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Hair Loss Treatment : गंजेपन से मिलेगा छुटकारा, अपनाएं ये तरीका

अगर आपके बाल भी झड़ने लगे हैं और गंजेपन जैसे समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है वैज्ञानिकों ने गंजेपन का इलाज ढूंढ लिया है । आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं।

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Hair Loss Treatment : गंजेपन से मिलेगा छूटकारा, अपनाएं ये तरीका

HR Breaking News (नई दिल्ली) : लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, खान-पान में पोषकता की कमी, अधिक तनाव और कुछ आनुवांशिक कारकों के चलते कई लोगों में बहुत ही कम उम्र में गंजेपन की समस्या(baldness problem) देखी गई है। यह न सिर्फ आपके लुक को बिगाड़ देती है साथ ही जिन लोगों को यह दिक्कत होती है इसका उनके आत्मविश्वास पर भी नकारात्मक असर होता है। हालांकि अब ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों(scientists) ऐसे तरीके की खोज की है जिनसे आने वाले समय में गंजेपन को पूरी तरह आसानी से ठीक किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों(scientists) का कहना है कि इससे वैश्विक स्तर पर करोड़ों लोगों को गंजेपन की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।

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असल में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बालों के रोम में प्रमुख रसायन और प्रोटीन की खोज की जिससे गंजेपन को ठीक किया जा सकते हैं। इतना ही नहीं ये रसायन शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के घाव को भी भरने में तेजी से सहायक हो  सकते हैं।


जानिये गंजेपन की समस्या का इलाज


स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गंजेपन की समस्या सिर्फ एक शारीरिक कमी नहीं है बल्कि इसके कारण लोगों में तनाव-चिंता यहां तक कि अवसाद जैसी समस्या भी देखी जाती रही है। यह खोज ऐसे लोगों के लिए विशेष लाभप्रद हो सकती है, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।


स्टेम कोशिकाएं पर आधारित शोध

शोधकर्ताओं का यह अध्ययन स्टेम कोशिकाएं पर आधारित है। शरीर में पाई जाने वाली अधिकांश कोशिकाओं का एक विशिष्ट कार्य होता है जो जीवन भर एक जैसा ही रहता है, लेकिन स्टेम कोशिकाएं बढ़ती रहती है। ये ऐसी किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती हैं जो किन्हीं कारणवश या तो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या संख्या में कम होती हैं। स्टेम सेल की अनुकूलन क्षमता ही इसे खास बनाती है। गंजेपन को ठीक करने के उपचार के लिए वैज्ञानिकों ने इन्हीं स्टेम कोशिकाओं को आधार बनाया है।


टीजीएफ-बीटा प्रोटीन से मिलेगा लाभ

अध्ययन के बारे में यूसी रिवरसाइड के सह-लेखक और गणितीय जीवविज्ञानी किक्सुआन वांग कहते हैं, विज्ञान में इस बात को माना जाता है कि अगर आपका चोट जल्दी ठीक हो जाता है तो इसका अर्थ है कि स्टेम कोशिकाएं ऐसा करने में मदद कर रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने टीजीएफ-बीटा की खोज की है जो एक प्रकार का प्रोटीन है। यह बालों के रोम में कोशिकाओं के विभाजित और विकास की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नई कोशिकाओं का निर्माण में सहायक पाया गया है, ऐसे में इसे प्रयोग में लाकर गंजेपन का इलाज किया जा सकता है।


गंजेपन की समस्या

शोधकर्ता बताते हैं कि पुरुषों और महिलाओं में बालों के झड़ने की समस्या के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। बालों के झड़ने को एंड्रोजेनिक एलोपीसिया के तौर पर जाना जाता है। पुरुषों में, गंजेपन के पैटर्न में आनुवंशिकी, थायराइड की समस्याएं, विभिन्न रोगों की दवा और आहार संबंधी विकार शामिल हैं। हालांकि, महिलाओं के पूरी तरह से गंजे होने की आशंका कम होती है, लेकिन सिर पर पैच के साथ बाल पतले और गिरने की समस्या हो सकती है।  टीजीएफ-बीटा  प्रोटीन के माध्यम से इस तरह की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

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क्या कहते हैं शोधकर्ता?

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, टीजीएफ-बीटा की दो विपरीत भूमिकाएं होती हैं। यह बालों के रोम के विकास में बढ़ावा देने के साथ पोषण में सहायक हो सकता है और बाद में यह  एपोप्टोसिस को ऑर्केस्ट्रेट करने में मदद करता है। यह शरीर को उन कोशिकाओं से मुक्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिनकी फिलहाल आवश्यकता नहीं है। ऐसे में यह शरीर को खतरनाक कोशिकाओं से बचाने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।