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Success Story : डाबर की सक्सेस की कहानी, हर रोज 2.4 करोड़ हाजमोला खा जाते हैं भारतीय, जानिए एक दिन की कमाई

Success Story : वैसे तो हाजमोला आमतौर पर आपको हर छोटी बड़ी दुकान पर मिल जाती है। लेकिन आज हम आपको अपनी इस खबर में हाजमोला की ताकत के बारे में बताने जा रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि भारतीय हर रोज 2.4 करोड़ हाजमोला खा जाते हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर इसकी एक दिन की कमाई कितनी होती होगी...
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Success Story : डाबर की सक्सेस की कहानी, हर रोज 2.4 करोड़ हाजमोला खा जाते हैं भारतीय, जानिए एक दिन की कमाई

HR Breaking News, Digital Desk-  जूतों में बाटा और लोहे में टाटा का कोई जवाब नहीं है… ये एक पुरानी कहावत है. दरअसल बाटा, टाटा ये सब भारत की ऐसी कंपनियां है जिन्हें उनके नाम से ही जाना जाता है. हालांकि बाटा की धमक अब पहले जैसी नहीं रही. लेकिन जिस ब्रांड की हम बात करने जा रहे वो कंपनी भारत में 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है. ये कंपनी है डाबर. इस कंपनी का एक प्रोडक्ट है हाजमोला. हाजमोला आमतौर पर आपको हर छोटी बड़ी दुकान पर मिल जाती है. लेकिन आज आपको हाजमोला की ताकत के बारे में बताते हैं.

भारत की पुरानी और दिग्गज कंपनियों में शुमार डाबर का हाजमोला ब्रांड भी किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं. अब कंपनी अपने इस ब्रांड को ‘पावर’ ब्रांड की सूची में शामिल करने की योजना बना रही है. देश के करीब-करीब हर घर में उपयोग होने वाले हाजमोला के बारे आज आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जो शायद ही आपको पता हो.

हर रोज बिकती हैं 2.4 करोड़ हाजमोला की गोलियां-

छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक डाबर का फेवरेट ब्रांड हाजमोला की देश में हर रोज 2.4 करोड़ से ज्यादा गोलियां बिकती है. मतलब भारत की जनता हर दिन 2 करोड़ से ज्यादा हाजमोला की गोलियां कज्यूम कर रही है. वहीं मार्केट शेयर की बात करें तो इस सेगमेंट में हाजमोला की अकेले 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है.

400 करोड़ का बन चुका है ब्रांड-

डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा के मुताबिक डाबर अब हाजमोला को पावर ब्रांड बनाने की कोशिश की जा रही है. मौजूदा समय की बात करें तो यह ब्रांड 350 से 400 करोड़ रुपए का है. कंपनी अब इसका और विस्तार करना चाह रही है. हाजमोला को कंपनी अब पावर ब्रांड बनाना चाह रही है. इसकी एक वजह है इस ब्रांज की घर-घर में पहुंच होना. मौजूदा समय में डाबर के एफएमसीजी ब्रांड्स में नौ अलग-अलग पावर ब्रांड शामिल हैं. इनमें 8 भारत में और एक विदेशी बाजार में है. 

70 फीसदी है मार्केट हिस्सेदारी-

डाबर के कुल एफएमसीजी ब्रांड्स की बात करें तो कंपनी की कुल बिक्री में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी इन ब्रांड्स की ही है. कंपनी के मुताबिक उनके पास 17 ब्रांड हैं, जो 100-500 करोड़ रुपए के दायरे में हैं. भविष्य इन्हीं ब्रांड का है और कंपनी इनका विस्तार करने में जुटी है. कंपनी की योजना है कि वो डाबर के इन ब्रांड्स का विस्तार करने पर काम कर रही है जिनकी पहले से ही मार्केट में तगड़ी पहुंच है.