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मेरी कहानी: पति के घर से बाहर जाने पर पत्नी सहकर्मी को बुलाती थी घर, पति ने ऐसे पकड़ा रंगे हाथ

रिलेशनशिप में एक दूसरे पर विश्वास होना बेहद जरूरी है। आज की कहानी में रिश्तों मे विश्वासघात को ब्यां करती दिखाई दे रही है। जहां पति के घर से बाहर जाने के बाद पत्नी अपने सहकर्मी को घर बुलाया करती थी। जिसकी भनक लगते ही पति ने प्लान बनाकर ऐसे पकड़ा रंगे हाथ
 
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मेरी कहानी: पति के घर से बाहर जाने पर पत्नी सहकर्मी को बुलाती थी घर, पति ने ऐसे पकड़ा रंगे हाथ

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, मैं एक अविवाहित आदमी हूं। मैं एक लड़की के साथ पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा हूं। मैं उसे बहुत प्यार करता हूं। वह भी मुझे चाहती है। लेकिन समस्या यह है कि मुझे उसके एक साथी से डर लगने लगा है। दरअसल, हमारे बीच सब कुछ बढ़िया चल रहा था, लेकिन जब मेरी प्रेमिका ने अपने एक सहयोगी के साथ फोन पर बात करना शुरू कर दिया, तो धीरे-धीरे सब खराब होने लगा।

वह एक बहुत अच्छा दिखने वाला आदमी है। उन दोनों के बीच बहुत ज्यादा अच्छी बनती भी है। यही एक वजह भी है कि उन दोनों की गहरी दोस्ती देखकर मुझे बिल्कुल भी अच्छा महसूस नहीं होता।


शायद इसका एक कारण यह भी है कि मेरी गर्लफ्रेंड उस लड़के के साथ बहुत ज्यादा खुश रहती है। वह उसे हंसाता है। वह उसके लिए खाना भी बनाता है। वह दोनों साथ में मजे करते हैं। वहअक्सर उसे घर भी बुलाती रहती हैं। ऐसा नहीं है कि मैंने अपनी प्रेमिका से उसके मन की बात नहीं जाननी चाही, लेकिन उसने कहा कि वह उसके लिए प्यार वाली कोई भावना नहीं रखती। हालांकि, मैं भी जानता हूं कि वह मुझे लेकर बहुत ही लॉयल है। लेकिन मैं उस आदमी को लेकर बिल्कुल भी सहज नहीं हूं। मुझे नहीं पता कि क्या करना है? वह जब भी हमारे घर आता है, तो मैं अपनी गर्लफ्रेंड से लड़ने लगता हूं। मुझे डर है कि अपने इस व्यवहार से मैं उसे खो न दूं। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)


एक्सपर्ट का जवाब
प्रेडिक्शन फॉर सक्सेस के को-फाउंडर और सीनियर रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज कहते हैं कि मैं बहुत अच्छे से समझ सकता हूं कि आप अपने रिश्ते में इस समय कितनी ज्यादा असुरक्षा की भावना महसूस कर रहे होंगें। लेकिन इसके बाद भी मैं यही कहूंगा कि अपनी प्रेमिका पर भरोसा करें।

ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है, जिसकी वजह से आप उन्हें गलत समझने लगें। आपका अपने रिश्ते को लेकर परेशान होना बहुत ही लाजमी है। लेकिन बेवजह अपने साथी पर शक करना भी सही नहीं है। आपके केस में अंतर केवल भावनाओं की 'अवधि और परिमाण' का है।


अपनी तुलना मत करो
जैसा कि आपने बताया कि आपकी प्रेमिका अपने साथी को घर बुलाती रहती हैं। वह दोनों साथ में बहुत मजे भी करते हैं। ऐसे में मैं आपको बता दूं कि रिश्ते के पहले 1-2 में अधिकांश जोड़े इस प्रकार के मुद्दों का सामना करते हैं। यह वह समय होता है, जब वह अपने पार्टनर को लेकर बहुत ज्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं। आपके साथ भी मुझे कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। आप अपनी प्रेमिका के साथ आगे का सोच रहे हैं। यही एक वजह भी है कि आपकी उनकी उनके कलीग के साथ दोस्ती बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही।

ऐसे में मैं केवल आपको यही सलाह देना चाहूंगा कि उनके साथी के साथ अपनी तुलना मत करो। ऐसा इसलिए क्योंकि तुलना का कोई अंत नहीं है। यह बेकार है। यह असुरक्षा एक समय बाद संदेह का माहौल पैदा करती है, जो किसी भी रिश्ते की स्वतंत्रता और विश्वास को नष्ट कर देती है।


अपने साथी से खुलकर बात करें
आपकी सभी बातों को सुनने के बाद मैं आपसे यही कहूंगा कि आप दोनों के बीच कोई भरोसा नहीं है। ऐसा इसलियए क्योंकि आप पिछले एक साल से लिव-इन कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी आपके रिश्ते में प्यार-विश्वास और संचार की कमी साफ दिख रही है। ट्रस्ट क्या है? किसी को बिना शर्त अपना सबकुछ समर्पण। यही एक वजह भी है कि अगर दोनों के बीच विश्वास नहीं है, तो रिश्ते में प्यार कभी नहीं हो सकता है।

प्यार और विश्वास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका रिश्ता हमेशा बेहतर-मजबूत और गहरे बंधन का साझेदार बने, तो आपको अपने साथी पर भरोसा करना सीखना होगा। आप अपनी चिंताओं और अपने डर को अपने साथी के साथ खुलकर व्यक्त करें। उन्हें बताएं कि आप कैसा फील कर रहे हैं।