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Success Story: 16 साल की उम्र में सुनना हो गया था बंद, पहले ही प्रयास में हासिल की IAS की कुर्सी

UPSC Success story : आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक IAS अधिकारी सौम्या शर्मा की कहानी जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ये साबित किया कि कुछ करने की ठान लो मजिल आपतक पहुंच ही जाती है, आइए खबर में जानते है इसके बारे में विस्तार से।

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HR Breaking News, Digital Desk - हर साल लाखों उम्मीदवार यूनिय पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा सिविस सर्विस की परीक्षा आयोजित कराई जाती है. इस परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार अपने सपनों को पूरा करने की रेस में लग जाते हैं. जो इस परीक्षा में पास होते हैं उनके सपने पूरे होते हैं और जो नहीं हो पाते हैं वे फिर से तैयारी में लग जाते हैं.  ये कहानी कई लोगों को प्रेरित (UPSC Success story) करती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी की होनहार IAS अधिकारी (IAS officer Soumya) की कहानी जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा निकाल कर ये साबित किया कि कुछ करने की ठान लो मजिल आपतक पहुंच ही जाती है, वरना सब बहाने हैं.

16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता हो गई थी खत्म


सौम्या शर्मा का जन्म दिल्ली में डॉक्टर माता- पिता के घर हुआ था. वह केवल 11 साल की थी जब उनकी सुनने की क्षमता कम होने लगी थी. 16 साल की उम्र तक उन्होंने अपनी सुनने की क्षमता पूरी तरह से खो दी. उनका कई लंबे समय तक इलाज चला, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सौम्या को ठीक से सुनने के लिए हियरिंग ऐड का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई. अब वह इसी का ही इस्तेमाल ठीक से सुनने के लिए कर रही हैं. इस छोटी से उम्र में ये सब होने के बाद उन्हें काफी बड़ा झटका तो लगा ही था लेकिन उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का सोचा.

लेकिन मंजिल को पाने की जिद ने किया कामयाब


जिसके बाद उन्होंने लॉ की पढ़ाई करने के लिए नेशनल लॉ स्कूल में एडमिशन लिया.ग्रेजुएशन लॉ की पढ़ाई के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखकर विकलांग कोटा में श्रवण विकलांगता को शामिल करने की मांग की थी. इस समय सौम्या सुर्खियों में आ गई.उस समय श्रवण विकलांगता को विकलांग कोटे में शामिल नहीं किया गया था. ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद सौम्या ने यूपीएससी परीक्षा देने के बारे में सोचा.

जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वह इस परीक्षा में शामिल होगी और तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने साल 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें उन्होंने पहले ही प्रयास में ही परीक्षा पास कर IAS अधिकारी का पद हासिल कर लिया था. पहली बार में ही उन्होंने अपने सपने को पूरा कर लिया.