Haryana में चल रहा नकली दूध का कारोबार, टीम ने छापेमारी कर पकड़ा 20 हजार लीटर दूध

HR Breaking News चंडीगढ़। हरियाणा में बड़े पैमाने पर नकली और मिलावटी दूध का कारोबार हो रहा है। सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के माध्यम से प्रदेश सरकार तक जब यह बात पहुंची तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य भर में ऐसे कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाने के आदेश दे दिए। सीएम फ्लाइंग ने शुक्रवार राज्य भर में नकली व मिलावटी दूध बेचने वालों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया। इससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया।
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सीएम फ्लाइंग में शामिल अधिकारियों की टीम ने शाम तक करीब 20 हजार लीटर मिलावटी व नकली दूध पकड़कर उसे नष्ट कर दिया है। सीआइडी चीफ आलोक कुमार मित्तल के दिशा-निर्देश में राज्य भर में सीएम फ्लाइंग ने छापेमारी अभियान चलाया। मिलावटी दूध के मामलों की शिकायत के आधार पर सीएम फ्लाइंग ने दोपहर बाद तक चार जिलों की दूध डेरियों पर छापे मारे और 13 जिलों में यह अभियान अभी जारी है। इसके अतिरिक्त, सीएम फ्लाइंग द्वारा अन्य जिलों में भी ऐसे छापेमारी की जाएगी।
हरियाणा के कई जिलों में सीएम फ्लाइंग ने दूध डेयरियों पर रेड की। इस दौरान टीम की निगरानी में फूड सेफ्टी ऑफिसर द्वारा FSO मोबाईल लैब से मौके पर ही सैंपलिंग व टेस्टिंग भी की गई। तकरीबन 20000 लीटर दूध मानव उपयोग के लिए सही नहीं पाया गया, जिसे नष्ट किया गया। #Haryana #DIPRHaryana pic.twitter.com/rFfbmQLAfq
— DPR Haryana (@DiprHaryana) March 4, 2022
सीएम फ्लाइंग द्वारा अब तक जिला भिवानी, फतेहाबाद, पलवल और यमुनानगर में दूध डेरियों पर छापेमारी की गई है, जबकि सोनीपत, पंचकूला, यमुनानगर फरीदाबाद, हिसार, नारनौल, भिवानी अंबाला, पानीपत, रेवाड़ी, फ़तेहाबाद, करनाल व झज्जर जिलों में दूध की डेरियों में छापेमारी का अभियान जारी है। सीआइडी चीफ आलोक मित्त ने बताया कि छापेमार कार्रवाई के दौरान सीएम फ्लाइंग की टीम की निगरानी में फूड सेफ्टी आफिसर द्वारा एफएसओ मोबाइल लैब से मौके पर ही सैंपलिंग व टेस्टिंग भी की जा रही है।
फरीदाबाद के खोरी में अवैध कब्जे हटाने से विस्थापित हुए परिवारों को अप्रैल के अंत तक आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) परिवारों के लिए निर्मित आवासों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। डबुआ कालोनी और बापू नगर में जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल के तहत निर्मित 2545 ईडब्ल्यूएस आवासों का कब्जा इन परिवारों को दिया जाएगा। फरीदाबाद नगर निगम ने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में अंडरटेकिंग दी है।फरीदाबाद एनआइटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा में खोरी के विस्थापितों के पुनर्वास का मुद्दा उठाया जिसके जवाब में शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने यह जानकारी दी।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत खोरी में गरीबों के घर तो गिरा दिए गए, लेकिन उन्हें पुनर्वासित नहीं किया गया। साथ ही सवाल उठाया कि खोरी में उस दौरान घरों के निर्माण के समय पर नियुक्त किए गए पुलिस, बिजली विभाग, नगर पालिका तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है।शहरी निकाय मंत्री ने सदन पटल पर रखे जवाब में बताया कि फरीदाबाद नगर निगम की जमीन पर गांव लक्कड़पु़र के राजस्व एस्टेट में स्थित खोरी झुग्गी बस्ती में 5158 घरों और झुग्गियों सहित कुल छह हजार 663 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है।
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प्रदेश सरकार ने विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए ''आवास योजना'' को मंजूरी दी है। 15 नवंबर 2021 तक कुल छह हजार 92 लोगों ने आवास के लिए आवेदन किए हैं। इन आवेदनों की जांच की जा रही है। अब तक 1027 आवेदन योजना के पात्र पाए गए हैं व शेष आवेदनों की जांच जारी है। कमल गुप्ता ने बताया कि नगर निगम फरीदाबाद की भूमि पर अतिक्रमण बहुत पहले से था। समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की गई, लेकिन अदालत द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के चलते कब्जे नहीं हटाए जा सके। नगर निगम ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से अतिक्रमण के दौरान तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों का विवरण मांगा गया है। पूरा ब्योरा मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।