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Delhi से भी सस्ते मिलते हैं यहां काजू और बादाम, लोग दूर-दूर से करने आते हैं खरीदारी

Dry Fruits Market in India : ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से हमारे शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। ड्राई फ्रूट्स की कीमतें काफी ज्यादा होती हैं इसी कारण से इन्हें हर कोई खरीद नहीं पता है। अगर आप भी ड्राई फ्रूट खरीदना चाहते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी जगह के बारे में जहां दिल्ली से भी सस्ते मिलते हैं काजू और बादाम।
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Delhi से भी सस्ते मिलते हैं यहां काजू और बादाम, लोग दूर-दूर से करने आते हैं खरीदारी

HR Breaking News - (Dry Fruits Market) अच्छा स्वास्थ्य मेंटेन रखने के लिए एक अच्छी डाइट का होना भी बेहद जरूरी है। डाइट में आगे ड्राई फ्रूट्स न हो तो उसे अधूरी माना जाता है। ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से हमारे शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। ड्राई फ्रूट्स की कीमतें काफी ज्यादा होती हैं इसी कारण से आम आदमी ड्राई फ्रूट्स खरीद नहीं पाता है। सुनने में आया है कि दिल्ली के लाजपत नगर बाजार में काफी सस्ते ड्राई फ्रूट्स मिलते है लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे बाजार के बारे में जहां से आपको दिल्ली से भी सस्ते ड्राई फ्रूट्स मिल जायेगे। जी हां, भारत में एक जगह ऐसी है, जहां ड्राई फूट्स बेहद कम कीमत में मिल जाते है। 1000 रुपये में बिकने वाले बादाम को इस बाजार से महज 200 रुपये किलो में खरीदा जा सकता है। चलिए खबर के माध्यम से जानते हैं ड्राई फ्रूट्स के इन बाजारों के बारे में विस्तार से।


सबसे सस्ता ड्राई फूट्स 


भारत के झारखंड राज्य में सबसे सस्ता ड्राई फूट्स बिकता है। झारखंड के जामताड़ा (Jamtara, Jharkhand) जिले को काजू नगरी (cashew city) के नाम से भी जाना जाता है। झारखंड में बड़ी मात्रा में काजू की खेती होती है। हर साल हजारों टन काजू की पैदावार होने के कारण यहां ड्राई फूट्स की कीमत (Price of dry fruits) कौड़ियों के भाव रहती है। 


ड्राई फूट्स के भाव


भारत की बाजारों में बढ़िया काजू की कीमत (Good cashew price) लगभग 900 रुपये से एक हजार रुपये किलो है। लेकिन जामताड़ा में सड़क किनारे लोग काजू-बादाम बेचते हैं। आसानी से काजू 100 रुपये किलो और बादाम 200 रुपये प्रति किलो खरीदा जा सकता है।


यहां क्यों सस्ता है काजू बादाम


जामताड़ा के नाला गांव में करीब 50 एकड़ जमीन पर काजू की खेती (cashew cultivation) होती है। यहां काजू के बड़े-बड़े बागान हैं। इस कारण बागान में काम करने वाले लोग बहुत ही सस्ते दाम पर ड्रायफ्रूट्स को बेच देते हैं। झारखंड की उपराजधानी (Deputy capital of Jharkhand) दुमका में भी काजू की खेती की जाती है।

 
इसके अलावा संथाल परगना प्रमंडल में काजू की भरपूर खेती होती है। यहां की जलवायु और मिट्टी काजू की खेती के लिए अनुकूल है। हालांकि किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इसके अलावा इलाके में कोई प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है, इस कारण ग्रामीण खेती से अधिक मुनाफा नहीं कमा पाते।