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Nitin Gadkari - कार खरीदने वालों की हो गई मौज, नितिन गडकरी ने लिया बड़ा फैसला

अगर आप भी कार खरीदने का प्लान बना रहे है तो ये खबर आपके फायदे की है। दरअसल नितिन गडकारी के एक नए फैसले से कार खरीदारों की मौज होने वाली है। आइए नीचे खबर में जानते है गड़कारी का नया प्लान।
 
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Nitin Gadkari - कार खरीदने वालों की हो गई मौज, नितिन गडकरी ने लिया बड़ा फैसला 

HR Breaking News, Digital Desk-  केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि उन्हें फ्लेक्स फ्यूल, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसी क्लीन एनर्जी से चलने वाले वाहनों की खरीद के लिए सस्ता कर्ज देना चाहिए.

गडकरी ने महाराष्ट्र में ठाणे जिले के कल्याण में एक सहकारी बैंक के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि उनका सपना है कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहन अगले चार-पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से हटा दिए जाएं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैंकों को उद्योगों का मूल्यांकन पिछले पांच वर्षों में कई मापदंडों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर करना चाहिए और इस प्रक्रिया में अधिक अंक पाने वालों को 24 घंटे के भीतर ही कर्ज दे देना चाहिए.

सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के बारे में गडकरी ने कहा कि एक गैर-वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बस के संचालन पर आने वाली लागत 39 रुपये प्रति किलोमीटर है, जबकि एसी इलेक्ट्रिक बस के लिए यह लागत 41 रुपये प्रति किलोमीटर है.

टिकट में आ सकती है 30 फीसदी तक की कमी-


गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन यात्रियों के हित में है. उन्होंने कहा कि डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलकर यात्रियों के लिए टिकट की कीमतों में 30 फीसदी तक की कमी की जा सकती है. इससे पहले उन्होंने ने कहा था कि वैकल्पिक, स्वच्छ और हरित ईंधन मसलन जैव एथनॉल, जैव-सीएनजी, जैव-एलएनजी और हरित हाइड्रोजन के विकास पर काम किया जा रहा है.


देश के वाहन उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत-


केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में बताया कि फिलहाल देश का वाहन उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है. वह इसे 15 लाख करोड़ रुपये पर ले जाना चाहते हैं. ‘‘इससे बड़ी संख्या में नए रोजगार पैदा होंगे.’’ उन्होंने कहा कि वह निर्माण की लागत को कम करना चाहते हैं. ‘‘हम इस्पात और सीमेंट के इस्तेमाल को न्यूनतम करने का प्रयास कर रहे हैं.’’

एक से अधिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों की जरूरत-


इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिये एक से अधिक ईंधन पर चलने वाली गाड़ियों (फ्लेक्स फ्यूल) और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है.

‘फ्लेक्स फ्यूल’ के लिये उपयुक्त वाहनों में एक से अधिक ईंधन या दो ईंधन के मिश्रण को उपयोग किया जा सकता है. आमतौर पर ऐसे वाहनों में ईंधन के रूप में पेट्रोल और एथनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है.