home page

Jaya Kishori Fee : एक कथा की कितनी फीस चार्ज करती हैं जया किशोरी, जानिये कहां करती है खर्च

द यूथ ने अपनी खबर में जया किशोरी के दफ्तर में काम करने वाले एक कर्मचारी के हवाले से लिखा कि एक कथा के लिए वो 9.5 लाख रुपये चार्ज करती हैं। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
 | 

HR Breaking News (नई दिल्ली)।  द यूथ ने अपनी खबर में जया किशोरी के दफ्तर में काम करने वाले एक कर्मचारी के हवाले से लिखा कि एक कथा के लिए वो 9.5 लाख रुपये चार्ज करती हैं। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.


रिपोर्ट के मुताबिक जया किशोरी एक कथा वाचन के लिए साढ़े 9 लाख रुपये चार्ज करती हैं, जिसमें से 4 लाख 25 हजार रुपये एडवांस में और बाकी कथा प्रवचन के बाद लेती हैं।

​बिना कुछ लिए भी करती हैं कथावाचन


हालांकि फीस को लेकर वो अडिग नहीं रहती। अगर कोई अपना या कोई गरीब उन्हें कथावाचन के लिए बुलाता है तो वो कई बार बिना कुछ लिए भी वहां प्रवचन करती हैं।

​कहां करती हैं खर्च​


इन पैसों का खर्च जया किशोरी अपने ऊपर नहीं बल्कि समाजसेवा के लिए करती हैं। अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा वो नारायण सेवा संस्थान (Narayan Seva Sansthan) को दान करती हैं। ये संस्था दिव्यांगों के कल्याण के लिए काम करता है।

​दिव्यांगों की मदद​


नारायण संस्थान दिव्यांगों को आर्थिक मदद पहुंचाती है। जया किशोरी अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा इस संस्था के जरिए लोगों के कल्याण के लिए दान करती हैं।

दान कर देती हैं कमाई


एक इंटरव्यू में जया किशोरी ने कहा था कि वो अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते जरूरतमंदों, दिव्यांगों की मदद नहीं कर पाती हैं। इसलिए वो दान के जरिए उनतक मदद पहुंचाने की कोशिश करती हैं।

​पेड़ लगाओ, बेटी पढ़ाओ​


जया किशोरी की आधिकारिक वेबसाइट आई एम जया किशोरी डॉट कॉम (iamjayakishori) के मुताबिक जया किशोरी अपनी कमाई का एक हिस्सा पेड़ लगाने में और बेटियों को पढ़ाने में खर्च करती हैं।

​सामाजिक कामों में रुचि​


किशोरी जी अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा सामाजिक कार्यों में खर्च करती है।

​कौन हैं जया किशोरी​


जया किशोरी का जन्म 13 जुलाई 1995 को कोलकाता के एक आध्यात्मिक परिवार में हुआ। उनका असली नाम जया शर्मा है। उनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा और मां का नाम सोनिया शर्मा है। उन्होंने महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से बीकॉम किया है। बचपन से ही उनका झुकाव आध्यात्म में रहा । वो श्रीकृष्ण की कहानियां सुना करती थी।

​बन गईं किशोरी जी​


9 साल की उम्र में उन्होंने संस्कृत में लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्त्रोत, रामाष्टकम जैसे स्रोत याद कर लिए। उनके गुरु गोविंद राम मिश्र थे, जिन्होंने उन्हें ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी थी। जया किशोरी ने अब तक शादी नहीं की है।