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Loan Waived - बड़ी खबर, 11 लाख करोड़ रुपये का लोन किया माफ, वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी

वित्त मंत्रालय की ओर से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। जिसके तहत ये कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से 11 लाख करोड़ रुपये का लोन माफ किया गया है। आइए नीचे खबर में जानते है इस अपडेट को विस्तार से। 

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HR Breaking News, Digital Desk- बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल की अवधि में अपने बही-खाते से 11.17 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाला है. यह जानकारी संसद को मंगलवार को दी गई. वहीं वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि साल 2014 से अब तक सरकार ने विनिवेश और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) की रणनीतिक बिक्री से 4.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं.


वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) जिनमें चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान वाले ऋण भी शामिल हैं, को बट्टे खाते में डालकर बैंकों के बही-खाते से हटाया गया है. उन्होंने कहा कि बैंक अपनी बही-खाते को दुरुस्त करने, कर लाभ प्राप्त करने और पूंजी का महत्तम इस्तेमाल करने के लिए अपने नियमित अभ्यास के रूप में एनपीए को बट्टे खाते में डाल देते हैं.

उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों और उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार डूबे कर्ज को बट्टे खाते में डालने का काम किया जाता है. उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने पिछले छह वित्त वर्षों के दौरान क्रमशः 8,16,421 करोड़ रुपये और 11,17,883 करोड़ रुपये की कुल राशि बट्टे खाते में डाली.


वहीं वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सरकार ने 2014 से विनिवेश और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) की रणनीतिक बिक्री से 4.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं. इसमें से सबसे ज्यादा 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि 59 मामलों में बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये जुटाई गई है. इसके बाद एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये 10 किस्तों में हिस्सेदारी बिक्री कुल मिलाकर 98,949 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं.

पिछले आठ साल में एयर इंडिया समेत 10 कंपनियों में रणनीतिक बिक्री से सरकारी खजाने को 69,412 करोड़ रुपये मिले. वहीं 45 मामलों में शेयर पुर्नखरीद से 45,104 करोड़ रुपये मिले. वर्ष 2014-15 से 17 सीपीएसई सूचीबद्ध हुए जिनसे 50,386 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. सरकार को इसमें से अकेले बीमा कंपनी एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 20,516 करोड़ रुपये मिले.