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Alcohol Liquor : वाेडका पीकर सोई थी महिला, सुबह उठकर देखा तो रह गई हैरान

Alcohol Disadvantages : आपको जानकर हैरानी होगी कि एक महिला रात में वोडका पीकर सोई हुई थी और नशे के कारण वह करवट नहीं ले सकी और पैरों पर दबाव बनाकर लेटी रही। जिसके कारण ब्लड फ्लो रूक गया और सुबह उठकर देखा तो उस महिला के होश उड गए। आपको बता दें कि उसका तुरंत ऑपरेशन कराना पडा, जानिए पुरा मामला...
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Alcohol Liquor : वाेडका पीकर सोई थी महिला, सुबह उठकर देखा तो रह गई हैरान

HR Breaking News (नई दिल्ली)। एक 36 साल की कनाडाई महिला को दोस्तों के साथ नाइट आउट के बाद एक गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा. दरअसल, टोरंटो की एक महिला अपने दोस्तों के साथ नाइट आउट पर निकली थी. इस दौरान उसने जमकर वोदका (vodka ) पी. वोदका पीने के बाद महिला बेहोश हो गई.

मगर जब वो जगी तब अपनी हालत देखकर दंग रग गई. उसने देखा कि उसके पैर का साइज दोगुना हो गया था. आनन-फानन में महिला ने एम्बुलेंस बुलाई और अस्पताल में खुद को एडमिट कराया. महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टर ने तुरंत लाइफ सेविंग ऑपरेशन किया.


कई एक्स-रे और टेस्ट के बाद मालूम चला कि उसे 'कम्पार्टमेंट सिंड्रोम' ('Compartment Syndrome') है. ये एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की मांसपेशियों के टीशूज में दबाव बढ़ जाता है. महिला पूरी रात एक ही पोजिशन में अपने पैरों पर दबाव बनाकर लेटी रही, जिसकी वजह से ब्लड का फ्लो रुक गया. शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी के कारण मांसपेशियां यानी मसल्स और नर्व सेल्स को आघात पहुंचने (damage to nerve cells) लगता है, जिससे शरीर का प्रभावित हिस्सा सड़ने लगता है. 

डॉक्टर ने किया लाइफ सेविंग ऑपरेशन (life saving operation)
टोरंटो में माइकल गैरोन हॉस्पिटल के सर्जनों ने महिला का एक लाइफ सेविंग ऑपरेशन किया. जिसमें उन्होंने उसके बाएं पैर को काटकर खोल दिया. सूजन को कम करने और टॉक्सिन्स को ब्लडस्ट्रीम में एंट्री करने से रोकने के लिए उन्होंने मांसपेशियों को काट दिया. ऑपरेशन के बाद पैर के निचले हिस्से को ठीक करने के लिए सर्जनों ने महिला की जांघ से त्वचा निकाल कर प्रत्यारोपण किया.

महिला को अस्पताल से पांच हफ्ते के बाद डिस्चार्ज किया गया और कहा गया कि उसे तीन और हफ्तों तक बेड रेस्ट पर रहना है. महिला को एक साल तक हैवी पेनकिलर्स खाने का निर्देश भी दिया गया. यह घटना इस बात की चेतावनी है कि लोगों को शराब पीकर तुरंत सोने से बचना चाहिए.

कम्पार्टमेंट सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of compartment syndrome)


1. मांसपेशियों में सूजन या उभार महसूस होना

2. हल्कापन महसूस होना

3. हिलने-डुलने में कठिनाई होना

4. मांसपेशियों का सुन्न पड़ जाना और कमजोरी जैसा लगना

5. सुई चुभने की अनुभूति होना

6. मांसपेशियों में दर्द और जलन महसूस होना