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Success Story : गली-गली कपड़ा बेचने वाले के बेटे ने तय किया IIT से लेकर IAS तक का सफर

Success Story : आपने कुछ ऐसा तो सुना ही होगा के कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ये बात सही ही कही है। आपने कभी सोचा है कि हम आपने माता-पिता का सपना पूरा करें और उनका नाम रोशन करें। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहे हैं जिनके पिता गली-गली जाकर कपड़ा बेचते थे। हमारे साथ जानिए Anil Basak की कहानी। 

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HR Breaking News, Digital Desk - अगर आपने कुछ करने की सोच रखी है तो कोई भी शिखर बौना ही साबित होगा। बिहार के अनिल बसाक ने इस बात को सौ फीसदी सच कर दिया है। लगातार संघर्ष और निरंतरता की बदौलत उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 45वीं रैंक हासिक की है। अब वे प्रशासनिक अधिकारी बन चुके हैं, लेकिन उनके इस संघर्ष की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। 

दो वक्त की रोटी के लिए गली-गली घूमते थे पिता 


Anil Basak  बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं। उनके पिता गली-गली घूमकर कपड़े बेचते थे। आय अच्छी हो गई तो दो वक्त की रोटी मिल गई नहीं तो भगवान ही मालिक। लेकिन चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर के अनिल ने परिस्थितियों को अपनी ताकत बनाया। अब उन्होंने IAS बनकर पूरे परिवार का भविष्य संवार दिया है। 

Anil Basak ने यह सफलता तीसरे प्रयास में पाई है। अपने दूसरे प्रयास में उन्हें 616वीं रैंक मिली थी। वे वर्तमान में आयकर आयुक्त के रूप में कार्य कर रहे हैं। तीसरे प्रयास में उन्हें 45वीं रैंक हासिल हुई है। 

जानिए IIT से IAS तक का कैसे तय किया सफर


संसाधनों का बहाना न बनाते हुए अनिल ने कड़ी मेहतन की और 2014 में IIT Delhi में दाखिला लिया। दो साल की Engineering की पढ़ाई के बाद ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। 2018 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद उनके पास नौकरी का भी विकल्प था, लेकिन उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और तीसरे प्रयास में 45वीं रैंक हासिल की। इससे पहले उन्होंने UPSC के दूसरे प्रयास में 616वीं रैंक हासिल की थी। जिम्मेदारियों का बोझ ऐसा था कि वे बतौर आयकर आयुक्त नौकरी करने लगे। इसके बाद भी उन्होंने तैयारी जारी रखी और अब वे आईएएस अधिकारी बन चुके हैं।