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Success Story : वेटर से लेकर बने मैनेजर, मेहनत के बलबुते से अब बने 8 भारतीय रेस्तरां के मालिक

हम आपके लिए लेकर आए हैं सफलता की ऐसी कहानी जिसे पढकर आपको प्रेरणा जरूर मिलेगी। हम बात कर रहे हैं टिहरी के देव रतूड़ी की। ये होटल में वेटर की नौकरी करने से लेकर मैनेजर बने और अब करीब आठ भारतीय रेस्तरां के मालिक बन गए हैं आइए जानते हैं इनकी कहानी...
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Success Story: वेटर से लेकर बने मैनेजर, मेहनत के बलबुते से अब बने 8 भारतीय रेस्तरां के मालिक

HR Breaking News (नई दिल्ली)। hotel industry: उत्तराखंड के युवा आज देश विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं टिहरी के देव रतूड़ी। वह चीन में होटल व्यवसायी ही नहीं चीनी फिल्म स्टार भी हैं। अब तक वहां कई होटल की चेन खड़ी कर चुके देव करीब 35 फिल्मों में काम कर चुके हैं। दोनों कलाओं में माहिर देव की चर्चा अक्सर सोशल मीडिया पर चलती रहती है। विदेशी धरती पर नई ऊंचाईयां छू रहे इस कलाकार को अपनी माटी से भी बेहद प्यार है। जिससे वह समय-समय पर अपने गांव केमरियासौड़ आते रहते हैं। बीते जुलाई माह में ही वह अपनी धार्मिक यात्रा पर गांव पहुंचे थे।


ऐसे द्वारिका प्रसाद से बने देव रतूड़ी -

भिलंगना ब्लॉक के केमरियासौड़ से निकले द्वारिका प्रसाद रतूड़ी से देव रतूड़ी बने देव की कहानी काफी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। एक छोटे गांव से निकले देव ने कड़ी मेहनत के बूते चाइना में बड़ा मुकाम हासिल किया। होटल में वेटर की नौकरी करने से लेकर मैनेजर बनने और अब तक करीब आठ भारतीय रेस्तरां के मालिक बने देव आज चाइना की फिल्म इंडस्ट्री में भी जाना-पहचाना चेहरा बन चुके हैं।

पिछले 18 सालों से चीन में रह रहे देव रतूड़ी बीते जुलाई माह में ही अपने गांव आए थे। तब उनसे दूरभाष पर हुई बात में उन्होंने बताया था, कि वह धार्मिक यात्रा पर स्वदेश आए थे। कोयंबटूर, वाराणसी, वृंदावन और देवभूमि का भ्रमण करने के बाद वह अपने गांव गए थे। समय की कमी के कारण वह कुछ दिन ही अपने गांव में रुके थे। अपने प्रयास और संघर्ष से मुकाम हासिल करने वाले देव के प्रशंसक यहां भी कम नहीं हैं। 

20 साल की उम्र में शुरू की थी नौकरी -

मरियासौड़ में एक गरीब परिवार में जन्मे देव इंटरमीडिएट तक यहीं पढ़े। उन्होंने बताया कि 1998 में 20 साल की उम्र में वह दिल्ली नौकरी करने चले गए थे। वहां कुछ समय एक बिल्डर के पास नौकरी करने के बाद वह दिल्ली से मुंबई चले गए। 


गांव के युवाओं को दे रहे रोजगार -

शुरू से ही फिल्मों में काम करने का सपना देखते हुए उन्होंने सीरियल में काम करना शुरू किया। वर्ष 2005 में होटल के माध्यम से चीन जाने का मौका मिला तो उन्होंने उस मौके को अवसर में बदल दिया। उन्होंने होटल की चेन खोलकर क्षेत्र के 50 से अधिक युवाओं को भी रोजगार दिया। इसके साथ ही वह चिनी फिल्मों में काम पाने में सफल हो गए। अब तक वह करीब 35 फिल्मों में काम कर चुके हैं। जिससे वह चीन में काफी चर्चित चेहरा बन गए हैं। 

चीनी पाठ्यक्रम में शामिल होगी देव के जीवन की कहानी -

देव के जीवन संघर्ष की कहानी चीनी स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। देव के पिता जगदीश प्रसाद रतूड़ी को अपने चार बच्चों में दूसरे नंबर के बेटे देव की सफलता पर खासा गर्व है। पिता अपने गांव केमरियासौड़ में रहते है। उनकी मां चंखी देवी दका लगभग 10 साल पूर्व निधन हो चुका है।