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IRCTC : खुशखबरी! अब ट्रेन में नहीं लिए जाएंगे ज्यादा पैसे, लिया गया ये फैसला

जैसा की आपने देखा होगा ट्रेनों में यात्रा करते समय आपको खाने पिने की चिजों की जरूत होती है। और आपको जितना बोल दिया जाता है आप उतना ही लेते हैं क्योंकि उस समय कोई विकल्प नहीं होता लेकिन अब ऐसा नहीं होगा खाने पिने की चिजों के आपसे ज्यादा पैसे नहीं लिए जाएंगे सरकार का बड़ा फैसला आया है जानिए क्या है पूरी बात। 

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IRCTC : खुशखबरी! अब ट्रेन में नहीं लिए जाएंगे ज्यादा पैसे, लिया गया ये फैसला

HR Breaking News : ब्यूरो : रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के सार्वजनिक उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) ने इसके लिए एक बढ़िया उपाय ढूंढा है। अब सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेन (Mail Express Trains) में पेंट्री कार के वेटर या फिर लाइसेंसी वेंडर अपने गले में मेन्यू कार्ड ले कर चलेंगे। इसी में क्यूआर कोड भी छपा होगा ताकि यात्री डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) कर सकें। इसकी शुरूआत नई दिल्ली से पटना के बीच चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस (Sampoorna Kranti Express) में हो चुकी है। जल्दी ही इसका विस्तार अन्य मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में भी किया जाएगा।


जानिए क्या होती है overcharging


Train में आप सफर करते होंगे तो आप इस अनुभव से जरूर दो-चार हुए होंगे। चलती ट्रेन में आपसे चाय या कॉफी के लिए 20 रुपये चार्ज किया जा रहा होगा। आप समझते होंगे कि चाय का यही रेट है। लेकिन आप यदि रेलवे का मेन्यू कार्ड देखिए तो उसमें स्टेंडर्ड टी का रेट पांच रुपये कप है। यदि आप टी बैग वाली चाय का रेट 10 रुपये है। इसी तरह से इंस्टैंट कॉफी पाउडर से बनी कॉफी भी 10 रुपये में ही मिलेगी।


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पानी की बोतल भी MRP पर नहीं मिलता


अभी हाल में ही Vikramshila Express से भागलपुर से दिल्ली आए यात्री Abhishek Kumar ने अपनी आपबीती हमें सुनाई। उन्होंने बताया कि एक लीटर पानी का बोतल खुलेआम 20 रुपये में बेचा जा रहा था। वह भी किसी मशहूर कंपनी का नहीं बल्कि गुमनाम लेबल का पानी बोतल। रेल नीर तो मांगने पर भी नहीं मिलता है। जब ट्रेन के वेंडर से कहा गया कि पानी की बोतल की कीमत तो 15 रुपये है तो वेंडर का टका सा जवाब कि जहां मिलता है, वहीं से ले लो।
नाश्ते में भी लूट


IRCTC के मुताबिक ट्रेन में मिलने वाले नाश्ते के पैकट की कीमत 40 रुपये है। यदि आप वेज ब्रेकफास्ट लेते हैं तो उसमें दो पीस ब्रेड की स्लाइस होनी चाहिए। उस स्लाइस का वजन भी कम से कम 50 ग्राम होना चाहिए। इसके साथ ही दो कटलेट, जिनका वजन 100 ग्राम होना चाहिए। इसके साथ बटर का 8 ग्राम का ब्लिस्टर पैक, 12 ग्राम वजन वाला टोमेटो केचअप का एक शैसे, एक नैपकिन और एक डिस्पोजेबल स्पून होना जरूरी है। आमतौर पर ट्रेन के वेंडर नाश्ते का पैकेट 50 रुपये में बेचते हैं। साथ ही पैकेट में सामान भी उतना नहीं होता, जितना मेन्यू कार्ड में उल्लेख होता है।


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स्टेंडर्ड मील तो दिखता भी नहीं(Standard meal is not even visible)


नियम है कि सभी ट्रेन में पेंट्री कार (Pantry car) के वेंडर स्टेंडर्ड मील बेचेंगे। यदि कोई यात्री वेज मील लेता है तो उसमें प्लेन राइस 150 ग्राम, रैप किया गया दो पराठा या 4 रोटी हो जिसका वजन 100 ग्राम हो। इसके साथ 100 ग्राम गाढ़ी दाल, 100 ग्राम मिक्स वेज, दही 80 ग्राम और एक शैसे में 12 ग्राम अचार। साथ ही ट्रे में एक नैपकिन और एक डिस्पोजेबल स्पून भी होना जरूरी है। इन सबकी कीमत 80 रुपये है। देखा यह जाता है कि ट्रेन के वेंडर यह सब नहीं बेच कर अला कार्टा फूड बेचते हैं। उसमें सामग्री तो कम होती है लेकिन दाम महंगा होता है।


अब मेन्यू कार्ड पहनेंगे वेटर(Now the waiter will wear the menu card)


अब सभी ट्रेन के वेटर गले में आई कार्ड की तरह मेन्यू कार्ड पहनेंगे। इस मेन्यू कार्ड में क्यूआर कोड भी अनिवार्य रूप से डला होगा। इस क्यूआर कोड का उपयोग digital payment करने में होगा। यदि कोई यात्री किसी पेमेंट वॉलेट या भीम यूपीआई या गूगल पे आदि से पेमेंट करना चाहे तो वैसा हो सकेगा। साथ ही वेटर के पास पॉश मशीन भी होगा ताकि उससे तुरंत बिल निकाल सके। इस योजना का परीक्षण पटना और नई दिल्ली के बीच चलने वाली संपूर्ण Kranti Express में हो चुकी है। जल्दी की इसका विस्तार अन्य ट्रेनों में भी किया जाएगा।


कोई वेंडर इन नियमों को नहीं माने तो क्या(What if a vendor does not follow these rules)


यूं तो रेलवे ने पहले ही नो bill no payment rule बना रखा है। लेकिन इसे शायद ही कोई वेंडर मानते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ट्रेन के वेंडर गले में मेन्यू कार्ड तो पहनेंगे ही, वे साथ में एक पॉश मशीन लेकर चलेंगे। इस पॉश मशीन से वहीं बिल निकलेगा। इसी बिल के आधार पर डिजिटल पेमेंट होगा। यदि केाई वेंडर बिल पेमेंट करने में आनाकानी करते हैं तो उसकी हाथों हाथ शिकायत हो सकेगी।


IRCTC के नियमों को सख्त करने के बाद भी यदि कोई वेंडर इसे नहीं माने तो क्या होगा, इस सवाल पर आईआरसीटीसी के अधिकारी करते हैं कि यात्री इसकी शिकातय तत्काल करें। वे आॅनलाइन रेल मदद पर शिकायत कर सकते हैं। वह चाहें तो IRCTC के हेल्पलाइन नंबर 139 नंबर पर भी शिकायत कर सकते हैं। इस नंबर पर सप्ताह के सातों दिन और चौबीस घंटे आपको रिस्पांस मिलेगा।