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Success Story : पहले डॉक्टर फिर आईएएस और अब सब छोड़-छाड़कर खड़ी की 15000 करोड़ की कंपनी

Success Story : कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हो और कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता मिलना मुश्किल नहीं होता है. इसी बात को सच साबित कर दिखाया हैरोमन सैनी ने, है जिन्होने महज 22 साल की उम्र में IAS की नौकरी हासिल कर ली थी लेकिन अब नौकरी छोड़ कर खड़ी की 15000 करोड़ की कंपनी.

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HR Breaking News, Digital Desk - कहते हैं कि जब इंसान किसी मुकाम को हासिल करने की सच्चे मन से ठान लेता है तो उसे पाने की हर संभव कोशिश करता है और पूरी ताकत से उसे पाने में जुट जाता है। आज हम आपको इस वाक्या के माध्यम से ऐसे ही शख्स की सक्सेस स्टोरी (success story in hindi) बताने जा रहे है जिसने अपने लक्ष्य को पाने के लिए डॉक्टर और IAS जैसी प्रतिष्ठित नौकरी को छोड़ दिया और आखिरकार अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।

हम बात कर रहे हैं रोमन सैनी (Roman Saini) की, जिनके अपने जीवन में एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन मुश्किल लक्ष्य को हासिल करके साबित कर दिया कि अगर आप कोशिश करें तो हर चीज संभव है।


​16 साल की उम्र में डॉक्टर


रोमन सैनी देखने में जितने साधारण है प्रतिभा के मामले में उतने ही विलक्षण हैं। राजस्थान के रहने वाले रोमन सैनी ने केवल 16 साल की उम्र में AIIMS जैसी मुश्किल परीक्षा पास की। रोमन ने एम्स मेडिकल परीक्षा पास कर 21 साल में डॉक्टर की डिग्री हासिल कर ली। डॉक्टरी डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने AIIMS के NDDTC में काम शुरु कर दिया। एक इंटरव्यू में रोमन ने कहा था कि साल 2011 में मैं कई मेडिकल कैंप्स में गया, जहां के हालात देखकर मैंने महसूस किया कि ग़रीबी कितनी ख़तरनाक चीज़ है।

उस दौर में लोग सेहत, साफ-सफाई और पानी की समस्याओं को लेकर जागरूक नहीं थे। उस वक्त मुझे लगा कि डॉक्टरी के पेशे में रहकर मैं इन समस्याओं को दूर नहीं कर सकता, इसलिए मैंने सिविल सर्विस में जाने का फैसला किया। उन्होंने 6 महीने बाद ही नौकरी छोड़ दी और फिर देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC की परीक्षा में जुट गए।


​22 साल की उम्र में बन गए IAS​


एम्स जैसे बड़े अस्पताल में डॉक्टर बनने के बाद भी रोमन ने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और एक साल की मेहनत के बाद ही उन्होंने IAS की परीक्षा क्लियर कर ली। 22 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा पास करके वो IAS ऑफ़िसर बन गये। हालांकि वो यहां भी रुकने वाले नहीं थे। IAS अधिकारी बनने के बाद रोमन सैनी के मन में एजुकेशन सिस्टम को लेकर बार-बार सवाल उठ रहे थे। उसे समझ में आ गया कि असली प्रॉब्लम हमारे एज्युकेशन सिस्टम में है। इसे वो खत्म करना चाहते थे। फिर क्या था, देश की कठिन परीक्षा पास करने के बाद IAS पद हासिल करने के बाद भी उन्होंने फिर से इस नौकरी से भी इस्तीफ़ा दे दिया। 1 साल 8 महीने तक सहायक कलेक्टर के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।


​IAS की नौकरी छोड़कर शुरू किया कारोबार


रोमन एजुकेशन के लिए काम करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया और फिर अपने दो दोस्तों गौरव मुंजाल और हेमेश सिंह के साथ मिलकर नया स्टार्टअप शुरू किया। रोमन सैनी ने बेंगलुरु में Unacademy स्टार्टअप की शुरुआत की। उन्होंने इस स्टार्टअप की शुरुआत UPSC कोचिंग के लिए छात्रों को एक प्लेटफॉर्म देने के लिए अनएकेडमी की शुरुआत की। रोमन का मकसद था कि लोगों को कोचिंग पर लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं पड़े।
 

​खड़ी कर दी 15000 करोड़ की कंपनी


रोमन सैनी ने अपना सफर डॉक्टरी से शुरू किया था, फिर IAS अफसर बने और फिर वो एक कामयाब बिजनेसमैन बन गए। अनएकेडमी के जरिए उन्होंने ऑनलाइन ट्यूशन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। कुछ ही सालों में उन्होंने एड टेक प्लेटफॉर्म अनएकडेमी को 15000 करोड़ की कंपनी बना दिया। कंपनी सालाना टर्न ओवर 15000 करोड़ को पार कर चुका है। जिस प्लेटफॉर्म की शुरुआत उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए किया था, धीरे-धीरे इसे मेडिकल, इंजीनियरिंग और स्कूल एजुकेशन तक बढ़ा दिया। अनएकेडमी के को फाउंडर रोमन सैनी ने एजुकेशन के सेक्टर में बड़ी क्रांति ला दी।
 

​रोमन को पैसों का मोह नहीं


रोमन ने कभी पैसों का लालच नहीं किया। जहां गौरव मुंजल अनएकेडमी के सीईओ के तौर पर 1.58 करोड़ की सैलरी लेते है। वहीं हेमेश सिंह की सैलरी 1.19 करोड़ रुपये है। इन सब की तुलना में काफी कम है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में रोमन की सैलरी 88 लाख रु थी।