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। साल 2016 और 2017 दोनों बार उन्हें प्रीलिम्स में असफलता मिली। इससे उन्हें झटका लगा। उन्होंने अन्य सरकारी नौकरियों के एग्जाम दिए और उनका चयन 2019 में गृह मंत्रालय में हो गया। सरकारी नौकरी करते करते उन्होंने फिर एक और यूपीएससी का अटेम्प्ट दिया। इस बार भी वह प्रीलिम्स पास करने में नाकाम रहीं। 


कनिका का मन यूपीएससी सिविल सेवा में ही थी। उन्होंने गृह मंत्रालय की सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला किया। सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और पूरी तैयारी के साथ वर्ष 2021 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी। इस बार एग्जाम के तीन चरणों में शानदार प्रदर्शन कर वह शानदार रैंक 64 के साथ पास हुईं। 

कनिका राठी ने बहादुरगढ़ के बाल भारती स्कूल से 12वीं पास करने के बाद दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से गणित में बीएससी किया। यूपीएससी में उनका ऑप्शनल सोशोलॉजी रहा। 


कैसे की थी तैयारी, युवाओं के दिए टिप्स
- मैं ब्रेक में पढ़ती थी। 6 से 8 घंटे पढ़ती थी। दो घंटे की पढ़ाई के बाद ब्रेक लेती थी।
- मैं यह नहीं बोलूंगी कि सबको मेरी तरह सरकारी नौकरी छोड़कर तैयारी करनी चाहिए। सबको अपनी अपनी क्षमता देखनी चाहिए। मुझसे जॉब के साथ पढ़ाई नहीं हो पा रही थी, इसलिए मैंने नौकरी छोड़ी। 
- प्रेशर लेकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। 


- सरकारी नौकरी में आने का सही समय पर फैसला ले। 
- पहला अटेम्प्ट.. देके देख लेते हैं वाले मूड से मत दीजिए। बाद में नुकसान होता है।
- कोचिंग मैंने ली थी। लेकिन सेल्फ स्टडी का कोई विकल्प नहीं है। सेल्फ स्टडी से ही सफलता मिलेगी।
- जमकर मॉक टेस्ट दीजिए। प्रीलिम्स मेरा इसलिए क्लियर नहीं हो रहा था क्योंकि मैं मॉक्स नहीं दे रही थी। 


- प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी साथ साथ करनी चाहिए।
- ऑप्शनल के नोट्स ऐसे हों कि बुक ही रेफर न करनी पड़े।
- लक्ष्मीकांत और स्पेक्ट्रम हिस्ट्री के नोट्स बनाने की जरूरत नहीं है।
- खुद को परखें कि क्या आपको जो आता है, वो आप ठीक से लिख पा रहे हैं या नहीं।