home page

Success Story: घर की मेड से मिला बिजनेस आइडिया, विदेश की नौकरी छोड़ गांव में बसे, खड़ी कर दी 2000 करोड़ की कंपनी

Success Story in Hindi : हर आदमी की सफलता का एक स्त्रोत होता है।  कोई न कोई एक ऐसी चीज या फिर व्यक्ति जरूर होता है जिससे प्रेरित हो कर ही इंसान को वो एक रास्ता मिल जाता है जिससे कि वह अपनी सफलता की ओर बढ़ सके। ऐसी ही एक कहानी है जिसमें कि उस व्यक्ति की मेड से उन्हे एक आइडिया मिला और वे आज करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक है। आइए जानते है इनकी कहानी.....

 | 

HR Breaking News (नई दिल्ली)। आमतौर पर सफलता और असफलता एक ही सिक्‍के के दो पहलू हैं। किसे क्या मिलेगा कोई नहीं जानता। कामयाबी का रास्‍ता अमूमन टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों से गुजरता है। अर्जुन अहलूवालिया की सफलता का सफर भी कुछ ऐसा ही (Success story of Arjun Ahluwalia) रहा है। वह 2,000 करोड़ रुपये की स्टार्टअप कंपनी के संस्थापक हैं। आप जानकर हैरान होंगे कि इसकी शुरुआत करने का आइडिया उन्‍हें घर में काम पर आने वाली मेड से मिला। यह मेड मुंबई के धारावी में रहती थी। धारावी दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गियों में से एक है। अर्जुन के दिमाग में यह बिजनेस आइडिया तब आया जब उन्हें पता चला कि उनकी मेड ने मोबाइल फोन खरीदने के लिए निजी वित्तीय सेवा कंपनी से लोन (Loan from Private Financial Services Company) लिया।


बिजनेस के लिए छोड़ी अमेरिका में नौकरी


आपको बता दें कि अर्जुन (Arjun Ahluwalia) न्यूयॉर्क में एक प्रमुख निजी इक्विटी फर्म में नौकरी करते थे। बढ़‍िया सैलरी मिलती थी। पद भी आकर्षक था। इसके बावजूद अर्जुन अहलूवालिया ने नौकरी छोड़ने का साहसिक फैसला लिया। छह साल पहले वह भारत लौट आए। करीब छह महीने तक महाराष्ट्र के एक गांव में रहे। इस दौरान उन्‍होंने किसानों की जरूरतों का बारीकी से अध्ययन किया। इस यात्रा को अकेले शुरू न करते हुए अर्जुन ने अपने कॉलेज के एक दोस्‍त को भी साथ लिया। उसे उभरते भारतीय बाजार में कारोबार शुरू करने के लिए राजी किया।


सूदखोरों के जाल को तोड़ने का था इरादा


अर्जुन अहलूवालिया की उम्र तब 27 साल थी। उन्‍होंने फाइनेंस में टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी (Texas A&M University) से डिग्री ली हुई है। वह पहले न्यूयॉर्क में अबराज ग्रुप के लिए काम कर चुके हैं। हालांकि, एक विजनरी कॉन्‍सेप्‍ट से प्रेरित होकर उन्होंने भारत वापस आने का रास्ता चुना। उनका आइडिया (Business Idea) एक ऐसा मंच बनाने पर केंद्रित था जहां भारतीय किसान सूदखोरों के जाल में फंसे बिना लोन हासिल कर सकें। कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में आठ महीने के सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद उन्‍होंने रूरल फिनटेक फर्म को औपचारिक तौर पर लॉन्च किया।


अर्जुन की कंपनी को मिली जोरदार फंडिंग


अर्जुन की कंपनी (Arjun's company) को सीरीज ए फंडिंग में 3 करोड़ डॉलर और सीरीज बी राउंड में अतिरिक्त 5 करोड़ डॉलर (398 करोड़ रुपये से ज्‍यादा) प्राप्त हुए। फर्म का मूल्यांकन 20-24 करोड़ डॉलर (लगभग 2,000 करोड़ रुपये) की सीमा तक बढ़ गया। यारा ग्रोथ वेंचर्स, जीएमओ वेंचर पार्टनर्स और डीजी दाइवा वेंचर्स जैसे बड़े निवेशकों के साथ मिराए एसेट, ब्लूम वेंचर्स और अरकम वेंचर्स ने फंडिंग राउंड में भाग लेकर अर्जुन के उद्यम में अपना भरोसा जताया।