Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने पर क्या होता है महत्व? जानिए इसका शुभ मुहुर्त

HR Breaking News (नई दिल्ली)। Kartik Purnima 2022 Importance: कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार एक अद्भुत संयोग बन रहा है, कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिकी भी कहा जाता है किंतु उस दिन कृतिका नक्षत्र होने से विशेष संयोग बन रहा है जिसके चलते इसे महाकार्तिकी कहा जाएगा और इसके फल भी अद्भुत होते हैं.
कृतिका नक्षत्र का साथ दोपहर 1:35 तक मिलेगा उसके बाद रोहिणी नक्षत्र लग जाएंगी. वैसे भरणी होने पर भी विशेष फल मिलता है, जबकि रोहिणी नक्षत्र होने पर इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा जिसे कुछ लोग कतकी भी कहते हैं, 27 नवंबर सोमवार को मनाई जाएगी.
त्रिपुरी पूर्णिमा -
इसी दिन महादेव ने त्रिपुरासुर राक्षस का संहार किया था, इसीलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं. मत्स्य पुराण के अनुसार इस दिन संध्या के समय मत्स्यावतार हुआ था. इस दिन गंगा स्नान के बाद दीपदान करना चाहिए. ऐसा करने से 10 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन ब्राह्मणों को पूरे आदर भाव के साथ निमंत्रित कर भोजन और दान करना चाहिए, गरीबों को भी दान दें.
संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्मादि का कष्ट नहीं होता है. कृतिका नक्षत्र होने की स्थिति में विश्व स्वामी का दर्शन करने से ब्राह्मण सात जन्मों तक वेदपाठी और धनवान बना रहता है. इस दिन चंद्रोदय होने पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा कृतिकाओं का अवश्य ही पूजन करना चाहिए.
कैसे करें इस दिन पूजा -
कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि के समय व्रत करके वृषभ का दान करने से शिव जी की कृपा मिलती है. गाय हाथी घोड़ा रथ और घी का दान करने वाले व्यक्ति की संपत्ति बढ़ती है. जो लोग पूर्णिमा का व्रत करना चाहते हैं उन्हें इसका आरंभ कार्तिक पूर्णमासी से ही करना चाहिए. इस दिन से पूर्णिमा व्रत शुरु कर फिर प्रत्येक पूर्णिमा में व्रत और जागरण करते हुए भजन कीर्तन करने से सभी प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं.