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7th Pay commission: कर्मचारियों की लेवल 3 की सैलरी में इजाफा, Pay Matrix में चेंज

कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर। दरअसल कर्मचारियों की लेवल 3 की सैलरी में इजारफा हुआ है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी पे-मैट्रिक्स, फिटमेंट फैक्टर, महंगाई भत्ता, HRA और ट्रैवल अलाउंस को जोड़कर बनती है. अपने पे-ग्रेड के हिसाब से कोई भी कर्मचारी नया महंगाई भत्ता जोड़कर सैलरी कैलकुलेट कर सकता है.

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HR Breaking News, Digital Desk- केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ चुका है. महंगाई भत्ता बढ़ने के साथ ही कुल ग्रॉस सैलरी में भी अंतर आता है. 7वें वेतन आयोग में हर विभाग के हिसाब से Pay matrix बनाए गए हैं. पे-मैट्रिक्स में अलग-अलग पे-स्केल लेवल हैं. इन सबकी सैलरी अलग होती है. सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2016 से 7वां वेतन आयोग लागू किया गया था, उसके बाद से उनके सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव हुआ.

नया वेतनमान में ग्रॉस सैलरी करीब 14% बढ़ गई. हालांकि, इसके बाद मोदी सरकार ने DA को भी इसमें जोड़ना शुरू किया, जिससे सैलरी में और अंतर देखने को मिला. अपने पे-मैट्रिक्स के हिसाब से कोई भी कर्मचारी अपनी सैलरी की कैलकुलेशन कर सकता है.

छठे वेतन आयोग के मुकाबले 7वें वेतन आयोग में बड़ा फायदा मिला-


छठे वेतनमान में एंट्री लेवल पर बेसिक पे (Basic Salary) 7000 रुपए (पे बैंड 5200+ग्रेड पे 1800) थी. वहीं DA 125% प्रतिशत मिलता था, मतलब बेसिक से ज्‍यादा DA बनता था. बाकी भत्‍ते और कटौती मिलाकर कर्मचारी के हाथ में 14,757 रुपए महीना आता था. लेकिन, 7वां वेतनमान लागू होने के बाद मंथली ग्रॉस-पे में बड़ा इजाफा किया गया. DA को शून्य करके फिर से रिवाइज किया गया. मौजूदा समय में कर्मचारियों को 38% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जिसे जुलाई 2022 से लागू किया गया है.

पे-कमीशन बदलने पर कितनी बदली सैलरी?


छठे वेतन आयोग     7वां वेतन आयोग

7000                        18000
13500                      35400
21000                      56100
46100                     118500
80000                     225000
90000                     250000

फिटमेंट फैक्टर से जुड़ा पे-मेट्रिक्‍स-
पे-मैट्रिक्‍स (Pay Matrix) के आधार पर सैलरी बनती है. नए वेतनमान में पे-मैट्रिक्‍स को फिटमेंट फैक्‍टर (fitment factor) से जोड़ा गया था. शुरुआती लेवल के कर्मचारी को 2.57 गुना फिटमेंट फैक्‍टर के आधार पर सैलरी बनती है. मतलब पे मेट्रिक्‍स में लेवल 1 पर बेसिक 18 हजार रुपए प्रति माह है. वहीं, लेवल 18 पर यह 2.5 लाख रुपए प्रति माह है. यह व्‍यवस्‍था 1 जनवरी 2016 से लागू है.

लेवल-3 में कितना मिलती है पे-स्केल?


पहले समझिए पे-मैट्रिक्स क्या है और इससे कर्मचारियों की सैलरी पर क्या असर पड़ता है? और किस तरह सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलता है. 7वें वेतन के तहत पे-मैट्रिक्स लेवल 3 की बेसिक सैलरी पर पे-ग्रेड तय होता है. फिलहाल, level-3 में बेसिक पे स्ट्रक्चर न्यूनतम 21,700 रुपए है और अधिकतम या 40 इंक्रीमेंट के साथ 69,100 रुपए होता है.


ऐसे समझें लेवल-3 का सैलरी स्ट्रक्चर-


उदाहरण से समझते हैं. कोई भी सरकारी कर्मचारी अगर किसी डिपार्टमेंट में पे मैट्रिक्स लेवल 3 के अंतर्गत आता है. उसका बेसिक मूल वेतन 21,700 रुपए है तो आइए जानते हैं कि उस कर्मचारी की कुल सैलरी कितनी होगी?

- लेवल और ग्रेड-पे: स्तर -3 (ग्रेड-पे-2000)
- स्थान: दिल्ली
- मूल वेतन (Basic Pay): 21,700 रुपए
- महंगाई भत्ता (DA): 8246 रुपए (मूल वेतन का 38%)


- हाउस रेंट अलाउंस (HRA): 5,859 रुपए (27% / X शहर)
- यात्रा भत्ता (Travelling Allowance): 4,968 रुपए (TA of Level-3 for A1 Class Cities)
- कुल सैलरी (Gross Salary) : 40,773 रुपए