IAS-IPS कहां करेंगे नौकरी, जानिये ये कैसे होता है तय, समझें पूरा प्रोसेस
HR Breaking News (ब्यूरो)। यूपीएससी परीक्षा में सफल होना भर किसी को सरकारी अफसर का दर्जा (status of government officer) नहीं दिलवा सकता है. यूपीएससी परीक्षा में रैंक व वरीयता के आधार पर सिविल सर्विस (civil service) अलॉट की जाती है. उसके बाद सफल उम्मीदवारों को उनकी वरीयता और राज्य में रिक्ति के आधार पर कैडर अलॉट किया जाता है.
कैडर क्या होता है? मन में यह सवाल उठना आम बात है. कैडर मतलब जहां, जिस जगह रहकर सफल उम्मीदवार अपनी सेवाएं देगा. यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पहले सर्विस अलॉट की जाती है और फिर कैडर. भारत में यूपीएससी कैडर को कई जोन में बांटा गया है. यूपीएससी डीएएफ फॉर्म भरते समय कैडर की लिस्टिंग बहुत सोच-समझकर की जानी चाहिए.
कैडर एलोकेशन पॉलिसी – 5 जोन में बंटे राज्य
भारत के सभी राज्यों को 5 कैडर में बांटा गया है. यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवारों को इन्हीं में से एक में नियुक्त किया जाता है.
फॉर्म में कैडर वरीयता कैसे भरें?
यूपीएससी डीएएफ फॉर्म में कैडर वरीयता भरने का ऑप्शन मिलता है. यूपीएससी परीक्षा में पास होने के बाद उसी के आधार पर कैडर अलॉट किया जाता है.
1- जोन के लिए प्रिफरेंस
2- कैडर के लिए प्रिफरेंस
3- हर जोन और कैडर के लिए इस प्रक्रिया को रिपीट किया जाना चाहिए.
4- अगर कोई उम्मीदवार यूपीएससी के 1 या उससे अधिक कैडर के लिए अपनी वरीयता नहीं बताता है तो माना जाएगा कि उन्हें किसी खास जोन या कैडर में सर्विस नहीं चाहिए.
होम कैडर कैसे अलॉट किया जाता है (Home Cadre in UPSC)?
हर उम्मीदवार को होम कैडर अलॉट करना मुमकिन नहीं है. किसी भी उम्मीदवार को कोई भी कैडर अलॉट करते समय वहां की रिक्तियों पर नजर डाली जाती है. अगर रिक्ति होती है तो होम कैडर दे दिया जाता है वर्ना उम्मीदवार को उनकी प्रिफरेंस के अगले कैडर में सर्विस अलॉट कर दी जाती है. यह भी हो सकता है कि कुछ सालों बाद होम कैडर में नियुक्ति मिल जाए.