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Success story: पिता बेचता था कपडे, बेटे ने UPSC में 45वीं रैंक हासिल कर पुरा किया सपना, जानिए इस अफसर की कहानी

Success story: सपने पुरे करने के लिए गरीबी अमीरी मायने नहीं रखती इस बात का उदाहरण आईएएस अनिल बसक ने समाज के सामने पेश किया है। जिन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने परिवार के पहले आईएएस बने। जानिए कैसे पिता ने कपडे बेचकर कराई पढाई पुरी....
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HR Breakking News (नई दिल्ली)। अनिल बसक बेहद ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं। साल 2014 में अनिल ने आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए महंगीं कोचिंग या अन्य महंगी सुविधाओं की जरूरत नहीं होती है। इसके लिए केवल मेहनत और लगन ही काफी होता है। 


समाज के लिए उदाहरण बने अनिल बसक -
अनिल बसक ने 2021 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। इससे पहले उन्होंने दो बार इस परीक्षा के लिए प्रयास किया था। अपने पहले प्रयास में वह प्रीलिम्स में ही बाहर हो गए थे। दूसरे प्रयास में उन्होंने 616वां रैंक हासिल किया था। दो बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में 45वां रैंक हासिल किया। 


अनिल बेहद ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं। साल 2014 में अनिल ने आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था। इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी। हालांकि, आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने 2018 में कोचिंग लेना बंद कर दिया और खुद से ही तैयारी करने लगे। 

कपड़े बेचकर बेटे को बनाया आईएएस -
आईएएस अनिक बसक के पिता घर-घर जाकर कपड़े बेचने का काम करते हैं। खुद चौथी कक्षा तक पढ़े होने के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई में कमी नहीं आने दी। उन्होंने हरसंभव अपने बच्चों को एक अच्छी शिक्षा देने की कोशिश की। अनिल के बड़े भाई बिहार के पावर कॉर्पोरेशन में काम करते हैं। आईएएस अनिल बसक अपने परिवार में ग्रेजुएट होने वाले दूसरे और आईएएस बनने वाले पहले सदस्य हैं। अनिल ने अपने इस कामयाबी का श्रेय अपने दोस्तों और परिवार वालों को दिया