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डकैतों के लिए मशहूर गांव अब बन गया IAS-IPS की फैक्ट्री, हर घर में मिलेंगे अफसर

Famous IAS IPS Village: यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। हर किसी का इसे पास कर पाना आसान नहीं है। लेकिन अगर हम आपको बताए की भारत में एक ऐसा गांव है जहाँ एक नहीं दो नहीं बल्कि हर घर में आईएएस (IAS) , आईपीएस अफसर (IPS Officer) पाए जाते है तो आप भी हैरान हो जाएंगे। आइए निचे खबर में विस्तार से जानते इस गांव की दिलचस्प कहानी-



 
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HR Breaking News (ब्यूरो)। देश के हर गांव की अपनी एक विशेषता होती है और उसी वजह से वह अपनी पहचान बना लेता है। यूपी के चित्रकूट (chitrakut) का पाठा क्षेत्र कभी डकैतों का गढ़ माना जाता था। दरअसल इस इलाके में एक डकैत के खात्मे के बाद दूसरा डकैत बन जाता था, लेकिन अब इस पाठा क्षेत्र में डकैत नहीं बल्कि आईएएस और पीसीएस (PCS exam strategy) का जलवा है। इस छोटे से गांव के हर घर में एक सरकारी नौकर है। हम चित्रकूट जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर रैपुरा गांव (raipura village) कर रहे हैं।

 

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 यह गांव कभी डकैतों के लिए मशहूर था, लेकिन अब इसकी पहचान आईएएस और आईपीएस हैं। दरअसल गांव के लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लोग इस समय आईएएस (Indian Administrative Service), आईपीएस, पीसीएस जैसी विभिन्न सेवाओं में उच्चाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। खास आज यह है कि रैपुरा गांव में हर घर में कोई न कोई सरकारी (Indian Police Services) कर्मचारी-अधिकारी है।

 

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हर घर में मिलेगा एक सरकारी कर्मचारी


रैपुरा गांव के इंटर कॉलेज रिटायर प्रधानाचार्य महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि इस गांव में लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग आईएएस, पीसीएस हैं। इन सभी की स्‍कूली पढ़ाई गांव में ही हुई है। हालांकि बाहर (famous IAS Village) से उच्‍च शिक्षा हासिल कर अधिकारी बने हैं। साथ ही कहा कि इस गांव में हर एक घर में कोई न कोई सरकारी नौकरी में है। सिंह ने बताया कि वह जब स्कूल के प्रिंसिपल थे, तब स्कूल में बच्चों को दूसरों के बारे में (Raipura Village success story)  बात कर प्रोत्साहित करते थे। इसका असर बच्‍चों पर सकारात्‍मक हुआ और गांव के युवाओं में सरकारी नौकरी हासिल करने की होड़ सी लग गई। कभी डकैतों के लिए मशहूर यह गांव सरकारी अफसरों के लिए पहचान रखता है।

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IAS और PCS की भरमार

महेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि गांव के अभिजीत सिंह, रोहित सिंह, कुलदीप कुमार और सीपी सिंह (आईएएस), यदुवेंद्र शुक्ल (आईपीएस), तेज स्वरुप, सुरेन्द्र, राजेन्द्र ,प्रकाश कुमार, सुरेश चन्द्र पाण्डेय, प्रह्लाद सिंह और सुरेश गर्ग बतौर पीसीएस कार्यरत हैं। इसके अलावा भी कई युवा अधिकारी बनकर रैपुरा गांव का नाम रौशन कर रहे हैं। साथ ही बताया कि आज (UPSC success story) भी तमाम युवा सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए बाहर रहकर पढ़ाई में जुटे हैं। हर साल कोई न कोई छात्र आईएएस या पीसीएस (PCS Exam Strategy) की परीक्षा में सफल जरूर रहता है। पिछली बार भी यह रिकॉर्ड कायम रहा है।