बैडरूम की कहानी : घर का दरवाज़ा खोलते ही पति के पैरों तले से निकली ज़मीन, किसी दूसरे आदमी के साथ बीवी बिस्तर पर कर रही थी ये काम
HR Breaking News, New Delhi : उस रात जैसे ही वह फ्लैट में दाखिल हुआ तो बेडरूम से आ रही आवाज़ों से साफ ज़ाहिर था कि अंदर क्या हो रहा था. पूरा दिन तैश और परेशानी में बिताने के बाद ये मंज़र उसके लिए एक ट्रिगर बन चुका था. उसने अपनी अलमारी की दराज़ से पिस्तौल निकाली और ये किस्सा खत्म कर देने के इरादे से बेडरूम की तरफ गया. फिर एक कत्ल हुआ लेकिन कहानी यहां तक पहुंची कैसे?
20 वर्षीय ईसा एक सिपाही था. फोर्ट कार्सन की फौज में शामिल हो चुका था. यह उसके करियर की शुरुआत थी और उसे अपनी वर्दी में फख्र महसूस होता था. कुछ ही वक्त पहले उसने मायरा से शादी की थी. मायरा को वह काफी वक्त से जानता था और उसके व मायरा के बीच आॅन-आॅफ दोस्ताना संबंध रहे थे. दोनों मिलते रहे थे और बार-बार बिछड़त रहे थे.
अमेरिका के कोलोरैडो में फौज की पढ़ाई और ट्रेनिंग के सिलसिले में जब ईसा बिज़ी हो गया था, तब मायरा के जीवन में कुछ और घट रहा था. मायरा का बॉयफ्रेंड था शाकिर. दोनों के बीच अंतरंग संबंध बन रहे थे. संबंध इतने गहरे हुए कि मायरा प्रेगनेंट हुई और उसने शाकिर के बच्चे को जन्म भी दिया. इसके बावजूद दोनों ने शादी नहीं की बल्कि बच्चे के जन्म के बाद दोनों अलग हो गए.
इसके कुछ वक्त बाद फौजी के रूप में ईसा फिर मायरा के जीवन में लौटा. मायरा ने अपने बच्चे के बारे में बताते हुए ईसा को पूरी कहानी सुनाई. ईसा ने मायरा की कहानी सुनकर पूछा कि उसका क्या इरादा था? तो मायरा ने कहा कि वह ज़िंदगी में सैटलमेंट चाहती थी और एक ऐसे इंसान के साथ जीवन बिताना चाहती थी जो उसका खयाल रख सके.
ईसा पहले से ही मायरा की तरफ आकर्षित रहा था इसलिए वह उसे प्रपोज़ करना चाहता था. इससे पहले ही मायरा ने यह भी साफ कर दिया था कि अब उसका शाकिर के साथ कोई संबंध नहीं रह गया था. ईसा ने मायरा को प्रपोज़ किया और कुछ बातचीत के बाद मायरा ने शादी के लिए हामी भर दी. कुछ ही दिनों में ईसा और मायरा पति पत्नी के तौर पर कोलोरैडो स्प्रिंग्स के एक फ्लैट में रहने लगे.
इस बीच, शाकिर अतीत का हवाला देते हुए फिर मायरा के साथ जज़्बाती हुआ और दोनों के बीच फिर शारीरिक संबंध बनने लगे. कुछ दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा. शाकिर भी उसी जगह फौजी के रूप में पोस्टेड था, जहां ईसा इसलिए उसे सबकी शिफ्ट का पता होता था. वह ईसा की गैर मौजूदगी में मायरा से मिलने जाता और अक्सर दोनों के बीच संबंध बनते.
ईसा और मायरा के बीच झगड़े होने लगे और बढ़ने लगे. बात बढ़ने लगी और मायरा का झुकाव शाकिर की तरफ होने लगा. बीते 16 नवंबर को मायरा ने साफ साफ बात करते हुए ईसा से तलाक मांगा. 'मुझ पर एहसान करो ईसा, मुझे इस उलझन में और नहीं जीना, प्लीज़..' ईसा को कहीं न कहीं उम्मीद थी कि मायरा के दिल में उसके लिए कोई नर्म कोना होगा, लेकिन अब यह उम्मीद भी टूटी तो गुस्से में वह बाहर चला गया.
शाम तक वह एक बार में अकेला बैठा रहा. कुछ ड्रिंक्स लेने के बाद फिर किसी सुनसान जगह पर गया और फिर नाइट शिफ्ट में ड्यूटी पर. मायरा और अपने रिश्ते के बारे में बीता हुआ बहुत कुछ याद करता रहा. ईसा ने तय किया कि वह एक बार और मायरा को समझाकर अपनी तरफ वापस खींच लाने की कोशिश करेगा. इसी उधेड़बुन में देर रात दो बजने से कुछ पहले अपने फ्लैट पर पहुंचा.
अपनी चाबी से दरवाज़ा खोलकर ईसा जब अंदर दाखिल हुआ तो उसे मास्टर बेडरूम से कुछ आवाज़ें सुनाई दीं. उसे शक हुआ तो उसने बेडरूम के दरवाज़े के और पास जाकर सुना. इन आवाज़ों से साफ था कि मायरा और शाकिर शारीरिक संबंध बना रहे थे. आव देखा न ताव, ईसा ने बेहद तैश में अलमारी से अपनी पिस्तौल निकाली. ईसा की इस उठापटक के चलते बेडरूम से आवाज़ें आना बंद हो गईं.
पिस्तौल लेकर ईसा ने बेडरूम का दरवाज़ा ज़ोर से खोला. सिर्फ एक चादर में खुद को लपेटे मायरा ने ईसा को रोकने की कोशिश की. ईसा ने हर तरफ देखा लेकिन शाकिर नहीं दिख रहा था. 'कहां है वो? कहां है?' ईसा यही दोहरा रहा था और मायरा कह रही थी - 'प्लीज़ स्टॉप ईसा, पिस्तौल छोड़ो प्लीज़.' एक चीख पुकार के बीच ईसा को एक आहट मिली और उसने देखा तो शाकिर एक अलमारी में छुपा हुआ था.
ईसा पिस्तौल तानकर शाकिर की तरफ बढ़ा तो मायरा ने उसे रोकने की जद्दोजहद की. ईसा ने मायरा को धकेलकर अलग किया और तभी शाकिर ने धमकी भरे लहजे में मायरा को छोड़ने के लिए कहते हुए अलमारी से निकलने की कोशिश की. ऐन उसी वक्त ईसा की पिस्तौल से गोली चली और शाकिर अलमारी के पास ही ढेर हो गया. मायरा रोती-चीखती अपना सिर पकड़कर बैठ गई.