Love Tips : इन 5 तरीकों से जान सकते हैं, अपने पार्टनर के कितने दिल के करीब हैं आप
Signs Of Emotional Connection : रिश्ते बड़ अनमोल होते है, भावनात्मक संबंध रिश्तों को गहरा बनाते हैं आइए आज हम आपको बताते है कि आप किन तरीको से जान सकते है कि आप अपने पार्टनर के कितने दिल के करीब हैं।

HR Breaking News (नई दिल्ली)। कुछ रिश्ते जीवन जीने की जरूरतें होती हैं, जबकि कुछ रिश्ते हमारी भावनाओं की जरूरत होती हैं. ऐसे रिश्तों को हम बनाते नहीं, ये खुद हीं बनते जाते हैं और दो लोग बिना किसी शर्त या डिमांड के एक दूसरे का ख्याल रखने लगते हैं. यह ऐसा रिश्ता होता है जिसमें एक दूसरे की जरूरत, एक दूसरे की सुरक्षा और एक दूसरे को बेहतर बनाने और महसूस कराने का काम करता है. यह रिश्ता एक ऐसा कनेक्शन बनाता जाता है जिसमें शारीरिक रूप से करीब( ) होना मायने नहीं रखता. यह रिश्ते स्थाई होते हैं और ऐसे रिश्ते आपको हर वक्त एक खास आनंद देते हैं. अगर आप भी किसी के साथ कुछ ऐसा भावनात्मक जुड़ाव महसूस कर रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि आप किन संकेतों की मदद से इसे पहचान सकते हैं.
एक दूसरे की इच्छाओं और जरूरतों की परवाह- माइंडबॉडीग्रीन के मुताबिक(according to mindbodygreen), जब आप किसी की जरूरतों की परवाह करते हैं और वे आपकी परवाह करते हैं तो यह संकेत बताता है कि आप उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ चुके हैं. दरअसल, जब किसी के साथ भावनात्मक संबंध बनता है तो इंसान चाहता है कि वे हर हाल में खुश रहें. इसके लिए वह हर तरह से प्रयास करता है.
हर बात करते हैं शेयर- जब आप किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं तो आप अपने मूल्यों, विश्वास और सपनों को खुलकर एक दूसरे के साथ साझा करते हैं. अगर आपको अपने पार्टनर के साथ ऐसा करने में घबराहट महसूस होती है तो इसका मतलब यह है कि आपके बीच भावनात्मक दूरियां हैं.
एक दूसरे की बात ध्यान से सुनते हैं- जब आपका साथी आपके पास परेशानी या चिंताओं के साथ आता है, तो आप अपना हर काम छोड़कर उसकी बात को सुनते हैं, जिससे आपका साथ पूरी बात खुल कर बता पाता है. ध्यान से सुनना भावनात्मक जुड़ाव होने का एक संकेत है.
गहराई से जानते हैं एक दूसरे को- आप एक दूसरे की हर बात जानते हैं, चाहे वह बात उसके बचपन की हो या बुरे वक्त की. आपके बीच गहरा संबंध होता है और आप एक दूसरे की खामियों और अच्छाई, दोनों को ही जानते हैं.
एक दूसरे को जज नहीं करते- आप एक दूसरे को जज नहीं करते हैं और दोनों जानते हैं कि बिना निर्णय लिए किस तरह एक दूसरे को बेहतर महसूस कराया जा सके. अगर साथी से कुछ गलत हुआ है तो आप समाधान निकालते हैं ना कि उसे जज करने बैठ जाते हैं और उसके बारे में गलत सोचने लगते हैं. यह भी भावनात्मक जुड़ाव का संकेत हो सकता है.